अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेबी’ तो आपने देखी ही होगी। दुश्मन को उसके घर से धर दबोचने के जो दृश्य उसमें दिखाये गए थे, उसने सबको चौंका दिया था। यही कारण था कि फिल्म सूपर हिट रही। अब ठीक ‘बेबी’ फिल्म की तरह ही भारतीय एजेंसियों ने भी दुबई से दो देश के दलालों को दबोचा है। भारतीय एजेंसियों ने इस काम को इस तरह अंजाम दिया कि दलालों के घर वाले आश्चर्यचकित रह गए। ये दो दलाल वीवीआईपी हेलीकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में आरोपी हैं। दलालों के नाम हैं, राजीव सक्सेना और दीपक तलवार। ईडी अब इनसे कड़ी पूछताछ कर रही है।
Deepak Talwar, a corporate lobbyist, to be brought to India along with Rajiv Saxena (an accused in AgustaWestland case) by the plane of the government of India. Enforcement Directorate to take custody. pic.twitter.com/RwBMQ0AiEU
— ANI (@ANI) January 30, 2019
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में भारत सरकार को क्रिश्चियन मिशेल के बाद एक और बड़ी कामयाबी मिली है। इस बार भारत सरकार ने इस वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे मामले में एक अन्य आरोपी राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से प्रत्यर्पण कर भारत लाने में सफलता पाई है। यह जानकारी खुद सक्सेना के वकीलों ने दी है। इस बारे में सक्सेना के वकील गीता लूथरा और प्रतीक यादव ने मीडिया से बताया कि, राजीव सक्सेना को सुबह 9:30 बजे (यूएई के समयानुसार) उनके घर से यूएई पुलिस द्वारा उठा लिया गया।
आरोपी राजीव सक्सेना के वकीलों ने इसे गैरकानूनी बताते हुए कहा कि राजीव को अवैध तरीके से करीब 5:30 बजे (यूएई के समयानुसार) भारत प्रत्यर्पित किया गया। खबरों की मानें तो राजीव सक्सेना बुधवार रात तक भारत पहुंच सकता है। बता दें कि सक्सेना दुबई स्थित कंपनी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक हैं। हेलीकॉप्टर सौदे मामले में उनका एक अहम रोल है। दीपक सक्सेना के साथ कॉर्पोरेट पैरोकारी दीपक तलवार को भी भारत लाया जा रहा है। यह अपने आप में इस मामले में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सक्सेना के वकीलों ने कहा, “यूएई में प्रत्यर्पण की कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई थी और उन्हें परिवार या वकीलों से संपर्क करने या आवश्यक दवाई लेने नहीं दिया गया है। उन्हें दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक प्राइवेट टर्मिनल के जरिये प्राइवेट जेट में बैठाया गया था।”
वकीलों ने यह भी कहा कि, “जब उनके वकीलों ने यूएई स्टेट सिक्यॉरिटी से बात की और मामले को समझने की कोशिश की तो उन्हें कहा गया कि वे (राजीव सक्सेना) फ्लाइट में हैं और रोका नहीं जा सकता है। जब उन्होंने और अधिक पूछा तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार से बात करें।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल दिसंबर में सक्सेना की जमानत याचिका के खिलाफ जवाब देते हुए कोर्ट में उसके भारत प्रत्यर्पण के अनुरोध को लेकर कहा था कि वह बार-बार सूचित किए जाने के बावजूद जांच में शामिल होने में असफल रहा। पिछले साल 6 अक्टूबर को कोर्ट ने सक्सेना के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। पिछले महीने ही इस मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाया गया था। जिसके बाद सीबीआई और ईडी लगातार उससे पूछताछ कर रही है।
बता दें कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने की बात सामने आई थी। इसके बाद मामले की जांच में कई लोगों के नाम सामने आए थे। इसमें क्रिश्चियन मिशेल और राजीव सक्सेना का नाम भी शामिल था। इसके अलावा ईडी ने 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे में हुई गड़बड़ी मामले में आरोप-पत्र दायर किये थे। ईडी ने अपने आरोप-पत्र में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी, उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी, वायुसेना के तत्कालीन वाईस चीफ जे एस गुजराल और वकील गौतम खेतान के नाम भी शामिल किये थे। यहां तक कि ईडी ने अपने आरोप-पत्र में खेतान को इस सौदे के पीछे का मुख्य व्यक्ति बताया गया था।
यही नहीं, ईडी ने दुबई स्थित कंपनी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक राजीव सक्सेना, उनकी पत्नी शिवानी सक्सेना ओर वकील गौतम खेतान की पत्नी ऋतु खेतान का नाम भी अपने आरोपपत्र में शामिल किया था।
उल्लेखनीय है कि भारत ने करार की शर्तों के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये रिश्वत देने के आरोपों में एक जनवरी, 2014 को फिनमेक्के निका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ करार रद्द कर दिया था। यह करार वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए था।
सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, त्यागी ने करार के बिंदुओं में बदलाव के लिए कथित रूप से बिचौलियों और कई देशों में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड से करोड़ों रुपये रिश्वत ली थी। हेलिकॉप्टरों की उड़ान क्षमता मूल रूप से 6,000 मीटर प्रस्तावित थी लेकिन उसे घटाकर 4,500 मीटर कर दिया गया था। यही नहीं, हेलिकॉप्टर के केबिन की ऊंचाई भी घटाकर 1.8 मीटर कर दी गई थी।
हेलीकॉप्टर में किये गये ये दोनों ही बदलाव कथित रूप से सौदे को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में करने के लिए किए गए थे। बता दें कि यह मामला इसलिए भी संवेदनशील था क्योंकि इन 12 हेलीकॉप्टर का ठेका राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी को ढोने के लिए आईएएफ के कंम्यूनिकेशंन स्क्वाड्रन के लिए किया गया था। बाद में एक के बाद एक लोगों की गिरफ्तारी से अब जल्द ही इस मामले में कई खुलासे होने की संभावना है। यही कारण है कि इस मामले में इन दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण को सीबीआई, ईडी और भारत सरकार के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस भारतीय एजेंसियों ने दिखा दिया है कि वह देश के अपराधियों को किसी भी तरह से पकड़कर लाने में सक्षम हैं।