अखिलेश यादव की बढ़ी मुश्किलें, करना पड़ सकता है सीबीआई जांच का सामना

अखिलेश यादव सीबीआई अवैध खनन

अखिलेश यादव के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में करोड़ो का खनन घोटाला हुआ था और अब धीरे धीरे इस घोटाले की जांच की आंच अखिलेश यादव पर पड़ने लगी है। जल्द ही उन्हें प्रदेश में अवैध रेत खनन के एक मामले में सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच सीटों को लेकर सहमती बनी थी लेकिन चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव पर सीबीआई की तलवार लटक रही है. हो सकता है इसका असर आगामी लोकसभा चुनावों पर भी पड़े।

दरअसल, सीबीआई हमीरपुर जिले में 2012-16 के दौरान अवैध रेत खनन मामले की जांच कर रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से इस मामले की जांच के आदेश के करीब ढाई साल बाद सीबीआई ये कार्रवाई कर रही है। इसी संबंध में शनिवार को सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के जालौन, हमीरपुर, लखनऊ और दिल्ली समेत करीब 14 स्थानों पर तलाशी भी ली। इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। ये प्राथमिकी 2 जनवरी 2019 को दर्ज की गयी थी। इन 11 लोगों में आईएएस अफसर बी. चन्द्रकला के अलावा आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), एसपी के एमएलसी संजय दीक्षित, खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार आरोपी के नाम शामिल हैं।

 

बता दें कि साल 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था। अखिलेश के बाद साल 2013 में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे और चित्रकूट में एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद 2017 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तत्कालीन अखिलेश सरकार ने ही आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की थी। आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला पर आरोप है कि उन्होंने लाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिये मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन उन्होंने सभी प्रावधानों की अनदेखी की थी। अवैध रेत खनन मामले में अखिलेश यादव की भूमिका भी घेरे में है।

यही नहीं अखिलेश यादव की मुश्किलें भविष्य में और बढ़ने वाली हैं। दरअसल, एक वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही फतेहपुर, देवरिया, सहारनपुर और सिद्धार्थ नगर जिलों से जुड़े अवैध खनन के मामले भी दाखिल किए जाएंगे। ऐसे में जैसे घोटालों की परतें खुलती जाएँगी सपा की मुश्किलें बहती जाएँगी। फिलहाल, सीबीआई 2012 और 2016 की अवधि के दौरान के अवैध खनन की जांच कर रही है।

 लोकसभा चुनाव पास हैं ऐसे में अखिलेश यादव के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है। वैसे भी उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान जो भी गलतियां की हैं उसकी सजा तो उन्हें कानून द्वारा मिल ही जाएँगी। वैसे में अखिलेश यादव ने अपने शासनकाल में भी जो काम किये हैं उसमें घोटालों के लिए भी एक ख़ास जगह रही है। हाल ही में समाजवादी पेंशन में घोटाले की खबर हो या नोएडा में 2500 एकड़ में बनने वाली समाजवादी पार्क में हुए घोटाले की खबर हो या लैपटॉप योजना में घोटाला हो। धीरे धीरे अखिलेश यादव के शासनकाल में हुए घोटाले सामने आ रहे हैं। किसी ने सच ही कहा है करनी का फल देर से ही सही मिलता जरुर है और अखिलेश यादव के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है।

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