अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने कैंपस में तिरंगा यात्रा निकालने वाले छात्र नेता ठाकुर अजय सिंह व अन्य छात्रों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है। यदि छात्रों ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
दरअसल, मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस में छात्र नेता के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया था। इस यात्रा का आयोजन इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप एथलेटिक्स ग्राउंड से बाब-ए-सैयद तक किया गया था। इस दौरान दर्जनों छात्रों ने यात्रा के दौरान वंदे मातरम एवं भारत माता की जय जैसे नारे भी लगाये थे। ये यात्रा देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की याद में आयोजित की गयी थी। इसके साथ ही इस यात्रा का उद्देश्य शहीद जवानों के परिजनों को आर्थिक मदद पहुंचाने के प्रति जागरूकता पैदा करना भी था। चूंकि गणतंत्र दिवस पास है ऐसे में इस यात्रा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
हालांकि, इस यात्रा पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की प्रतिक्रिया वैसी ही थी जैसी की उम्मीद थी। ये यात्रा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रशासन को इतनी नागवार गुजरी कि तिरंगा यात्रा में शामिल सभी छात्रों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। एएमयू प्रॉक्टर प्रो। एम मोहसिन खान ने ये कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 24 घंटे के अंदर जवाब न देने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
इस नोटिस में लिखा है, “छात्रों ने न सिर्फ बिना अनुमति के तिरंगा यात्रा निकाली बल्कि यूनिवर्सिटी में चल रही क्लासेज को भी डिस्टर्ब किया और छात्रों गुमराह करने का प्रयास किया है। असामाजिक तत्वों व बाहरी छात्रों के साथ एएमयू परिसर में रैली निकालने से छात्रों में दहशत है।।”
इस नोटिस से एक बात जो स्पष्ट हो रही है वो ये कि राष्ट्रीय ध्वज या तिरंगा लहराना अनुशासन के खिलाफ हो और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। मतलब की उन्हें कैंपस में भारत विरोधी गतिविधियों से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर उसी कैंपस में देशभक्ति से जुड़ी गतिविधि से वो आक्रोशित हो जाते हैं। इन्हें तब कोई परेशानी नहीं है जब वानी की मौत के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देशद्रोही नारे गूंजे थे। इस नोटिस के जवाब में छात्र नेता अजय सिंह ने कहा कि “ये पहली बार नहीं हुआ है। तिरंगा लहराने की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंने हमें तिरंगा यात्रा के लिए अनुमति क्यों नहीं दी? ये हमारा देश है। हम यहां तिरंगा यात्रा करेंगे और अगर यहां नहीं करेंगे यात्रा तो क्या पाकिस्तान जायें?”
यहां तक कि मशहूर इकोनॉमिस्ट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी भी एएमयू के अधिकारियों की इस तानाशाही रवैये से भड़क गये थे। उन्होंने लिखा, “छात्रों के अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कुछ भी नहीं कहा ऐसे में कारण बताओ नोटिस भेजना बेतुका कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मौलिक अधिकार सुरक्षित रहे। ”
वास्तव में 1875 में स्थापित होने के बाद से अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलगाववादी विचारधारा का महत्वपूर्ण आधार रहा है। ऐसे में जब यहां सही दिशा में बदलाव हो रहे हैं तो यहां के अधिकारियों को ये रास नहीं आ रहा है। ये न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि बेतुका भी है कि ये एएमयू भारत विरोधी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता है लेकिन देशभक्ति से जुड़े प्रदर्शन के खिलाफ नोटिस जारी करता है।