सत्ता में आने के बाद कांग्रेस किस तरह तानाशाही पर उतर आती है इसके उदाहरण इन दिनों मध्यप्रदेश और राजस्थान में देखे जा रहे हैं। जहां कमलनाथ के मध्यप्रदेश में एक के बाद एक बीजेपी और आरएसएस नेताओं की हत्या हो रही है तो दुसरी ओर राजस्थान में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं को जेल में डालने की ही धमकी दे दी है।
दरअसल, राजस्थान में कर्जमाफी, आरक्षण और बेरोजगारी भत्ते को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने 8 फरवरी को राजस्थान सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में जेल भरो आंदोलन करने का ऐलान किया है। बीजेपी ने राज्य में लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। बता दें कि दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने के वादे के साथ कांग्रेस मध्यप्रदेश और राजस्थान में सत्ता में आई थी। लेकिन अब तक भी किसान कर्ज माफी का सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में तो कांग्रेस सरकार ने मात्र 7, 30 और 50 रुपये की कर्जमाफी कर किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। दुसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के पिछड़े तबके को 10 फीसदी आरक्षण दिये जाने के बावजूद दोनों ही राज्यों की सरकारों ने अभी तक अपने राज्यों में यह लागू नहीं किया है। वहीं कांग्रेस बदले की राजनीति करते हुए लगातार योजनाओं और विभागों के नाम बदल रही है। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए बीजेपी ने जेल भरो आन्दोलन की घोषणा की है। बीजपी ने 28 जनवरी को भी किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे हैं। लेकिन अब कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी नेता सोच-समझ कर ही सड़कों पर उतरें वरना जेल में डाल देंगे।
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि सवर्ण आरक्षण और किसान कर्जमाफी पर सरकार ने वादाखिलाफी की है। इसके खिलाफ बीजेपी जेल भरो आंदोलन करेगी और प्रदेशभर में प्रदर्शन किया जाएगा। राजेंद्र राठौड़ ने कहा, “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में न किसान कर्जमाफी की और न 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण लागू करने की तिथि बताई है। बेरोजगारों को 3500 रुपए भत्ता देने को लेकर भी कोई समय सीमा तय नहीं की है। ऐसे में सरकार प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है और घोषणाओं के नाम पर सिर्फ वाद कर रही है।”
बीजपी द्वारा जेल भरो आंदोलन की घोषणा के बाद अशोक गहलोत ने बेहद निंदनीय और तानाशाही भरा जवाब दिया है। गहलोत मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मंगलवार को अपने गृह नगर जोधपुर पहुंचे थे। यहां घंटाघर में धन्यवाद सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में भाजपा नेताओं के जेल भरो आंदोलन का जवाब दिया।
अशोक गहलोत ने कहा, “महज सवा महीने में ही सरकार ने कई निर्णय लिए, फिर किस बात का धरना दे रहे हैं। यदि जेल में डाल दिया तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।” गहलोत ने चेतावनी दी कि भाजपा के नेता सोच-समझ कर ही सड़कों पर उतरें। गहलोत ने यहां कहा कि, बेरोजगारी भत्ता 600 से बढ़ाकर 3500 करने का शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। गहलोत की जब सभा चल रही थी तो अजान की अवाज आई। इस पर गहलोत ने अजान पूरी होने तक अपने संबोधन को रोके रखा।
सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है। ऐसे में गहलोत की यह चेतावनी साफ-साफ बता रही है कि कांग्रेस सत्ता में आते ही तानाशाही पार्टी बन जाती है। मध्यप्रदेश में जिस तरह से बीजेपी नेताओं की हत्या हो रही है और प्रशासन मौन धरे हुए है उसके बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री की यह चेतावनी बहुत बुरे हालातों की ओर संकेत कर रही है। लेकिन कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि जनता सब कुछ देख रही है और लोकसभा चुनावों में वह इसका जवाब जरूर देगी।