ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की बदनामी करा रही कांग्रेस

सैयद शुजा कांग्रेस ईवीएम

PC: Indiatimes

ईवीएम मशीन में गड़बड़ी का रोना रोने वाली कांग्रेस की गंदी राजनीति एक बार फिर से सामने आ गयी है। देश में ईवीएम मशीन में गड़बड़ी है का रोना रोने से मन नहीं भरा तो अब विदेश में जाकर कांग्रेस पार्टी भारत के लोकतंत्र की निष्पक्ष छवि पर बट्टा लगाने का काम कर रही है। चूंकि लोकसभा चुनाव पास है तो एक बार फिर से चुनाव से पहले ईवीएम में गड़बड़ी का रोना भी जरुरी है। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस पार्टी ने यही किया था लेकिन जीत के बाद नहीं कहा कि मशीन में गड़बड़ी है। जीत होती है तो मशीन ठीक है और हार हो तो मशीन से छेड़छाड़ की गयी है। अब इस पार्टी ने विदेश में जाकर रोना शुरू कर बहुत ही निम्न स्तर की राजनीति शुरू कर दी है। दरअसल, लंदन में ईवीएम हैकिंग को लेकर एक साइबर एक्सपर्ट सैयद शूजा ने बड़े बड़े दावे किये हैं लेकिन उसके पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। ऐसा करके उसने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है।

 दरअसल, अमेरिका में रहने वाले हैकर सैयद शुजा ने लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन की तरफ से आयोजित की गयी प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि “भारत में साल 2014 के आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक की गई थी।” सैयद शुजा ने आगे कहा कि वो उस टीम का सदस्य है जिन्होंने भारत के ईवीएम को डिजाइन किया था। इसके अलावा सैयद शुजा ने हैकिंग से जुड़ी और भी बातें कही लेकिन इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सैयद शूजा ने अपना मुंह ढका हुआ था जिसका मतलब ये है कि वो अपनी पहचान को उजागर नहीं करना चाहता है। हैरानी तो तब हुई जब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल नज़र आये लेकिन वो वहां क्या कर रहे थे और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों गये थे? इस सवाल पर कांग्रेस ने कहा कि कपिल सिब्बल को जर्नलिस्ट एसोसिएशन की तरफ से बुलावा आया था लेकिन इसके पीछे इस पार्टी का एजेंडा छुपा है। बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव हो या उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव या कर्नाटक का विधानसभा चुनाव कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने ईवीएम हैक को लेकर खूब राजनीति की थी।

कांग्रेस ईवीएम मशीन पर सवाल उठाती रही है लेकिन जब चुनाव आयोग ने इस पार्टी को चैलेंज दिया तो ये पुरानी पार्टी चुनाव आयोग के दफ्तर ही नहीं गयी। सबूत मांगे गये तो सबूत भी पेश करने में नाकाम रही। यहां तक कि पिछले साल हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ) के विधानसभा चुनाव से पहले भी मशीन से छेड़छाड़ का रोना रोया था लेकिन जीत के बाद कांग्रेस के विपरीत बीजेपी ने हार को स्वीकारा था। जब भी इस पार्टी की हार होती है ये ईवीएम पर सवाल उठाती है जब जीत तो मशीन सही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेंस पार्टी ने साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा से हाथ मिला लिया है तभी तो अपने एक वरिष्ठ नेता को भी भेज दिया। मतलब एक हैकर आरोप लगाता है और कांग्रेस पार्टी के नेता तुरंत उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंच गये जो गंदी राजनीति को दर्शाता है। एक तरह से कांग्रेस पार्टी के लिए बीजेपी पर हमला करने का एक अच्छा अवसर मिल गया भले ही इसके सबूत न हो बस दावें हों देश की व्यवस्था पर सवाल उठे तो उठे इन्हें अपने एजेंडे से मतलब है। बता दें कि हैकर ने दावे तो किये लेकिन उसने ये भी कहा कि उसके पास अपने दावों को सच साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। यही नहीं आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हैकर सैयद शुजा का प्रेस कॉन्फ्रेंस इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (यूरोप) के अध्यक्ष आशीष रे ने आयोजित की थी। ये वही हैं जिन्होंने लंदन में राहुल गांधी का कार्यक्रम आयोजित किया था। मतलब कि यहां भी कांग्रेस ईवीएम का रोना रो रही है और इसके लिए कपिल सिब्बल की उपस्तिथि में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस को उसकी गंदी राजनीति के लिए लताड़ लगाई।

कांग्रेस के इस कदम की देशभर में आलोचना हो रही है यहां तक कि एक वरिष्ठ पत्रकार ने भी इसपर टिप्पणी की और कहा, 

कांग्रेस पार्टी ईवीएम मशीन की जगह बैलट पेपर की मांग उठाती रही है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि भारत को बैलट पेपर के युग में वापस चले जाना चाहिए और ईवीएम का त्याग कर देना चाहिए। बैलट पेपर के युग में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्यों में चुनावी हेराफेरी के मामले सामने आते थे जिस कारण बार-बार चुनाव कराने पड़ते थे जबकि EVM से वोटिंग के बाद धांधली की घटनाओं में कमी आई है। बस यही हेरा फेरी इस पुरानी पार्टी को करने का अब मौका नहीं मिल रहा है जिस कारण ये पार्टी हताश हो गयी है। कांग्रेस पार्टी की इस गंदी राजनीति ने आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हैकर के प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का शामिल होना इस पार्टी के समर्थन को दर्शाता है। लोकसभा चुनाव पास है तो इस पार्टी का फिर से वही पुराना राग शुरू हो गया है। हमारी मुख्यधारा की मीडिया ने भी इस खबर पर आंख मूंद कर भरोसा कर लिया। ये शर्मनाक है कि एक हैकर के दावे पर भारतीय मीडिया ने भी भरोसा कर लिया लेकिन जब हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के छक्के छुडाये थे यही मीडिया और कांग्रेस पार्टी सबूत मांग रही थी।

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