टाइम्स नाउ को पछाड़कर डीडी इंडिया बना दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला इंग्लिश न्यूज चैनल

डीडी इंडिया न्यूज चैनल

सही दिशानिर्देश और सुव्यवस्थित प्रबंधन हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं हैं। यही बात अब दूरदर्शन नेटवर्क ने सिद्द की है। किसी समय अपनी बेहद कम टीआरपी के लिए जाने जाने वाले दूरदर्शन नेटवर्क के चैनल अब टॉप फाइव में जगह बना रहे हैं। यह बताता है कि, दूरर्दशन अब अपने पुनरुत्थान की ओर है। विदेशों में रहने वाले भारतीय दर्शकों के लिए फोकस्ड डीडी इंडिया ने नया कीर्तिमान बनाया है। बार्क (BARC) द्वारा जारी हाल ही के आंकड़ों के अनुसार डीडी इंडिया ने टॉप पांच अंग्रेजी न्यूज चैनल्स में जगह बनाई है। डीडी इंडिया ने 557 रेटिंग के साथ टॉप पांच में दूसरे स्थान पर आकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। रिपब्लिक टीवी 667 रेटिंग लाकर पहले स्थान पर रहा है। वहीं टाइम्स नाउ 511 रेटिंग के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इस उपलब्धि पर प्रसार भारती के चेयरमेन ए सूर्यप्रकाश और सीईओ शशि शेखर ने डीडी इंडिया को बधाई दी है।

डीडी इंडिया की यह उपलब्धि दूरदर्शन नेटवर्क के पुनरुत्थान को चिह्नित करती है। एक समय वह भी था, जब दूरदर्शन देश का एकमात्र प्रमुख नेटवर्क हुआ करता था जनता के बीच इसकी भारी लोकप्रियता थी। उसके बाद जब निजी टेलीविजन नेटवर्क आए तो दूरदर्शन के दर्शकों और राजस्व में लगातार गिरावट होने लगी। एक दौर मे तो इसकी हालत इनती खराब हो गई थी कि इसे एक बीमार उद्यम के रूप में देखा जाता था। 2016 की एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, डीडी नेशनल को अक्टूबर 2016 के एक सप्ताह में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को मिलाकर कुल 82.66 मिलियन इंप्रेशन मिले थे। इंप्रेशन की यह संख्या सबसे ज्यादा देखे जाने वाले चैनल स्टार प्लस की तुलना में बहुत ही कम थी। उस समय स्टार प्लस पर 706.36 मिलियन इंप्रेशन थे। डीडी नेशनल को अब शहरी और ग्रामीण दर्शक मैट्रिक्स में 10 सबसे ज्यादा देखे जाने वाले हिंदी सामान्य मनोरंजन चैनलों में जगह नहीं मिली।

दर्शकों की गिरावट के कारण सीधा टेलीविजन नेटवर्क से होने वाले राजस्व में गिरावट आई। दूरदर्शन के राजस्व 2014-15 में 911.01 करोड़ था। जिसके बाद 2015-16 में राजस्व में गिरावट हुई और यह 755.79 करोड़ हो गया। 2016-17 में दूरदर्शन के राजस्व में सुधार हुआ और यह 827.51 करोड़ रुपये हो गया।

इसलिए अब डीडी इंडिया की यह उपल्ब्धि दूरदर्शन नेटवर्क के लिए एक वरदान साबित होने वाली है। डीडी इंडिया ने इतनी उच्च रेटिंग प्राप्त की है कि इससे दूरदर्शन नेटवर्क को काफी फायदा होने वाला है। कई सालों से बुरा समय देख रहे दूरदर्शन के अब अच्छे दिन आने की प्रबल आशा की जा सकती है। वास्तव में यह दूरदर्शन के पुनरुद्धार की ओर संकेत कर रहा है। वास्तव में यह चैनल अपने दर्शकों को बांधे रखने में सफल हुआ है। यही कारण है इसने टाइम्स नाउ जैसे चैनल को भी पीछे छोड़ दिया। हालांकि, जब निजी चैनलों ने टेलीविजन उद्योग का व्यवसायीकरण कर दिया था, तो दूरदर्शन पिछड़ने लगा था। अब टॉप अंग्रेजी न्यूज चैनल्स में डीडी इंडिया का आना बताता है कि, दूरदर्शन अब सही रास्ते पर चल पड़ा है।

तथ्य यह है कि डीडी इंडिया के दर्शकों के संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है, इसका मतलब यह है कि वे अंग्रेजी न्यूज चैनल जो पहले भारतीय दर्शकों के लोकप्रिय हुआ करते थे, वे अब पीछे रह गए हैं। ऐसा लगता है कि लोगों का मैन स्ट्रीम मीडिया से मोहभंग हो रहा है। जनता के इस मोहभंग का मुख्य कारण मेन स्ट्रीम मीडिया का एक विशेष विचारधारा से ग्रसित होकर प्रोपेगेंडा चलाना भी है।

कई दशकों से, ये मैन स्ट्रीम मीडिया के न्यूज चैनल और उनके “प्रख्यात पत्रकार” एक विशेष विचारधारा की सेवा कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रख्यात पत्रकार तो अपने पक्षपात और पूर्वाग्रहों के लिए जनता के बीच बदनाम हो गए हैं। ऐसे में दूरदर्शन नेटवर्क का पुनरुत्थान यह दर्शाता है कि भारतीय दर्शक निजी चैनलों के इस शोर को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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