मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

महिला पुलिस

(PC: INDIATIMES)

पार्लियामेंट स्पीकर, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय का जिम्मा महिलाओं को सौंपकर देश की महिलाओं को सम्मानित करने, उन्हें प्रेरित करने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में शानदार कदम उठाने के बाद अब मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में दूसरा कदम उठाने जा रही है। अब जल्द ही देश की महिलाएं सीमा पर दुश्मनों के दांत खट्टे करके महिला सशक्तिकरण का नया आयाम स्थापित करेंगी। जी हां, चौंकिए मत। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद ही इस बात की घोषणा की है।

शुक्रवार को रक्षामंत्री ने खुद ही इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि मिलिट्री पुलिस में ग्रेडेड तरीके से महिलाओं की भर्ती की जाएगी और शुरुआत में इनकी तादाद कुल संख्या का करीब 20% रखी जाएगी।

रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को बताया कि सेना पुलिस में महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जायेगा और अंतत: सेना पुलिस में इनकी संख्या 20 प्रतिशत तक हो जाएगी। बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख विपिन रावत ने भी महिलाओं को सेना पुलिस में शामिल करने की घोषणा पिछले वर्ष की थी। महिलाओं को सेना में शामिल करने का मकसद सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है।

शुक्रवार को रक्षा मंत्री के आधिकारिक हैंडल से कई ट्वीट किए गए। ट्वीट में रक्षामंत्री ने लिखा, ”हमारे सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए श्रीमती एन सीतारमण ने पहली बार सेना पुलिस के कोर में पीबीओआर (पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक) भूमिका में महिलाओं को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।”

ट्वीट में आगे बताया गया, ”महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा जिससे सेना पुलिस के कोर में इनकी संख्या 20 फीसद तक हो जाएगी।  इसमें इनकी भूमिका जरूरत पड़ने पर सेना की मदद करने से ले कर बलात्कार तथा छेड़छाड़ से जुड़े मामलों की जांच करने तक होगी।“

बता दें कि मिलिट्री पुलिस में लगभग 800 महिलाओं को शामिल किया जायेगा और इसकी पुष्टि सेना की तरफ से ही की गयी है जिसका मतलब है कि प्रति वर्ष 52 महिला जवानों को भर्ती किया जाएगा। फिलहाल, सेना में चिकित्सा, कानून, शिक्षण, सिग्नल तथा इंजीनियरिंग जैसी शाखाओं में ही महिलाएं जा सकती हैं।

नए नियम से एक बात तो स्पष्ट है कि मोदी सरकार देश में महिलाओं के उत्थान के लिए अनवरत प्रयासरत है। इसके लिए मोदी सरकार भरसक प्रयास कर रही है। इसके लिए मोदी सरकार ने उज्‍जवला योजना के तहत 3 सालों में 5 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 8 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है। इसी तरह से सरकार ने महिलाओं को हुनर सिखाने के लिए ई हॉट योजना की शुरूआत की। इसी क्रम में सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत किया। इस तरह से एक बात तो स्पष्ट है कि मोदी सरकार महिलाओं की सशक्तिकरण को लेकर हर वो कदम उठा रही है, जिससे इस बात की पुष्टि हो रही है कि केन्द्र सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

Exit mobile version