राम मंदिर निर्माण पर इंडिया टुडे का बड़ा सर्वे, 69% लोग चाहते हैं अयोध्या में राम मंदिर बनाए सरकार

राम मंदिर सर्वे

PC: Aaj Tak

राम मंदिर पर हुए सर्वे में पाया गया है कि कुल 67 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि सरकार को राम मंदिर पर अध्यादेश लाना चाहिए। यानी 67 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि सरकार को अयोध्या में राम मंदिर बनवाना चाहिए। ऐसा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि जाने माने मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे ने अपने सर्वे के बाद खुलसा किया है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे अयोध्या में राम मंदिर की मांग तेज होती जा रही है। इसे लेकर तमाम हिंदू संगठनों समेत आम नागरिकों की ओर से भी मंदिर निर्माण के लिए स्वर उठने लगे हैं। यही कारण है कि दिनों-दिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा गरमाता जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर मंदिर मुद्दे को लेकर विहिप यानी विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसे संगठनों के साथ-साथ साधु-संत भी राम मंदिर को लेकर एक स्वर में बोल रहे हैं। इसके लिए वो केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगातार दबाव बनाते जा रहे हैं।

ऐसे में तमाम लोगों के मन में सवाल उठ रहे थे कि आखिर जनता क्या चाहती हैं। क्या जनता भी चाहती है कि अयोध्या में राम मंदिर बने या फिर राम मंदिर की मांग केवल हिंदू संगठनों की मांग है। इसी को लेकर इंडिया टुडे ग्रुप ने एक सर्वे किया। सर्वे में जनता की राय जानी गई कि क्या अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण क्या सरकार को कराना चाहिए? क्या इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए? क्या अध्यादेश इसका कोई रास्ता हो सकता है?  ऐसे ही ढेरों सवालों का जवाब सर्वे के माध्यम से जनता से जानने की कोशिश की गई।

इंडिया टुडे की सर्वे की रिपोर्ट में सवाल किया गया था कि अयोध्या की विवादित जगह पर सरकार को राम मंदिर बनाना चाहिए या नहीं? इसके बाद सर्वे में जो निष्कर्ष निकलकर सामने आया वो चौंकाने वाला था। इंडिया टुडे के सर्वे में पता चला कि देश के 69 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि अयोध्या के विवादित स्थल पर सरकार को राम मंदिर की मंदिर निर्माण होनी चाहिए।

वहीं दूसरी ओर ऐसा पाया गया कि सिर्फ 22 प्रतिशत लोग मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं है। जबकि 9 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कोई राय ही नहीं है। यानी वे न तो सरकार के द्वारा राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं और न विरोध में। 

यही नहीं, सर्वे में और भी कई तरह के सवाल पूछ गए। मंदिर निर्माण करने और न करने के अलावा ये सवाल भी पूछा गया कि क्या राम मंदिर पर सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए? राम मंदिर का निर्माण सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद होना चाहिए? ऐसे में अध्यादेश के सवाल के जवाब में भी देश 67 फीसदी लोगों ने कहा कि राम मंदिर पर सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। जबकि 24 प्रतिशत लोग नहीं चाहते हैं कि अध्यादेश लाया जाए। इस मुद्दे पर 9 प्रतिशत ऐसे भी लोग थे, जिनकी खुद की कोई राय नहीं है।

वहीं दूसरी ओर ‘राम मंदिर का निर्माण सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद होना   चाहिए?’ के जवाब में 30 फीसदी लोगों का मानना है कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। जबकि 12 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनकी खुद की कोई राय नहीं थी।

इंडिया टुडे के इस सर्वे में कुल 13 हजार लोगों से राय मांगी गई थी। ऐसे में सर्वे की रिपोर्ट से एक बात तो स्पष्ट है कि आज पूरा देश चाहता है कि आयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। इससे एक बात और जो निकलकर सामने आती है, वो ये है कि कांग्रेस जितना अधिक मंदिर निर्माण में बाधा डालेगी, उतना ही उसे जनता के विरोध का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में कांग्रेस समेत सभी दलों के हित ने यह होगा कि वो मंदिर निर्माण में बाधाएं पहुंचाना छोड़कर मंदिर बनवाने में सरकार की मदद करें।  

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर की सुनवाई को 29 जनवरी तक के लिए टाल दी है। मतलब की 29 को शायद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला जल्द ही सुना सकता है। इसके बाद से मंदिर को लेकर अध्यादेश की मनाग तेज हो गयी है। हालांकि, किसी भी तरह की जल्दबाजी से एनडीए सरकार बच रही है क्योंकि ये लोगों की आस्था और उनकी धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है लेकिन ये बात विपक्ष को समझ नहीं आ रही वो  मुद्दे को बार बार सांप्रदायिक हिंसा को  और देश की जनता को बांटने के  कर रहे हैं। 

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