उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। अब यूपी की राजधानी लखनऊ में जल्द ही लोग मेट्रो सेवा का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ मेट्रो का बुधवार को उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के बाकी के हिस्से में अंतिम ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही लखनऊ में मेट्रो सेवा शुरू की जा सकेगी। खबरों की मानें तो चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि इसे पूरा करने की डेडलाइन अप्रैल तक थी लेकिन, राज्य सरकार की तत्परता के कारण इसे डेडलाइन से पहले ही पूरा कर लिया गया है। अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इस कॉरिडोर में 21 स्टेशन होंगे और अधिकतम किराया 60 रुपये होगा। उन्होंने कहा, “मेट्रो का काम फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा।” मेट्रो के शुरू होने से घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पकड़ने के लिए मेट्रो सफर को आसान बनाएगी। बताया जा रहा है कि साल 2019 के फरवरी के अंत में मेट्रो शुरू भी हो जाएगी। मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 और अधिकतम 60 रुपये होगा। मतलब मुंशी पुलिया से सीधे एयरपोर्ट तक जाने के लिए 60 रुपये देने होंगे।
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में मुंशी पुलिया से हवाई अड्डे तक पहुंचने में 90 मिनट का वक्त लगता है। मेट्रो सेवा शुरू हो जाने के बाद ये दूरी 40 मिनटों में तय की जा सकेगी। इससे लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग के बीच 8.5 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर काम करते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्प (एलएमआरसी) ने कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए थे।
एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बाकी के उत्तर-दक्षिणी कॉरिडोर का काम रिकार्ड समय में पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा, “लखनऊ जैसे शहर में मेट्रो का निर्माण अपने आप में एक चुनौती है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो का काम साल 2014 में 27 सितंबर को शुरू हुआ था। 8.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच किया गया था। पहली बार इस पर 5 सितंबर 2017 से कॉमर्शियल परिचालन शुरू हुआ।
मेट्रो के जल्द निर्माण केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास और फंडिंग की वजह से ही संभव हो पाया। इस प्रोजेक्ट की 53 फीसदी लागत यानी 3502 करोड़ रुपये का भुगतान यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक द्वारा किया जा रहा है। बता दें कि उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर को पूरा करने की लागत 6928 करोड़ रुपये है।
अधिकारियों ने मेट्रो का काम जल्द ही पूरा होने पर कहा कि इस काम को करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय था लेकिन योगी सरकार की तत्परता और सक्रियता की वजह से काम डेड लाइन से पहले ही पूरा हो गया है। योगी सरकार की ये तत्परता बताती है कि वो सूबे के विकास को लेकर कितने चैतन्य हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने जब से सूबे की कमान संभाली है, तब से सभी विभागों के सरकारी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसा हो भी क्यों न योगी आदित्यनाथ हर काम का जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण करने जो पहुंच जाते हैं जिससे अधिकरियों में डर का माहौल बन गया है।