शाह की रैली में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला, बसें तोड़ीं, बाइक्स जलाईं, केंद्र सरकार व ममता के बीच तनातनी

अमित शाह ममता बनर्जी बीजेपी

पश्चिम बंगाल में बीजेपी का चुनाव प्रचार करना ममता बनर्जी को जैसे फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। अब तो ममता बनर्जी के गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले करने भी शुरू कर दिये हैं। हाल ही में अमित शाह की रैली में यह वाकया देखने को मिला है जहां, बीजेपी कार्यकर्ताओं की बसें तोड़ दी गईं और बाइक्स को जला दिया गया। एक लोकतांत्रिक देश में खुलेआम इस तरह की गुंडागर्दी के बावजूद लेफ्ट-लिबरल मीडिया ममता बनर्जी के खिलाफ मुंह नहीं खोल रहा है।

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की मंगलवार को रैली हुई थी। इस दौरान ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पाद मचाया। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को सिर्फ रोकने की ही कोशिश नहीं की बल्कि कार्यकर्ताओं को लाने वाली बस पर भी हमला कर दिया। खबरों के अनुसार, रैली के खत्म होने के ठीक बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा बसों पर हमला किया गया और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मोटरसाइकिलों को जला दिया गया। बीजेपी ने इस हमले के लिए सत्ताधारी टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है।

बीजेपी के राहुल सिन्हा और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि टीएमसी बंगाल में बीजेपी की ताकत देखकर डर गई है, यही कारण है कि, वह हिंसा पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि, सबकुछ पुलिस के सामने ही हो रहा था और उपद्रवियों ने महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा। संबित पात्रा ने कहा, “जिन बसों में कार्यकर्ता आए थे, उन्हें जलाने की कोशिश की गई, बसों में पत्थरबाजी भी की गई।” उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को बसों से निकालकर पीटा जा रहा था और पुलिस खड़ी देख रही थी। पात्रा ने कहा, “ममता बनर्जी नहीं चाहती कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष की कोई भी रैली हो न कोई यात्रा निकलने दे रहीं और न ही पंचायत चुनाव में नामांकन करने दे रही।” पात्रा ने इस हिंसा को पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या बताया है।

संबित पात्रा ने कहा, “क्या यह लोकतंत्र है? तालिबानी दीदी की तरह ममता बर्ताव कर रही हैं। ममता जी आप अन्य दलों के साथ हाथ उठाकर लोकतंत्र की बात करती हैं। क्या ममता जी इस तरह से लोकतंत्र बचाएंगी? टीएमसी के पक्ष में जनमत खत्म हो चुका है और बीजेपी आ रही है इसलिए ममता भय और आतंक का माहौल पैदा कर रही हैं।”

उधर रैली को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने टीएमसी पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा “यह बंगाल की संस्कृति को समाप्त करने वाली टीएमसी को हराने का चुनाव है। यह बंगाल की जनता को निर्णय लेना है कि संस्कृति को बचाने वाली बीजेपी को लायेंगे या उनकी संस्कृति को खत्म करने वाली टीएमसी को। सुभाष चंद्र को भुलाने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन पीएम मोदी सुभाष बाबू के जीवन, देशभक्ति और उनके बंगाल को अमर करने के लिए अंडमान के टापू का नाम सुभाष जी के नाम पर रखने का फैसला किया है।” साथ ही शाह ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद पश्चिम बंगाल हर जगह देश का नेतृत्व करता था। कला, संस्कृति और हर क्षेत्र में बंगालियों का नाम था। एक लंबे के समय कम्युनिस्ट शासन और ममता दीदी के शोषण के बाद आज बंगाल जहां है, उसकी कल्पना आप नहीं कर सकते।

अमित शाह ने यह भी आरोप लगाया कि चिटफंड कंपनियों के मालिकों ने ममता बनर्जी की पेंटिंग करोड़ों रुपये में खरीदी है। शाह ने कहा, “क्या आप सभी ममता बनर्जी के गुणों से परिचित हैं? वह काफी अच्छी पेंटर है। अगर कोई महान पेंटर भी है तो उसकी पेंटिंग की कितनी कीमत होती है? दस हजार, बीस हजार, एक लाख या दस लाख। लेकिन चिट फंड मालिकों ने उनकी पेंटिंग करोड़ों रुपये में खरीदी।”

शाह ने कहा कि बंगाल को टीएमसी ने कंगाल बना दिया है। पहले 100 में 32 रोजगार बंगाल देता था, आज यह आंकड़ा महज चार का रह गया है। उन्होंने कहा, “कम्युनिस्ट तो बुरे थे ही, बंगाल की जनता ने इन्हें निकालने के लिए परिवर्तन किया और टीएमसी को लाया लेकिन आज जनता कहती है की टीएमसी से तो कम्युनिस्ट अच्छे थे। हर पांचवा व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे जी रहा है। पंचायत चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। आपको कहता हूं और टीएमसी को भी कहता हूं कि पंचायत चुनाव वाली गलती लोकसभा चुनाव में मत करना। यह चुनाव बंगाल सरकार के अंडर नहीं होने वाला है। यह चुनाव आयोग के अंडर होगा, यहां पैरामिलिट्री होगी।”

गौरतलब है कि, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछले कुछ समय से टीएमसी सरकार और ममता बनर्जी पर तीखे हमले कर रहे हैं। उन्होंने पहले कहा था कि ममता दीदी को डर था कि अगर हमारी यात्रा राज्य में निकलती है तो उनकी सरकार की अंतिम यात्रा निकल जायेगी। यही कारण है कि टीएमसी बौखलाई हुई है और अब बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले कर पार्टी को राज्य में प्रचार करने से ही रोक रही है।

पूर्वी मिदनापुर में हुई हिंसा को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उधर इस हिंसा के विरोध में आज बीजेपी कार्यकर्ता प्रदेश की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

अमित शाह की रैली के बाद हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी से कहा है कि हिंसा करने वाले चाहे राजनीतिक लोग हों या फिर बाहर से किराए पर बुलाए गए गुंडे, इस तरह की घटना और तोड़फोड़ को वह राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, हिंसक घटनाओं के बाद ममता बनर्जी और राजनाथ सिंह के बीच फोन पर कहासुनी की बात भी सामने आ रही है।

बीजेपी आने वाले आम चुनावों में इस बार टीएमसी को कड़ी टक्कर देने का मूड बना चुकी हैं। उधर ममता बनर्जी किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने के प्रयास कर रही हैं। इसके लिए अब उनकी पार्टी हिंसा पर भी उतर आई है। लोकतांत्रिक मूल्यों की बली देकर, हिंसा के सहारे विपक्षी पार्टी को चुनाव प्रचार से रोकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अब देखना यह है कि बीजेपी किस हद तक पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की दादागिरी सहन करती है।

Exit mobile version