तानाशाही! अमित शाह की रैली रोकने के लिए ममता ने बनाया था बहाना, मीडिया ने खोली पोल

ममता बनर्जी अमित शाह

PC: Patrika

विपक्षी दल इस समय भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से किस तरह से डरे हुए हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दौरा जिन राज्यों में हो रहा है, उन राज्यों में विरोधी पार्टियां कुछ न कुछ अड़चन डालने का प्रयास कर रही हैं। ऐसा ही एक वाकया पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अमित शाह के हेलीकॉप्टर को मालदा में उतरने की इजाजत नही दी लेकिन इसपर सच सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने हां कर दी है। अनुमति न देने के पीछे पश्चिम बंगाल सरकार ने कारण बताया कि एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। जबकि इंडिया टुडे ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि ममता ने अमित शाह के दौरे को रद्द करने के लिए जो वजह बताई वो झूठ साबित हुई। हर तरफ तृणमूल कांग्रेस के तानाशाही रुख की आलोचना होने लगी तब जाकर प्रदेश सरकार ने अनुमति दी

दरअसल, 22 जनवरी को मालदा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली से पहले तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी। अमित शाह पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में उत्तर बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक रैली करने वाले थे लेकिन मालदा प्रशासन ने हेलीकॉप्टर उतरने की अनुमति नहीं दी। इसके लिए मालदा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने लिखा, “मालदा डिवीजन के कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी (सिविल) की रिपोर्ट के अनुसार, मालदा हवाई अड्डे पर काम चल रहा है। इस कारण हवाई अड्डे के पास काफी मात्रा में रेत इकट्ठा हो गई है। धूल और जीएसबी सामग्री रनवे के चारों ओर पड़ी है और साइट के चारों ओर ढेर है। इस कारण अस्थायी हेलिपैड का निर्माण संभव नहीं है। इस स्थिति में मालदा हवाई अड्डा हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए, अनुमति प्रदान करना संभव नहीं है।“

वहीं दूसरी ओर जब इंडिया टुडे ने इस बात की पड़ताल की तो मामला कुछ और ही था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट से पता चलता है कि रनवे साफ है। यही नहीं हवाई अड्डे पर स्थानीय कर्मचारी ने भी कुछ अलग ही कहानी बताई। हवाई अड्डे के पास मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि मंत्री और यात्री हेलीकॉप्टर से आते हैं। पहले यहां सेवा अनियमित थी, लेकिन अब ये सेवा हर सप्ताह उपलब्ध है। कर्मचारी ने बताया कि यहां मैंने मिथुन चक्रवर्ती, ममता बनर्जी और देब को देखा है। यहां हेलीकॉप्टर उतरते हैं। यहां कि सेवा शुरू होने से हम बहुत खुश हैं। 

हालांकि, हर तरफ से आलोचना मिलने के बाद ममता सरकार ने हेलिकॉप्टर के लैंडिंग को अनुमति दे दी है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब ममता बनर्जी ने राजनैतिक विरोध मात्र के चलते अमित शाह के कार्यक्रम का विरोध किया है। इससे पहले बीजेपी ने पूरे बंगाल में रथयात्रा निकालने की योजना बनाई थी लेकिन बीजेपी की उस रैली को भी ममता बनर्जी की सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी।

ममता बनर्जी की इस राजनीति पर मालदा के भाजपा पार्षद संजय शर्मा ने कहा, “टीएमसी डरी हुई है। उसे डर है कि अमित शाह के भाषण के बाद बीजेपी का जनाधार बढ़ेगा।“ उन्होंने आगे कहा कि “राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों से बीजेपी को वंचित किया जा रहा है। राज्य सरकार अपना हेलिकॉप्टर तो उतरने देती है, लेकिन हमारे हेलिकॉप्टर से उन्हें आपत्ति है। वो हमें हमें मनमुताबिक जगह पर रैली करने की भी अनुमति नहीं दे रहे हैं।”

जबकि मालदा के भाजपा जिला अध्यक्ष संजीत मिश्रा ने कहा, “बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है और टीएमसी हमारी यात्रा को रोकने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है। हमने एक सार्वजनिक रैली आयोजित करने का फैसला किया है, लेकिन सभी कागजात भेजने के बजाय हमारे हेलिकॉप्टर को उतरने नहीं दिया जा रहा। राज्य सरकार इस हवाई अड्डे का उपयोग करती है और नियमित रूप से हेलीकॉप्टर आते हैं, लेकिन अब हमारे लिए नियम बदल दिए गए हैं।”  

ममता बनर्जी के ऐसे कदमों से ये साफ पता चलता है कि विपक्षी दल किस हद तक मोदी के जादू से डरा हुआ है। ममता बनर्जी राजनैतिक विरोध मात्र के चलते जो भी हथकंडा अपना रही हैं, उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि जनता तो सब देख रही है और लोकसभा चुनाव में उन्हें अपने वोटों से सबक भी सिखाएगी।

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