राजस्थान में सामने आया मॉब लिंचिंग पर मीडिया का दोहरा रुख

मीडिया मोब लिंचिंग

बीजेपी जबसे सत्ता में आई है विपक्षी पार्टियों और लेफ्ट लिबरल ने एक मौका नहीं छोड़ा हर मुद्दे को जाति और धर्म से जोड़कर पेश करने का। आज भी ये पार्टियां यही कर रही हैं लेकिन जब यही घटना कांग्रेस के शासनकाल में हुई तो मीडिया हाउस ने भी इसे जाति और धर्म का एंगल नहीं दिया। ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में हुई एक घटना से मीडिया का दोहरा रुख सामने आया है। दरअसल, कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के अलवर में भीड़ ने गो तस्करी करने के शक में जबरदस्त पिटाई कर दी जिससे युवक को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अब मीडिया ने ये राग नहीं अलापा कि कांग्रेस के शासन में मुस्लिम खतरे में हैं, गो रक्षकों ने एक और मुस्लिम की हत्या की, हिंदुओं को भी लक्षित नहीं किया। ये वही मीडिया है जिसने राजस्थान के ही अलवर में गौ-तस्करी के शक में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए अकबर उर्फ रकबर खान और  युवक की की मौत को बीजेपी के शासन में मुस्लिमों के बुरे दिन जैसी खबरों को तूल दे रही थीं। हिंदू संगठनों को निशाना बना रही थीं अब इस मामले में शांत हैं। इसका मतलब साफ़ है कि मीडिया भी किसी भी मुद्दे को जाति और धर्म से जोड़कर सिर्फ राज्य और देश में सत्ता में मौजूद पार्टी के आधार पर खबरें दिखाती है।

दरअसल, मॉब लिंचिंग का ये मामला राजस्थान के अलवर (ग्रामीण) के भगेरी खुर्द इलाके का है जहां 23 वर्षीय सगीर खान नाम के एक मुस्लिम युवक की गो-तस्करी करने के शक में ग्रामीणों ने काफी पिटाई कर दी जिसके बाद युवक को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। सगीर खान पर आरोप है कि वो अपने 6 साथियों के साथ मिलकर कथित तस्करी कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब ग्रामीणों को सूचना मिली कि मिनी ट्रक में में गायों को ले जाया जा रहा है तो भीड़ ने ट्रक रोककर सगीर खान को पकड़ लिया। इसके बाद गायों को छुड़ाया गया और फिर गांव वालों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद सगीर को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। फ़िलहाल, युवक की हालत खतरे से बाहर है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, “गांव के लोगों ने सगीर को बेल्ट और डंडे से पीटा था।“ वहीं इस मामले पर सगीर खान ने इस मामले में खुद को बेकसूर बताया। यही नहीं न बुद्धिजीवी वर्ग और न ही पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस खबर के बारे में जिक्र किया न ही मामले को धार्मिक एंगल दिया क्योंकि राज्य में उनकी पसंदीदा पार्टी जो है। 

https://twitter.com/amitmalviya/status/1079979960297799680

कांग्रेस और मीडिया हाउस के इस दोहरे रुख का खुलासा ट्विटर यूजर अंकुर सिंह ने अपने ट्वीट से किया।

अलवर मॉब लिंचिंग पर अब सत्तारूढ़ पार्टी पर न ही कोई हमला कर रहा है और न ही सवाल कर रहा है।

अधिकतर मीडिया हाउस ने गो तस्कर के कथित आरोपी की भीड़ द्वारा पिटाई के मामले को धर्म से जोड़कर नहीं दिखाया। वहीं बीजेपी शासित राज्यों में अगर यही घटना होती तो उसे मुस्लिमों पर हमला के नाम से खबर को प्रमुखता से दिखाया जाता। स्पष्ट है कि मीडिया हाउस को भी मुस्लिमों की चिंता नहीं उन्हें सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा साधना हो जिससे उनकी पसंदीदा पार्टी से सत्ता में आ सकें।

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