मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़ी सवर्ण जातियों को दिया 10 फीसदी आरक्षण

मोदी सूरत प्रचार

PC: Zee News

मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया है। आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया है कि, अब सवर्ण जातियों को दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का यह फैसला सवर्ण जातियों के लिए एक बड़ी सौगात है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने इस तरह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। मोदी सरकार ने आरक्षण नीति में बदलाव किया है। सरकार ने आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी करने का फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने बढ़ा हुआ दस प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को देने का फैसला लिया है। आठ लाख से कम आमदनी वाले सवर्ण जाति के लोगों को इस आरक्षण का फायदा मिलेगा।

मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है और माना जा रहा है कि मंगलवार को मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है।

बता दें कि, 2018 में एससी-एसटी एक्ट को लेकर जिस तरह से मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था, उससे सवर्ण खासे नाराज थे। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी इसी कारण से बीजेपी को सवर्णों का विरोध झेलना पड़ा था। इस विरोध के चलते इन राज्यों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।  अब इस फैसले से बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक को फिर से सुरक्षित कर लिया है।

मोदी सरकार का यह फैसला आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है। रिजर्वेशन नीति में बदलाव कर मोदी सरकार ने बता दिया है कि, वह जनहित में बड़े फैसले लेने में सक्षम है। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को इससे सरकारी नौकरी में आरक्षण मिल पाएगा।

बता दें कि, पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एनडीए को 80 में से 73 सीटें मिली थीं। इस बार बीजेपी को चुनौती देने के लिए सपा और बसपा ने हाथ मिला लिया है। इसके बाद माना जा रहा था कि, भारतीय जनता पार्टी इस गठबंधन से निपटने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है। अब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले को सरकार का मास्टस्ट्रोक माना जा रहा है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि, गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए। केंद्र सरकार के इस फैसले पर एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, इसे कहते हैं 56 इंच का सीना। यह फैसला अब 2019 लोक सभा चुनाव के समीकरण काफी हद तक बदल देगा।

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