पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय टीवी शो को पाकिस्तानी टीवी चैनल्स पर नहीं दिखाए जाने का फैसला सुनाया है। इसका मतलब ये है कि अब पाक के टीवी चैनल्स पर भारतीय टीवी शो नहीं दिखाए जायेंगे। हालांकि, ये फैसला आशचर्य चकित करने वाला नहीं है क्योंकि पाक अक्सर यही करता रहा है। पाक के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा कि भारतीय टीवी शो पाकिस्तान के कल्चर को ‘नुकसान’ पहुंचा रहे हैं।
पाक मीडिया पोर्टल डॉन न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेट्री अथॉरिटी (PEMRA) ने पाकिस्तान में टीवी चैनलों पर भारतीय सामग्री के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए पाक सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। इस दौरान पेमरा के वकील जफर इकबाल कलानौरी ने कोर्ट को बताया कि ये बैन उच्च न्यायालय के बैन ऑर्डन इशू होने से पहले ही लगा दिया गया था। पेमरा के अध्यक्ष बेग ने कहा कि “Filmazia चैनल में दिखाए जाने वाले 65% कंटेंट विदेशी होते थे और अब ये बढ़कर 80% हो गए हैं।“
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने पेमरा के वकील को क्रॉस करते हुए कहा, “जो भी हो, ये हमारी संस्कृति को ‘नुकसान’ पहुंचा रहा है। हम कोई भी भारतीय कंटेन्ट चैनल्स पर दिखाने की अनुमति नहीं देंगे।“
बता दें कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेट्री अथॉरिटी (PEMRA) साल 2016 में भारत में हुए उरी हमले के बाद से ही पाकिस्तान के टीवी और एफएम चैनलों पर भारतीय सामग्री के प्रसारण पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इसके बाद साल 2017 में लाहौर हाईकोर्ट ने इस पर लगे रोक को हटा दिया था। फिर साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से इस प्रतिबंध को बहाल कर दिया था।
पाकिस्तान की तरफ से उठाया गया ये कदम उसके तानाशाही रवैये को दर्शाता है इसके साथ ही इस कदम ने ‘अमन की आशा’ का राग अलापने वाले गैंग के मुंह पर जोरदार थप्पड़ भी मारा है। यही लोग बार-बार पाकिस्तान के साथ ‘शांतिपूर्ण’ रिश्ते की बात कहते फिरते हैं। यहां तक कि पाकिस्तान की तरफ से बार बार भारत पर हमले किये जाते रहे हैं। पाक भारत में सिर्फ आतंक और धार्मिक मतभेद उत्पन्न करने के प्रयास करता रहा है लेकिन फिर भी हमारे तथाकथित ‘अमन की आशा’ की बात कहने वाला गैंग इसे अनदेखा करता रहा है।
आपको भी याद ही होगा किस तरह से अपनी फिल्म के के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड पाकिस्तान पर अपना प्यार बरसाता रहा है। फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ और ‘मुल्क’ की टीम ने जिस तरह से सनातन धर्म को ‘भ्रष्ट और रेपिस्ट’ के रूप में चित्रित करने की कोशिश की थी वो किसी से छुपी नहीं है। ये अलग बात है कि इन दोनों ही फिल्मों को पाकिस्तान में ऐसा प्यार मिला कि रिलीज़ होने की अनुमति ही नहीं मिली।
इस बैन के साथ इमरान खान के असली व्यक्तित्व का भी खुलासा हुआ है जो दावा करते हैं कि वो भारत को सिखाएंगे कि ‘कैसे अल्पसंख्यकों’ के साथ व्यवहार करना चाहिए। पाकिस्तान ने न करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से पहले सिर्फ भारतीय अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों पर सीमा पार हमले भी बढ़ा दिए हैं। अब भारतीय टीवी शो पर बैन लगाना पाक के उस नफरत को उजागर करता है जो वो भारत के लिए अपने अंदर रखता है।