250 किमी सड़क व 22 पुलों से बनी अस्थाई ‘कुंभ सिटी’, बना ये वर्ल्ड रिकॉर्ड

कुंभ प्रयागराज

PC: नवप्रवाह.कॉम

प्रयागराज में कुंभ मेंले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस मेले को लेकर प्रयागराज या देश में ही नहीं, पूरी दुनिया के लोगों में उत्साह है। उत्साह हो भी क्यों ना, इस बार के कुंभ मेले का दृश्य ही कुछ ऐसा है। मेले को देखते ही लोग कह रहे हैं कि यूं ही इसे यूनेस्कों द्वारा दुनिया का सबसे अनोखा धरोहर घोषित किया गया है। इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई और निगरानी में इस मेले की छटा ही कुछ यूं बिखेरी गई है कि उसकी खुशबू से देश ही नहीं, दुनियाभर के लोग आकर्षित होकर खींचे चले आ रहे हैं।  

15 जनवरी से शुरू होने वाले इस मेले के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कुल 250 किलोमीटर लंबी सड़क और 22 ब्रिजों का निर्माण किया है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ न होने पाए, इसके लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है। इन्हीं तैयारियों के साथ ये दुनियाभर का सबसे बड़ा अस्थायी शहर भी बन गया है, जिसकी जानकारी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने दी. कुंभनगरी प्रयाग को इस समय दुनियाभर का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बना दिया गया है। पीआईबी की मानें तो इस बार कुंभ मेले में कुल 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। माना जा रहा है कि ये पहली बार है जब दुनिया के किसी मेले में इतनी भारी संख्या में श्रद्धालू एकत्र होंगे। 

बता दें कि यूनेस्को ने पहले से ही कुंभ को मानव जाति का सबसे बड़ा सांस्कृति विरासत घोषित दे दिया है। इस बार के कुंभ मेले की एक खास बात यह भी है कि इस बार के मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को 450 सालों में पहली बार अक्षय वट और सरस्वती कूप दर्शन और पूजा करने का अवसर भी प्राप्त होगा।

मेले में सुरक्षा व्यवस्था कितनी चाक-चौबंध है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस बार कुंभ के लिए दिल्ली समेत कई राज्यों से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुल 8000 बसें चलावाई जाएंगी। प्रदेश के सभी जिलों से प्रयागराज के लिए विशेष बसों का संचालन होगा। अकेले लखनऊ से ही 400 बसें चलायी जाएंगी। कुंभ मेले में भी श्रद्धालुओं के लिए 800 स्पेशल ट्रेनें भी चलेंगी। देश के हर जोन से 6 विशेष ट्रेनें होंगी।

यही नहीं, योगी सरकार तकनीक के सहारे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रखेगी। अधिकारियों ने बताया कि पहली बार प्रयागराज शहर के साथ ही पूरे मेला क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी की जाएगी। यानी मेले के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर रहेगी। मेले की सुरक्षा में यूपी पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में पीएसी, आरएफ, एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, एटीएस, सेना को तैनात किया गया है। इसके अलावा मेले में किसी अनहोनी को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन दल भी उपलब्ध रहेंगे।

मेले के लिए योगी सरकार ने कितने बड़े पैमाने पर जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से बंदोबस्त किए हैं, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रयागराज को कई शहरों से हवाई मार्ग से भी जोड़ा जा चुका है। दिल्ली से प्रयागराज के लिए रोज दो फ्लाइट हैं। इसी तरह से लखनऊ, पटना, इंदौर, नागपुर से भी फ्लाइट्स भी उपलब्ध हैं। प्रयागराज वाटरवेज रूट संख्या 1 पर स्थित है और कुंभ मेले के दौरान इस पर क्रूज भी चलेंगे जिससे कोलकाता, पटना और वाराणसी के रास्ते से भी प्रयागराज पहुंचा जा सकता है। 

मेले में श्रद्धालू गंगा में चलने वाले क्रूज से भी यहां पहुंच सकेंगे। वहीं दूसरी ओर किले की दीवार व नए यमुना पुल की लाइटिंग का नजारा भी क्रूज के जरिए देखा जाएगा। इस बार यहां क्रूज सेवा और यमुना के नए ब्रिज की लाइटिंग श्रद्धालुओं को खूब लुभाएंगे। यहां आए श्रद्धालुओं के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। मेले के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने कुल 1400 कैमरों को लगाया है।

मेले को विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्रशासन ने विश्वस्तर की सुविधाएं भी की है। इस बार कुंभ मेले में इद्रप्रस्थम नाम से एक टेंट सिटी बनाई गई है जो किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं हैं। यही नहीं यहां डीलक्स, सुपरडीलक्स और विला श्रेणियों के टेंट उपलब्ध हैं।  इन टेंटों की बुकिंग 12 से 32 हजार रुपये प्रति की दर से करायी जा सकती है। यहां अब तक 50% तक टेंटों की बुकिंग हो चुकी है। 

बता दें कि मेले के लिए इस स्तर की तैयारी करना इतना आसान नहीं था। इसके लिए योगी सरकार ने बजट से लेकर दृढ़ इच्छाशक्ति तक को झोंक दिया है। इस मेले के लिए योगी सरकार ने 2,8000 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। कुंभ मेले के अलावा आस-पास के क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने 4,300 करोड़ के बजट का भी प्लान किया है। बता दें कि इससे पहले 2013 में सपा सरकार में ये बजट इसके आधे से भी कम था। सपा सरकार में इस मेले की कितनी अनदेखी की गई थी, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उचित प्रशासनिक व्यवस्था न होने के कारण रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ से रेलिंग टूटने के कारण 36 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।

इस बार के मेले को लेकर विदेशों में कितना उत्साह है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुंभ 2019 के आयोजन के लिए 71 देशों के राजदूत पहले से ही प्रयागराज पहुंच चुके हैं। त्रिवेणी घाट पर उन्होंने अपने-अपने देशों के ध्वज को यहां फहराया है। यूपी की योगी सरकार ने बताया कि 192 देशों के प्रतिनिधि फरवरी में प्रयागराज के दौरे पर आयेंगे।

खबरों की मानें तो फ्रांस, इटली, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, रूस समेत एक दर्जन से अधिक देशों के मेहमान 24 से 72 घंटों की बुकिंग करा चुके हैं। इन टेंट हाउसों में विदेशी मेहमानों के लिए कांटिनेंटल खाने की भी व्यवस्था की गई है। गंगा के किनारे बनाए गए इन टेंटों में फाइफ सिटर सोफा, सेंटर टेबल, एलईडी स्क्रीन, स्टडी टेबल, अटैच्ड ट्वायलेट, टाइल्स लगे बाथरूम जैसी कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

इसलिए हम कह सकते हैं कि अगर इस बार आप भी प्रयागराज में कुभ मेले के दीदार को जा रहे हैं तो आपके लिए इस बार का अनुभव बेहतरीन होने वाला है। 

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