अक्सर देश भर से ऐसी खबरें आती रहती हैं कि ईसाई मिशनरीज चुपके-चुपके देश में हिंदुओं के धर्मान्तरण में लगी हैं। उनपर पैसों का लालच देकर धर्मान्तरण कराने को आरोप लगते रहे हैं। केवल आरोप ही नहीं, कई बार धर्मान्तरण कराते हुए पाए भी गए हैं लेकिन अब धीरे-धीरे एक से बढ़कर एक नए राज भी खुल रहे हैं। एसोसिएटिड प्रेस ने तो भारत में ननों के साथ होने वाले यौन शोषण की जांच की है। एसोसिएट प्रेस (एपी) ने उन सभी मामलों की पड़ताल की है, जिसमें ननों के साथ यौन शोषण हुए हैं। रिपोर्ट में हुए खुलासे चौंकाने वाले हैं। ननों ने एपी को अपने और दूसरों के साथ हुई घटनाओं की आपबीती बताई है।
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि चर्च व उससे जुड़ी महिलाओं के साथ वहां के पादरी समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग यौन उत्पीड़न करते हैं। जब वो शिकायत करने जाती हैं तो उनकी आवाज दबा दी जाती है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नन के साथ रेप और यौन उत्पीड़न के अक्सर कई मामले सामने आते रहते हैं। एशिया, यूरोप, साउथ अमेरिका और अफ्रीका में ऐसे मामलों की शिकायतें ज्यादा हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा आरोप कैथोलिक पादरियों पर लगे हैं।
एसोसिएटिड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत एम् ननों के साथ दुर्व्यवहार और हुए यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ है. ननों ने अपनी आपबीती बताई है किस तरह से वो पादरी उनका यौन उत्पीड़न करते हैं. कई सिस्टर ने नाम न बताने के तर्ज पर सच बताने के लिए तैयार हैं तो कुछ ने हिम्मत भी दिखाई है.अभी कुछ दिनों पहले केरल की एक 44 साल की नन ने वहां के बिशप के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि बिशप ने 2 सालों में उसके साथ 13 बार यौन शोषण किया था। वहीं इससे पहले एक और नन ने बिशप फ्रेंको मुलक्कल नाम के एक पादरी पर भी रेप का आरोप लगाया था।
जानकारों की मानें तो ऐसी घटनाएं इसलिए भी ज्यादा होती हैं, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पीड़िता चुप रह जाती है। कई ननों का मानना है कि हमारें साथ ऐसे दुर्व्यवहार अब आम बात है। उनका कहना है कि शायद ही ऐसी कोई सिस्टर होगी, जिसके साथ यौन उत्पीड़न न हुआ हो। ननों को डर होता है कि उपर के पदों पर बैठे लोगों की करनी-करतूत बताने पर वो उन्हें उनके गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है।
एक नन ने बताया कि उसने सबसे पहले अपनी शिकायत चर्च के अधिकारियों से की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद 44 साल की इस नन ने बिशप के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। शिकायत में उसने बताया था कि 2 सालों में वो 13 बार यौन शोषण का शिकार हो चुकी है।
इस घटना ने ननों के एक समूह ने पब्लिक प्रोटेस्ट के जरिए बिशप को गिरफ्तार करने की मांग की थी जिसने पूरे भारत के कैथोलिक समुदाय को दो हिस्सों में बांटकर रख दिया था। एक पक्ष पीड़ित महिला के साथ तो दूसरी पक्ष विशप के साथ खड़ा था। अभियुक्त और उसका समर्थन करने वाली नन अब दूसरी बहनों से अलग-थलग हैं।
उस समय एक समर्थक सिस्टर जोसफीन विलोनिकल ने कहा था कि कुछ लोगों ने उनपर चर्च के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के जवाब में सिस्टर ने कहा था कि तुम लोग शैतान की पूजा कर रहे हो लेकिन हमें सच्चाई के साथ खड़े होने की जरूरत है।
एक घटना के बारे में जब ननों ने बताया तो उसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे। नन ने यौन उत्पीड़न की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक रात शराब के नशे में बिशप एक नन के कमरे में जबरदस्ती घुस गए और उसे पकड़कर किस किया था। इस घटना के बाद नन ने अपनी मां को पूरी बात बताई और चर्च के अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की थी लेकिन पादरी के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाये गये।
एक अन्य नन बताती है कि जब वो नई और किशोर थीं तो गोवा से एक बड़ा पादरी कैथोलिक केंद्र में आया था। उस पादरी ने उसे जबरदस्ती पकड़क किस किया था। यही नहीं पादरी ने छाती पर भी जबरदस्ती किस किया था।
इस नन ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी सीनियर नन से सारी घटना बताई थी। उसने अपील की थी कि किशोरियों को इस पादरी के पास न भेजें लेकिन इस नन ने कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की।
इससे पहले बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर एक और नन ने रेप का आरोप लगाया था और इस मामले में खूब खबरें चर्चा में रही थीं। 2018 की गर्मियों में एक वरिष्ठ नन ने अपने साथ हुई घटना को बताते हुए कहा था कि लाटिन डायोसीज ऑफ जालंधर के प्रमुख फ्रेंको मुलक्कल ने उसका कई बार रेप किया। यहां तक कि फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ गवाही देने वाले शख्स की भी हत्या की जा चुकी है।
यौन उत्पीड़न की ये सभी घटनाएं बताती हैं कि किस तरह से ईसाई मिशनरियों और वहां के पूरे सिस्टम द्वारा ननों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। शिकायत करने पर भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। जो भी नन आवाज उठाती हैं उनकी आवाज को दबाने का भरपूर प्रयास किया जाता है।