सावन के अंधे को चारों ओर हरा ही हरा दिखता है। ये कहावत कांग्रेस पर बिल्कुल सही बैठती है। घोटालों और भ्रष्टाचार के कारण जनता द्वारा नकारी गई कांग्रेस को हर सरकार घोटालेबाज ही नजर आती है। तभी तो वो राफेल…राफेल…का राग अलाप रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में इस समय कांग्रेस द्वारा राफेल का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया है। वास्तव में ये पार्टी अपनी गंदी राजनीति से बाज नहीं आ रही है और एक बार फिर से राफेल मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने का प्रयास किया है।
कांग्रेस ने इस बार पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर राफेल डील से जुड़े राज छिपाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संसद में दावा किया कि उनके पास एक ऑडियो क्लिप है, जिसमें गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे की आवाज है। सुरजेवाला का कहना है कि क्लिप में विश्वजीत राणे एक पत्रकार को बता रहे हैं कि राफेल से जुड़ी सारी फाइलें पर्रिकर के बेडरूम में मौजूद हैं। इसी क्लिप के आधार पर सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने से बचना चाहती है।
The audio clip released by the congress party is a desperate attempt to fabricate facts after their lies were exposed by the recent Supreme Court verdict on Rafale. No such discussion ever came up during Cabinet or any other meeting.
— Manohar Parrikar Memorial (@manoharparrikar) January 2, 2019
वहीं दूसरी ओर मनोहर पार्रिकर ने ट्वीट किया, “राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस के झूठ का खुलासा हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस का ये झूठे तथ्य पेश करने का हताशा भरा कदम है। इस तरह की चर्चा कैबिनेट और अन्य बैठकों में कभी नहीं हुई।”
Goa Min Vishwajit P Rane: The audio tape is doctored. Congress has stooped to such a low level to doctor a tape to create miscommunication b/w cabinet&CM. Mr Parrikar has never made any reference to Rafale or any documents. Have asked him for a criminal investigation into this. pic.twitter.com/pEA6L1SiTx
— ANI (@ANI) January 2, 2019
सुरजेवाला के आरोप पर विश्वजीत राणे ने भी ऑडियो टेप को फर्जी करार दिया। विश्वजीत राणे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि वो एक टेप के साथ छेड़छाड़ कर कैबिनेट और मुख्यमंत्री के बीच गलतफहमी पैदा करना चाहती है। विश्वजीत राणे ने कहा कि “ऑडियो टेप डॉक्टरेड है। कांग्रेस को मुख्यमंत्री और कैबिनेट के बीच मतभेद पैदा करने के लिए ऐसी हरकत रोकनी चाहिए। पर्रिकर ने कभी भी राफेल या किसी भी दस्तावेज का कोई संदर्भ नहीं दिया। सीएम से मैंने इसमें आपराधिक जांच के लिए कहा है। मुझे कांग्रेस निशाना बना रही है। ये वीडियो उनके द्वारा बनाया गया है। आवाज की जांच होनी चाहिए।“
विश्वजीत राणे ने आगे कहा, “जब से मैं भाजपा में शामिल हुआ हूं तब से कांग्रेस मुझे निशाना बना रही है।” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस उन्हें हमेशा से ही ‘बड़ा खतरा’ समझती रही है। उन्होंने कहा, “जिस आवाज को वे सुनवा रहे हैं वह कांग्रेस ने तैयार की है। उन्हें (कांग्रेस) बातचीत के स्रोत को सामने लाना चाहिए। आज जिस आवाज को सुनवाया जा रहा है और जिसके बारे में बात की जा रही है वह एकदम बकवास और अतार्किक है।” मतलब की जिसपर इस पुरानी पार्टी ने आरोप लगाया उस व्यक्ति ने कांग्रेस पार्टी के झूठ की धज्जियां उड़ा दी। अब जब इस मामले की जांच होगी तो सच भी सामने आ जायेगा। और हमेशा की तरह ये पार्टी माफ़ी नहीं मांगेगी।यही नहीं अभिजीत अय्यर ने भी कांग्रेस के झूठ से पर्दा हटाया और कांग्रेस को लताड़ा।
Sorry but this really won't hold up even in a preliminary hearing anywhere in the world. It is great fun & tamasha though, that someone who doesn't believe Dassault or the French President or the SC of India is willing to believe ambiguously worded gossip. #RafaleAudioLeak https://t.co/P2I85Zi6im
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) January 2, 2019
वैसे ये पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने राफेल पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पिछले महीने कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी ने भी आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए मनोहर पर्रिकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल डील के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के पर इन सारे आरोपों में से किसी भी आरोप का कोई ठोस सबूत नहीं है। जिसके कारण उसके आरोपों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे को बिना किसी आधार के उछालते रहे हैं। उन्होंने एक भी आरोपों के कोई प्रमाण नहीं दिये हैं। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी आदत से बाज नहीं आ रही है।
बता दें कि 1 जनवरी को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राफेल पर पूछे गए सवालों का बेबाकी से जवाब दिया था। साक्षात्कार में उनसे सवाल किया गया था, “राहुल गांधी का दावा है कि आपने अपने दोस्त अनिल अंबानी को ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने के लिए दबाव बनाया, आप जवाब क्यों नहीं देते?” इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “अगर व्यक्तिगत आरोप हैं तो सामने रखें कि किसने, क्या और कहां किया। संसद में मैंने विस्तार से जवाब दिया। सुप्रीम कोर्ट में भी मामला स्पष्ट हो चुका है। चर्चा ये होनी चाहिए कि आजादी के बाद लगातार डिफेंस करार विवादों में क्यों घिरे? दलालों की क्या जरूरत थी? मैं आरोप लगाने वालों की चिंता करूं या सेना की जरूरतें पूरी करूं। मैं गालियां खाऊंगा लेकिन राष्ट्र की रक्षा करूंगा।”
कांग्रेस के सभी निराधार आरोपों से एक बात तो साफ हो गयी है कि कांग्रेस पार्टी मात्र चुनावी मुद्दा बनाने के लिए राफेल मुद्दे को उठा रही है। उसका उद्देश्य जनता को गुमराह करके अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना है।