स्मृति ईरानी ने एक बार फिर की राहुल गांधी की फजीहत, राहुल ने कोटलर अवार्ड को लेकर पीएम पर कसा था तंज

राहुल गांधी मोदी

PC: INDIA TODAY

राष्ट्रहित में किए गए कुछ साहसिक फैसलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी आम चुनावों के लिए मंच तैयार कर दिया है। चाहे वह नागरिकता संशोधन विधेयक हो या उच्च जातियों के लिए आर्थिक आरक्षण हो, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने हर मोर्चे पर विपक्ष को धराशायी कर दिया है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 26/11 के हमलों का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का भी जल्द ही भारत प्रत्यर्पण हो जाएगा। इस तरह के उत्साही माहौल में, यह खबर आई कि, पीएम मोदी को फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है। फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार हर साल दुनिया के किसी एक राष्ट्राध्यक्ष को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया जाता है। भारत का शानदार नेतृत्व करने के लिए पीएम मोदी को संस्था ने यह सम्मान दिया है। हालांकि, कुछ लोग देश को मिले इस गौरव से खुश नहीं हैं। कांग्रेस व लेफ्ट मीडिया ने एक बार फिर वही किया, जिसके लिए वह जानी जाती है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए पीएम मोदी का मजाक उड़ाया। द वायर ने अपनी एक पोस्ट में इस अवार्ड के पीछे लोगों की मंशा पर ही सवाल उठा दिया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्विट कर इस लेख का समर्थन तो किया ही उसमें कुछ और शब्द जोड़कर फिलिप कोटलर अवार्ड को विवादित बताने की पुरजोर कोशिश में लग गए।

राहुल गांधी के अनुसार, यह एक नकली पुरस्कार है, क्योंकि यह पहली बार दिया गया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार से सम्मानित होते हुए की वायलर फोटो को अपने ट्वीट पर शेयर किया है। पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने तंजनुमा बातें लिखी हैं। उन्होंने लिखा, मैं विश्व प्रसिद्ध ‘कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार’ जीतने पर हमारे पीएम को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि, वास्तव में यह इतना प्रसिद्ध है कि, इसमें कोई जूरी नहीं है, इसके पहले कभी भी नहीं दिया गया है और अलीगढ़ की एक अनसुनी कंपनी द्वारा समर्थित है। उन्होंने सबसे अंत में लिखा है कि, इवेंट पार्टनर: पतंजलि और रिपब्लिक टीवी।

राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद स्मृति ईरानी ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। स्मृति ईरानी ने जवाबी ट्वीट में राहुल को उनका वंश तक याद दिला दिया। केन्द्रीय मंत्री ने इशारे में ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू के भारत रत्न से सम्मानित होने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, गांधी परिवार के लोगों ने तो स्वयं को ही भारत रत्न से पुरस्कृत कर लिया था। जहाँ 1955 में जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं को यह सम्मान दिया, वहीं 1971 के भारत पाक युद्ध की ऐतिहासिक जीत में अपने ‘योगदान’ के बाद इंदिरा गांधी ने 1971 में यह कारनामा दोहराया।

सच कहें तो, भले ही विपक्ष 2019 के लिए पीएम मोदी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई का दावा कर रहा हो, लेकिन इस चुनाव में उसके पास व्यवहारिक मुद्दे है ही नहीं, वही सिर्फ झूठ परोसकर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी का तो बेहद सफाई से झूठ बोलने का इतिहास रहा है लेकिन, इस बार स्मृति ईरानी ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया है।

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