आज से संसद में बजट सत्र शुरू हो रहा है जहां विपक्ष लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने की पूरी कोशिश करेगी। वहीं देश की निगाहें हरियाणा के जींद और राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों पर टिकी थी जिसकी घोषणा आज होनी थी। जींद विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस, बीजेपी, जननायक जनता पार्टी (JJP) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। जींद में बीजेपी 10050 वोटों से आगे चल रही है और पार्टी उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा मतगणना केंद्र के बाहर भी पहुंच गये हैं वहीं अभी से कृष्ण मिड्ढा के घर जश्न का माहौल है। कुछ ही देर में इसके नतीजे भी साफ़ हो जायेंगे।
बता दें कि जींद में कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुकाबला चार प्रत्याशियों के बीच ही है जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, भाजपा ने यहां से कृष्ण मिड्ढा, इनेलो ने उमेद सिंह रेढू और इनेलो से अलग होकर बने जेजेपी ने दिग्विजय चौटाला को मैदान में हैं। इन चारों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था लेकिन जब नतीजे सामने आये तो इस मुकाबले में इनेलो पीछे रह गया जबकि बीजेपी, जननायक जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। हालांकि, शुरूआती रुझान में जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला पहले स्थान पर थे और बीजेपी दूसरे स्थान पर थे लेकिन, बाजी जल्दी ही बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में हो गयी। हालांकि, इस कांटे की टक्कर में अभी जीत किसकी होगी ये देखना दिलचस्प होगा। यहां ख़ास बात ये है कि जींद विधानसभा उपचुनाव में रणदीप सुरजेवाला की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है लेकिन अब वो इसे बचा पाने में असफल नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि जींद में साल 2005 के बाद से ही कांग्रेस का अस्तित्व ही खतरे में था यही कारण है कि साल 2009 और साल 2014 के विधानसभा चुनाव इस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं साल 2014 में तो कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त तक हो गई थी। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने जींद में अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल को खड़ा किया था ताकि वो यहां अपनी स्थिति को मजबूत कर सके लेकिन उसका ये दांव भी कमजोर साबित हुआ। बता दें कि हरियाणा के जींद और राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट सोमवार (28 जनवरी) को मतदान हुआ था जिसके नतीजे आज आये हैं। 174 मतदान केंद्रों पर 1 लाख 72 हज़ार 775 मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। वहीं अगर अलग अलग जातियों की भागीदारी की बता करें तो यहां जींद में 1।7 लाख वोटर में से अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का लगभग 50% हिस्सा है तो जाटों का लगभग 25% है।
बता दें कि साल 2014 में हुए जींद विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के डॉ. हरिचंद मिड्ढा ने जीत दर्ज की थी लेकिन 25 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया। उनके निधन के कारण कारण ही जींद सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। वहीं राजस्थान में रामगढ़ उपचुनाव पर मतदान पहले 7 दिसंबर 2018 को होने थे लेकिन चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का निधन हो जाने के बाद इसे टालना पड़ा था। खैर इस मुकाबले का नतीजा क्या होगा ये बस कुछ ही देर में स्पष्ट हो जायेगा।