प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो जाएगा। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के अनुसार, आठ लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के अभ्यर्थियों को इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। अर्थात अब एक फरवरी के बाद केंद्रीय सेवाओं में जो भी रिक्तयां निकाली जाएंगी उनमें यह 10 फीसदी आरक्षण लागू होगा। इससे पहले सामान्य वर्ग के पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने के कानून को गुजरात, झारखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने लागू कर दिया है।
गौरतलब है कि, मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में सात जनवरी को आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जातियों के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया गया था। इसके बाद सरकार ने इस बिल को आठ जनवरी को लोकसभा और नौ जनवरी को राज्यसभा में पास कराया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 13 जनवरी को इस बिल को मंजूर दी थी।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी द्वारा शनिवार देर रात एक आदेश जारी किया गया। इस आदेश में कहा गया है कि संसद ने संविधान संशोधन कर 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र के सभी पदों एवं सेवाओं के लिए 1 फरवरी 2019 से अधिसूचित होने वाली सभी प्रत्यक्ष भर्तियों पर इसे लागू किया जाता है। इस आरक्षण का लाभ सभी केंद्रीय मंत्रालयों, लोकसेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, लोकसभा, राज्यसभा, रेलवे, बैंक, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्रीय सचिवालय की सेवाओं में मिलेगा।
विभाग के इस आदेश के अनुसार, आरक्षण का लाभ लेने के लिए सामान्य वर्ग के गरीब उम्मीदवारों को आय एवं संपत्ति से जुड़ा प्रमाणपत्र लेना होगा। यह प्रमाण-पत्र तहसीलदार या इससे उच्च पद के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। विभाग के आदेश के अनुसार विश्वविद्यालयों, केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों और स्कूलों आदि में प्रवेश के दौरान आरक्षण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय अलग से आदेश जारी करेगा।
यह आरक्षण सामान्य वर्ग के उन लोगों को मिलेगा जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम हो, 1000 वर्म फीट से बड़ा घर ना हो, म्यूनिसिपिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर ना हो, 5 एकड़ से ज्यादा खेती लायक जमीन ना हो और नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपल एरिया में 200 गज से बड़ा घर ना हो।
बता दें कि, सामान्य वर्ग को दिया जा रहा यह आरक्षण 49.5 फीसदी आरक्षण की सीमा के ऊपर है। भारत में इससे पहले 49.5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन नए कानून के हिसाब से आरक्षण की सीमा अब 59.5 फीसदी तक पहुंच गई है। देश में अभी तक अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण था। अब सामान्य वर्ग के पिछड़े लोगों के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस आरक्षण में आठ लाख की लिमिट को लेकर चल रहे विवाद को भी खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि, आठ लाख की लिमिट पूरे परिवार के लिेए है। सामान्य वर्ग के गरीब तबके को दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण आम चुनावों को देखते हुए पीएम मोदी का एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। बीजेपी ने इस फैसले से अगड़ी जातियों में अपनी खोई पैठ बड़ी मजबूती के साथ वापस पा ली है।