गुजरात गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला पहला राज्य बन गया है। मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में सात जनवरी को आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जातियों के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया गया था। इसके बाद सरकार ने इस बिल को आठ जनवरी को लोकसभा और नौ जनवरी को राज्यसभा में पास कराया। दोनों सदनों से पास होने के बाद शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बिल को मंजूर दी है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलते ही सबसे पहले गुजरात ने गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण लागू किया है। इस तरह वह ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को जानकारी दी कि, राज्य में इस आरक्षण को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय एक हफ्ते के भीतर इस कानून से जुड़े प्रावधानों को अंतिम रुप देगा, जिससे एक हफ्ते के अंदर दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। विजय रूपाणी ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को आजादी के बाद का बड़ा ऐतिहासिक निर्णय बताया है। बता दें कि, इस बिल के लिए मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करवाया है।
वहीं एक बार फिर कांग्रेस की सवर्ण विरोधी सोच जगजाहिर हुई है। कांग्रेस ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के गुजरात सरकार के फैसले की आलोचना की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि, मुख्यमंत्री को इसकी वजह और इसे लागू करने की प्रक्रिया के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि, जल्दबाजी में किए गए इस एलान से अभ्यर्थियों में भ्रम पैदा होगा।
गौरतलब है कि, गुजरात में पाटीदार समाज अप्रैल 2015 से ही आरक्षण की मांग कर रहा है। राजस्थान में गुर्जर, महाराष्ट्र में मराठा व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में सवर्ण समुदाय आरक्षण की मांग करते रहे हैं।
बता दें कि, यह आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे के अतिरिक्त दिया जाएगा। पहले से घोषित उन भर्तियों में भी यह आरक्षण लागू होगा, जिनकी अभी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। लेकिन जिन भर्तियों के लिए लिखित, मौखिक और कंप्यूटर परीक्षा ली जा चुकी है, उन पर यह लागू नहीं होगा। यह 10 फीसदी आरक्षण शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों दोनों में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को मिलेगा।
आरक्षण का लाभ ऐसे लोगों को मिलेगा जिनकी सालाना आय आठ लाख या उससे कम होगी। साथ ही उनके पास पास पांच एकड़ या उससे कम कृषि योग्य भूमि और एक हजार वर्ग फीट या उससे कम का मकान हो। जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में सौ गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे भी इस आरक्षण के दायरे में आएंगे।
गुजरात में विजय रूपाणी द्वारा सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिेए आरक्षण लागू करने के बाद से खुशी का माहौल देखा जा रहा है। बीजेपी के इस फैसले से पाटीदार भी खुश दिखाई दे रहे हैं। उच्च जातियों के गरीब लोगों के लिए आरक्षण का बिल राष्ट्रपति द्वारा पारित हो जाने से अब जल्द ही देश के अन्य राज्य भी अपने यहां इसे लागू करेंगे।