ऐसा लगता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने और हिंदू विरोधी जहर फैलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लाद रखी है। तभी तो वो आये दिन हिंदुओं पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी। शशि ने अपने ट्वीट में ‘हिंदी’, ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा को देश को बांटने वाली विचारधारा बना दिया है। उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
This “Hindi, Hindu, Hindutva” ideology is dividing our country. We need unity, not uniformity. https://t.co/m6t2xE2sh7
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 31, 2019
शशि थरूर ने अपने ट्वीट में कहा, “हिंदी’, ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा हमारे देश को बांट रही है। हमें एकता की जरूरत है, एकरूपता की नहीं।“ उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें लताड़ना शुरू कर दिया।
सुन ले चमचे, हिंदी,हिन्दू,हिंदुत्व है तभी हिंदुस्तान का अस्तित्व है वरना कबका देश पाकिस्तान बन गया होता
— prakhar Pooja (@PoojaJo25759169) January 31, 2019
Who divided country based on religion during 1947 Congress leaders Gandhi Nehru&Muslim league headed by Jinnah Who facilitated cold blooded massacres of two million hindus during partition? Of course not hindu&hindi Instead of blaming hindus cong leaders must check their own role
— Ancient India (@alok_mohan) January 31, 2019
First of all Hindi is a language, it has nothing to do with Hindu & Hindutva ideology.
What about non Hindi speaking population of Hindus?
Secondly attacking tolerant Hindus is always easier,
I dare you to post the same tweet by replacing 'Hindu&Hindutva' with 'Islam & Islamism'!— Seema Choudhary ( मोदी का परिवार) (@Seems3r) January 31, 2019
दरअसल, मुंबई एयरपोर्ट पर एक 27 वर्षीय पीएचडी स्टूडेंट को सिर्फ इस वजह से रोक दिया गया था कि उसे हिंदी बोलनी नहीं आती थी। जब इस घटना के लिए 27 वर्षीय छात्र अब्राहम सैमुअल ने पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को टैग किया तो शशि थरूर ने मौका देखते ही हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुओं पर निशाना साधा। यहां ये समझना मुश्किल है कि जिस भाषा की वजह से इस छात्र को रोका गया उसका हिंदुओं से क्या संबंध है? भारत की अधिकतर जनसंख्या हिंदी बोलती है और इसमें सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि और भी धर्म के लोग शामिल है। थरूर इस छात्र की परेशानी का समाधान तो न कर सकें लेकिन उन्होंने इसे देश को बांटने की वजह बता दी। ऐसा करके न सिर्फ उन्होंने एक बार फिर हिंदुओं की धार्मिंक भावनाओं को अपमान किया है बल्कि देश की राष्ट्रीय भाषा का भी अपमान किया है। वैसे ये पहली बार नहीं है जब थरूर ने ऐसा कुछ किया है। अभी हाल ही में शशि थरूर ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के संगम स्नान का भी मजाक उड़ाया था। थरूर ने अपने ट्वीट में कहा था कि “आपको गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं, इस संगम में सब नंगे हैं, जय गंगा मैया की।“ उनके इस बेतुके ट्वीट का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने करारा जवाब दिया था। स्मृति ईरानी ने कहा था, “शशि थरूर के लिए ऐसा बयान देना धार्मिक अपमान के बराबर है। सवाल राहुल गांधी से पूछा जाना चाहिए जो स्ट्रैटजी के तहत सिर्फ तभी जनेऊ पहनते हैं जब चुनाव हो रहे होते हैं। उन्हें दुनिया भर के करोड़ों हिन्दुओं की मान्यताओं पर हमला करने की छूट क्यों दी जा रही है।”
इससे पहले भी कई ऐसे मौके आये हैं जब थरूर ने हिंदुओं की भावनाओं और उनके धर्म का अपमान किया है। एक राष्ट्रीय पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद इस तरह की टिप्पणी करते हुए उन्हें तनिक भी शर्म नहीं आती। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के हाई कमान भी इसपर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते और हिंदुओं की हितैषी होने की बात करते हैं।