हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व देश को बांट रहा है: शशि थरूर

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PC: Jansatta

ऐसा लगता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने और हिंदू विरोधी जहर फैलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लाद रखी है। तभी तो वो आये दिन हिंदुओं पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी। शशि ने अपने ट्वीट में ‘हिंदी’, ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा को देश को बांटने वाली विचारधारा बना दिया है। उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

शशि थरूर ने अपने ट्वीट में कहा, “हिंदी’, ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा हमारे देश को बांट रही है। हमें एकता की जरूरत है, एकरूपता की नहीं।“ उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें लताड़ना शुरू कर दिया।

दरअसल, मुंबई एयरपोर्ट पर एक 27 वर्षीय पीएचडी स्टूडेंट को सिर्फ इस वजह से रोक दिया गया था कि उसे हिंदी बोलनी नहीं आती थी। जब इस घटना के लिए 27 वर्षीय छात्र अब्राहम सैमुअल ने पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को टैग किया तो शशि थरूर ने मौका देखते ही हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुओं पर निशाना साधा। यहां ये समझना मुश्किल है कि जिस भाषा की वजह से इस छात्र को रोका गया उसका हिंदुओं से क्या संबंध है? भारत की अधिकतर जनसंख्या हिंदी बोलती है और इसमें सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि और भी धर्म के लोग शामिल है। थरूर इस छात्र की परेशानी का समाधान तो न कर सकें लेकिन उन्होंने इसे देश को बांटने की वजह बता दी। ऐसा करके न सिर्फ उन्होंने एक बार फिर हिंदुओं की धार्मिंक भावनाओं को अपमान किया है बल्कि देश की राष्ट्रीय भाषा का भी अपमान किया है। वैसे ये पहली बार नहीं है जब थरूर ने ऐसा कुछ किया है। अभी हाल ही में शशि थरूर ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के संगम स्नान का भी मजाक उड़ाया था। थरूर ने अपने ट्वीट में कहा था कि “आपको गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं, इस संगम में सब नंगे हैं, जय गंगा मैया की।“ उनके इस बेतुके ट्वीट का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने करारा जवाब दिया था। स्मृति ईरानी ने कहा था, “शशि थरूर के लिए ऐसा बयान देना धार्मिक अपमान के बराबर है। सवाल राहुल गांधी से पूछा जाना चाहिए जो स्‍ट्रैटजी के तहत सिर्फ तभी जनेऊ पहनते हैं जब चुनाव हो रहे होते हैं। उन्‍हें दुनिया भर के करोड़ों हिन्‍दुओं की मान्‍यताओं पर हमला करने की छूट क्‍यों दी जा रही है।”

इससे पहले भी कई ऐसे मौके आये हैं जब थरूर ने हिंदुओं की भावनाओं और उनके धर्म का अपमान किया है। एक राष्ट्रीय पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद इस तरह की टिप्पणी करते हुए उन्हें तनिक भी शर्म नहीं आती। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के हाई कमान भी इसपर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते और हिंदुओं की हितैषी होने की बात करते हैं।

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