वसुंधरा,शिवराज और रमन सिंह को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी, आम चुनाव भी लड़ेंगे!

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PC: Eenadu India Hindi

लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनैतिक दल भी हर मोर्चे पर अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। बीजेपी ने भी कमर कसते हुए अपने-अपने महारथियों को चुनावी रणनीति में उतारना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। अब इन तीनों नेर्तानओं को राज्य की बजाय केन्द्र की राजनीति में जिम्मेदारी मिली है। बता दें कि, तीनों ही नेता अपने-अपने राज्य में सत्ता से फिसले हैं जिसमें शिवराज और वसुंधरा को तो बहुत मामूली अंतर से सत्ता गंवानी पड़ी है।

दरअसल, भाजपा आज से आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन कर रही है। खबरों के अनुसार, पार्टी ने तय किया है कि, शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहां से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद हैं। बता दें कि, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि, वो स्वास्थ्य कारणों से अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। यही नहीं, खास बात यह है कि, इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और खुद शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव लड़ चुके हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि, वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की झालावाड़ सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। वर्तमान में इस सीट से उनके बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं। उधर रमन सिंह छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इस सीटे से रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह सांसद हैं। पार्टी आलाकमान द्वारा लिए गये इन निर्णयों से इशारा साफ है कि, पार्टी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है। यही कारण है कि, पार्टी अपने सभी बड़े और अनुभवी नेताओं को चुनावी महासमर में उतारना चाहती है।

चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि, इन तीनों दिग्गजों को केन्द्र की राजनीति में बुलाने के कई मायने हैं। सब जानते हैं कि, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपा बहुत कम अंतर से हारी है। यहां तक कि, कई सीटों पर जीत हार का अंतर उस सीट पर पड़े नोटा के वोटों की संख्या से भी कम था। जबकि मध्यप्रदेश में तो बीजेपी का वोट शेयर कांग्रेस से ज्यादा रहा है। मध्यप्रदेश में बीजेपी को 41 प्रतिशत जबकि कांग्रेस को 40.9 प्रतिशत वोट शेयर मिले थे। जो यह बताता है कि, इस राज्य में आज भी बीजेपी और शिवराज की ही लोकप्रियता है। पार्टी इसलिए इन नेताओं को केन्द्र में बुलाना चाहती हैं क्योंकि ये तीनों नेता अपने आप में पूरे राज्य का चेहरा हैं। माना जा रहा है कि, बीजेपी द्वारा नियुक्त किए इन तीनों महारथियों को केन्द्र की राजनीति में बुलाना रामबाण साबित होगा।

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