जाकिर नाइक पर सरकार कस रही शिकंजा, ईडी ने जब्त की जाकिर की 16.40 करोड़ की संपत्ति

जाकिर नाइक ईडी

PC: malaysia today

विवादित कट्टर इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाइक पर एक बार फिर से मोदी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस बार प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत जाकिर नाइक की 16 करोड़ 40 लाख रुपये कीमत की संपत्ती को जब्त कर लिया है। जाकिर नाइक की ये सम्पत्तियां मुंबई और पुणे में स्थित है।

ईडी ने अपनी जांच में बताया कि जाकिर नाइक का दुबई के कुछ खातों से पैसों को लेन देन चल रहा था। ईडी को जाकिर के इन खातों से 49 करोड़ 20 लाख रुपये मिले थे। जाकिर के खाते में इतने पैसे कहां से आए व किसने भेजे, इस बात की कोई जानकारी नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने एक बयान में बताया कि उसने (PMLA) के तहत नाइक की मुंबई और पुणे स्थित संपत्तियों की कुर्की के लिये अस्थायी आदेश जारी किया था।

बता दें कि इससे पहले ईडी जाकिर की सम्पत्तियों की दो बार कुर्की करा चुकी है। इससे पहले भी एनआईए ने नाइक के मुंबई में दो फ्लैट और एक वाणिज्यिक संस्थान को सीज किया था। जाकिर नाइक और उनकी संस्था इस्लामिक रीसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के पास तकरीबन 100 करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह तीसरी बार है, जब ईडी जाकिर की सम्पत्तियों की कुर्की कराने की तैयारी कर रही है। बता दें कि ईडी ने इस मामले में अब तक कुल 50.49 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

ईडी का कहना है कि जाकिर नाईक ने 17.65 करोड़ रुपये में कई बिल्डरों से संपत्ति खरीदी थी। ईडी की जांच टीम के एक अधिकारी ने कहा, “फंड के स्रोत को और प्रॉपर्टी के वास्तविक मालिक को छुपाने के लिए शुरुआत में जाकिर नाईक के अकाउंट से जो पेमेंट किए गए थे, उसे जाकिर नाईक की पत्नी, बेटे और भतीजी के अकाउंट में भेज दिया गया था। इसके बाद डॉक्टर जाकिर नाइक की बजाय उसके परिवारवालों के नाम पर प्रॉपर्टी की बुकिंग की गई। इसका खुलासा रकम के लेन-देन से हुआ है, ईडी ने इसकी सत्यता की पुष्टि की है।”

बता दें कि जाकिर नाईक के खिलाफ जांच की शुरुआत एनआईए द्वारा 26 अक्टूबर 2017 को मुंबई के स्पेशल कोर्ट के सामने दाखिल चार्जशीट के आधार पर की गई थी। एनआईए ने अपने चार्जशीट में बताया है कि जाकिर नाईक ने जानबूझकर हिन्दू, ईसाई और गैर वहाबी मुसलमानों की धार्मिक मान्यताओं को चोट पहुंचाया। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और मेसर्स हारमनी मीडिया ने भड़काऊ भाषणों को फैलाने में मदद किया। ऐसी गतिविधियों के लिए आरोपी को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और दूसरे स्रोतों से फंड मिल रहे थे।

बता दें कि जाकिर नाइक 2016 से ही मलेशिया में है। भारत सरकार जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयासरत है। हाल ही में मलेशिया ने भारत को जाकिर को सौंपने की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए थे। अब ईडी ने फिर से जाकिर पर नकेल कसी है। इससे माना जा रहा है कि यह जाकिर के लिए खतरे की घंटी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही जाकिर नाइक भारत सरकार के शिकंजे में होगा।

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