अपराधियों के प्रत्यर्पण के मामले में भारत सरकार को एक के बाद एक सफलता मिल रही है। पहले अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण, फिर भारत के बैंकों से करोड़ रुपये लेकर फरार माल्या द्वारा खुद ही मौखिक रूप से सरेंडर होने के बाद भारत सरकार को अब मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मामले में सफलता मिलती दिख रही है।
दरअसल, धर्म उपदेशक होने की आड़ में भारत समेत दुनियाभर के मुस्लिम युवाओं को आतंक के रास्ते पर ले जाने का काम करने वाले जाकिर नाइक के भारत प्रत्यर्पण को लेकर मलेशिया सरकार ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। मलेशिया के एक सांसद अनवर इब्राहिम ने कहा कि, इसके लिए हमें सबूतों की जरूरत है, सिर्फ अनुरोध पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। यानी सबूत मिलते ही वह जाकिर नाइक को भारत सरकार को प्रत्यर्पण कर देंगे। मलेशियाई सांसद ने कहा कि, जाकिर नाइक के खिलाफ ‘ठोस सबूत’ मिलने के बाद मलेशिया सरकार कार्रवाई करेगी। बता दें कि, इन दिनों अनवर इब्राहिम भारत दौरे पर हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ परस्पर हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर काफी सकारात्मक संकेत दिए हैं।
अनवर इब्राहिम ने कहा, “अभी हमारे पास उनको वापस लाने का अभी सिर्फ अनुरोध है, उन्हें कागजात और दस्तावेज उपलब्ध कराने जाने चाहिए। मैंने पीएम मोदी को स्पष्ट किया है कि, आतंकवाद के मुद्दों को हमारे द्वारा समर्थन नहीं किया जाएगा।” एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इब्राहिम ने कहा, “नाइक का मुद्दा मेरे साथ व्यक्तिगत रूप से नहीं उठाया गया है। जब तक हमें विस्तृत जानकारी नहीं मिलती है, हम आरोपों का समर्थन नहीं करेंगे। हमें कुछ सबूतों की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा कि “मलेशिया आंतकवाद को लेकर काफी सख्त है और यदि हमें ठोस सबूत मिलते हैं कि, कोई इन चीजों में संलिप्त है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार सिर्फ अनुरोध पर कार्रवाई नहीं करेगी।”
बता दें कि, भारत सरकार ने जाकिर नाइक और उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यही नहीं, भारत सरकार ने नाइक के इस संगठन को गैरकानूनी संगठन भी घोषित किया है। दरअसल जाकिर नाइक लगातार भड़काऊ भाषण देकर मुस्लिम युवाओं को आतंक का रास्ता दिखाने का आरोप है। वह अपने भड़काऊ भाषण का इस्तमाल करके नफरत फैलाने, समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देने और आतंकवाद का वित्तपोषण करने का काम करता था। जाकिर नाइक इस समय में मलेशिया का स्थायी निवासी बन गया है। इसी सिलसिले में जाकिर के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में जांच कर रही है ताकि पर्याप्त सबूत इकट्ठा करके जाकिर का भारत प्रत्यर्पण किया जा सके। नाइक जुलाई 2016 में भारत छोड़कर भाग गया था।
जाकिर नाइक की इन्हीं गतिविधियों के कारण उनपर एनआईए ने मुंबई ब्रांच में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 18 नवंबर, 2016 को केस दर्ज किया था। नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है। इसके अलावा जाकिर पर IRF की धारा 10 UA (P) और IPC की 120B, 153A, 295A, 298 और 505(2) धाराएं लगाई गईं हैं। जांच में यह पाया गया था कि, जाकिर नाइक अपने भाषणों से विभिन्न समुदायों के बीच नफरत पैदा करने का काम कर रहा था।
बता दें कि, इससे पहले भी कई बार मलेशियाई सरकार जाकिर के प्रत्यर्पण को लेकर सकारात्मक संकेत देती रही है। लेकिन उस समय एनआईए ने अपनी जांच पूरी नहीं की थी। लेकिन अब आशा है कि, एनआईए की जांच पूरी होते ही भारत सरकार जाकिर नाइक को भारत प्रत्यर्पित करा लाएगी।