जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए भीषण आतंकी हमले से पूरा देश दुखी है। पूरा देश आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ पुलवामा में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आत्मघाती हमलावर आदिल के पिता गुलाम हसन डार ने समाचार एजेंसी रॉयटर से बातचीत करते हुए इस हमले को सही बताया। उन्होंने कहा कि जिस दर्द से मेरे परिवारवाले गुजरे थे उस दर्द से आज जवानों के परिवारवाले गुजर रहे हैं। आदिल के पिता ने जिस शर्मनाक तरीके से अपने बेटे को सही बताया उससे एक बात और स्पष्ट हो गया कि जवानों पर हमले करने का मलाल आदिल जैसे युवकों को नहीं होता है। वो गलती करें और सुरक्षाबल उनको सजा दे तो वो सुधरने की बजाय बदले की आग में जलने लगते हैं। ये आज के समय के लिए एक बड़ा विषय है। युवकों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है ताकि उन्हें देश और देश के सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके। फिर भी कुछ अभिभावक भी उन्हें सही दिशा दिखाने की बजाय फटकने के लिए छोड़ रहे हैं।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक आदिल के पिता ने बातचीत में कहा कि ‘साल 2016 में आदिल को स्कूल से वापस लौटते समय उसे और उसके दोस्तों को सुरक्षाबलों ने पत्थरबाजी के आरोप में पकड़ लिया था और मार लगाई थी। इसी मार का गुस्सा आदिल के मन में इस कदर बैठा कि उसने आतंकी संगठन का दामन थाम लिया था और सुरक्षाबलों को सबक सिखाने की ठान ली थी।’ ऐसा लगता है कि आदिल के पिता भी सिर्फ अपने बेटे का दर्द देख रहे हैं उसकी गलतियां नहीं देख रहे। अगर उन्होंने अपने बेटे को पहले ही सही रास्ता दिखाया होता तो शायद वो सुरक्षाबलों की अहमियत को समझता न कि उनके खिलाफ अपने मन में जहर को बढ़ावा देता।
बता दें कि आदिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और इसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जिस आतंकी संगठन ने इस भीषण हमले को अंजाम दिया उस संगठन का मुखिया और कोई नहीं बल्कि मसूद अजहर है जिसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस के अपहरण के बाद बंधकों को सुरक्षित छुड़ाने के लिए भारत को मजबूरन छोड़ना पड़ा था। इस आतंकी संगठन द्वारा किये गये हमले में 44 जवान शहीद हो गए। यही नहीं आदिल के भी परखच्चे उड़ गए सिर्फ उसका हाथ ही घटनास्थल पर मिला। हमले के बाद जैश ए मोहम्मद द्वारा आदिल का एक वीडियो भी रिलीज किया है जिसमें आदिल अपनी योजना को अंजाम देने की बात कह रहा है। इस वीडियो में वो मिलिट्री की पोशाक पहने और हाथ ऑटोमैटिक राइफल लिए नजर आ रहा है। इस वीडियो में आदिल कह रहा है, “मुझे गर्व है… मैं इस्लाम का सच्चा प्रचारक हूं और मेरा नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।” उसने आगे कहा कि, ‘मैं जैश-ए-मोहम्मद की फिदायीन टुकड़ी में खास मकसद से ही शामिल हुआ था। जल्द ही बाबरी मस्जिद और अयोध्या में अल्लाहु-अकबर की आवाज गूंजेगी।’ यही नहीं उसने वीडियो के अंत में पुलवामा आईईडी हमले को सिर्फ एक शुरुआत बताया।
आदिल को इस आत्मघाती हमले के लिए जैश-ए- मोहम्मद के चीफ ट्रेनर अब्दुल रशीद गाजी व उसके दो साथियों मोहम्मद उमर व मोहम्मद इस्माइल ने ट्रेनिंग दी थी। अब्दुल रशीद गाजी जैश सरगना अजहर मसूद के करीबियों में से एक माना जाता है। ये आतंकी संगठन कश्मीरी युवकों को देश के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन इससे भी बड़े दुःख की बता ये है कि उनके करीबी भी उन्हें समझाने और सही दिशा दिखाने की बजाय भटकने के लिए छोड़ रहे हैं।