चंडीगढ़ में खाली कुर्सियां देख सिर्फ 8 मिनट में ही भाषण खत्म कर भाग गये केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ रैली

(PC: Indian Express)

आम आदमी पार्टी को चंडीगढ़ में तब बड़ा झटका लगा जब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 24 फरवरी को आयोजित की गयी प्रति की रैली में कोई गया ही नहीं। ये रैली दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल के घटते राजनीतिक कद को दर्शाता है। आम आदमी पार्टी रविवार होने के बावजूद भी पार्टी चंडीगढ़ में अपनी रैली में जनता को नहीं जुटा पाई। जब जनता केजरीवाल की रैली में नहीं पहुंची तो केजरीवाल भी सिर्फ 8 मिनट में ही अपना भाषण पूरा कर लिया और वहां से चलते बने।

दरअसल, 24 फरवरी को आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चंडीगढ़ के सेक्टर 25 में एक रैली थी। ये रैली अब तक कि सबसे फ्लॉप रैली रही। इस दौरान बीजेपी के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा और वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा को भी आमंत्रित किया गया था। ये रैली दोपहर लगभग डेढ़ बजे की थी लेकिन रैली में कोई पहुंचा ही नहीं। रैली का मैदान लगभग खाली था। जब काफी देर तक रैली में कोई नहीं पहुंचा तो केजरीवाल ने जल्दबाजी में पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी हरमोहन धवन को वोट देने की अपील की और अपना भाषण कुछ ही मिनटों में खत्म कर वहां से चलते बने। 8 मिनट के अपने भाषण में केजरीवाल ने चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर पर निशाना भी साधा।

किरण खेर पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा, “किरण खेर को सांसद का एक स्टेटस सिंबल चाहिए था, जो चंडीगढ़ के लोगों की वजह से उन्हें मिल चुका है। किसी को उनसे मिलना हो तो वो मिलती नहीं। उनसे मिलने के लिए लोगों को मुंबई जाना पड़ता है। क्या उन्होंने कोई स्कूल व अस्पताल बनवाया? केजरीवाल ने आगे कहा, ‘आप सभी का हरमोहन धवन आपके बीच रहता है। यदि हरमोहन धवन ने काम नहीं किया तो कम से कम घर जाकर उसे पकड़ तो सकते हो। किरण खेर को पकड़ने के लिए तो मुंबई जाना पड़ेगा। इस बार ये गलती मत करना।’ जनता केजरीवाल को सुनना नहीं चाहती और न ही पसंद करती है। फिर भी केजरीवाल बोले कि उनके नेता को जीताएं।

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक मार्च से अनिश्चितकालीन तक अनशन करने की घोषणा की थी। केजरीवाल ये अनशन दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए करेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि, ‘पूरे देश में लोकतंत्र है लेकिन दिल्ली में नहीं है। लोग वोट देते हैं और सरकार बनाते हैं लेकिन फिर भी सरकार के पास ताकत नहीं है। इसलिए हम 1 मार्च से अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे।’

केजरीवाल का ये नया ड्रामा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी हताशा को दर्शाता है। वास्तव में आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों में बुरी हार का सामना कर सकती है। जिस तरह से इस पार्टी ने जनता के विश्वास के साथ खेला है और भ्रष्टाचार में लिप्त रही है और उससे केजरीवाल और आप की लोकप्रियता में कमी आई है। यहां तक कि पंजाब के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था जहां ये पार्टी अपनी लोकप्रियता का कभी आनंद उठाती थी। चंडीगढ़ में ये खाली कुर्सियां केजरीवाल की घटती लोकप्रियता की कहानी बयां कर रही। 

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