दिल्ली की एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर की शिकायत के बाद रिपब्लिक टीवी और उसके सम्पादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआई आर दर्ज करने का आदेश दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अर्नब गोस्वामी पर निजी ईमेल हैक करने और पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की चोरी का आरोप लगाया है।
ये किसी से छुपा नहीं है कि शशि थरूर लुटियंस मीडिया के पसंदीदा नेताओं में से एक हैं और उनकी ‘इंग्लिश’ के तो फैन है। यही वजह है कि अर्नब द्वारा की गयी जांच की सराहना करने या उनका समर्थन की करने की बजाय ये पूरा गैंग शशि थरूर की तरफदारी कर रहा है।
This man has routinely tarnished journalists and even called for their trial and arrest. I wont shed a tear for him facing criminal action for his dangerous, communal and vile reportage. https://t.co/9XRKwRXpS1
— barkha dutt (@BDUTT) February 10, 2019
अर्नब गोस्वामी के विपरीत वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त दिल्ली कोर्ट के आदेश से काफी खुश हैं। विवादित पत्रकार और एनडीटीवी की पूर्व एंकर बरखा दत्त ने कहा, “इस आदमी (अर्नब गोस्वामी) ने पत्रकारों को नियमित रूप से परेशान किया है और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमे और गिरफ्तारी तक का भी आह्वान किया है। अपने खतरनाक, सांप्रदायिक और नीच रिपोर्टिंग की वजह से आपराधिक कार्रवाई का सामना करने कर रहे गोस्वामी के लिए मैं एक आंसू भी न बहाऊं।“
इस ट्वीट के बाद एक ट्विटर यूजर ने बरखा दत्त को जवाब देते हुए कहा कि, आपके इस ट्वीट से आपकी असुरक्षा और वीभत्सता साफ़ नजर आ रही है।
This man is being tried for his reportage on the murder of a politician’s wife who belongs to the same party that has pumped direct funds into Harvest TV.
This tweet reeks of @BDUTT ‘s insecurity &viciousness.
Last, communal are those who have muted KP stories in Kashmir. https://t.co/VrXHqPU2DT— शुभ्रास्था (Shubhrastha) (@Shubhrastha) February 10, 2019
बरखा दत्ता के इस ट्वीट से उनका ढोंग भी सामने आ गया। बरखा दत्त अपना एजेंडा साधने का एक मौका नहीं छोड़ती हैं। खुलेआम अपना एजेंडा आगे रखने वाली बरखा दत्त खुद को एक निष्पक्ष पत्रकार कहती हैं। हालांकि, जनता खुद ही उनके इस एजेंडे का खुलासा किया है।
एक पत्रकार के तौर पर उन्होंने खुद को स्थापित करने वाली बरखा दत्त से अज कोई भी जुड़ना नहीं चाहता है । एक पत्रकार होते हुए भी वो मुखर वामपंथी समर्थक रही हैं। साल 2011 में नीरा राडिया टेप कांड में बरखा दत्त का नाम सामने आया था। इस मामले में उनपर आरोप लगे थे कि उन्होंने नीरा राडिया के इशारों पर मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और डीएमके के बीच संदेश वाहक का काम किया था। इससे बरखा दत्त का कांग्रेस की तरफ झुकाव सभी के सामने आ गया था। एक तरफ जब आम जनता अर्नब गोस्वामी को स्पष्ट पत्रकारिता के लिए उनके साहस को सराह रहा था तो दूसरी तरफ बरखा दत्त को मुंबई हमले के मास्टर माइंड और आतंकी संगठन जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद ने सराहा था।
https://twitter.com/mukuljrsharma/status/1094199785073061893
कुछ दिनों पहले ही अर्नब गोस्वामी ने बरखा दत्त का बिना नाम लिए ही उनपर तंज कसा था। एक कार्यक्रम में अर्नब ने कहा था, “कई मुद्दों पर राइट-विंगर होना बहुत जरूरी है। आज मैं कहता हूं कि शायद मैं मीडिया में पहला व्यक्ति हूं जो ये कह रहा है कि मैं एक राईट-विंगर के रूप में कई मुद्दों पर पहचाने जाने से खुश हूं। अगर राष्ट्रवादी होना दक्षिणपंथी है, यदि देश की अखंडता के लिए खड़ा होना दक्षिणपंथी है तो दक्षिणपंथी होने पर मुझे गर्व है। मैं आज इस मंच से ये भी कहूंगा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था, है, और रहेगा और ऐसा कहना राईट विंगर है तो मैं राईट विंगर हूं। नीरा राडिया द्वारा खुद को बेचने और हाफिज सईद द्वारा सराहे जाने से तो बेहतर है कि अगर आप में जरा भी शर्म बची हो तो सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं बल्कि देश भी छोड़ दें।
अर्नब ने बेबाकी से अपनी बात रखी थी और यही वजह है कि वो बरखा दत्त की आँखों का काँटा बन गये हैं। अब भारतीय लिबरल पत्रकार भी अर्नब का मजाक बना रहे हैं। ये सभी लोग देश में सहिष्णुता का उपदेश देते हैं, लेकिन असहिष्णुता फैलाते हैं। इनका कहना है कि फ्रीडम ऑफ प्रेस और फ्रीडम ऑफ स्पीच खतरे में हैं जबकि वास्तविकता इससे परे है।