मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए आखिरकार एक बड़ी घोषणा कर दी है। माध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ा तोहफा दिया है। अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना कर दी गयी है। इससे 3 करोड़ मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिली है।
वास्तव में इस घोषणा से आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को बड़ा फायदा होगा। आर्थिक रूप से पिछले सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण के बाद अब आयकर छूट की सीमा में बड़ा इजाफा कर मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को एक बड़ा तोहफा दिया है। बता दें कि 60 साल से 80 साल के नागरिकों के लिए 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं, 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 टैक्स लगात है और 5 से 10 लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 लाख से ऊपर आय पर वरिष्ठ नागरिकों को 30 फीसदी टैक्स देना होता है। अब इस घोषणा से मध्यम वर्ग में खुशी की लहर है। यही नहीं मकान के किराए पर लगने वाले टैक्स डिडक्शन की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 कर दी गई है। वहीं, 40 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है। इसके अलावा अगर आप LIC, मेडिकल, पीएफ में इन्वेस्ट करते हैं तो, साढ़े 6 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे कुल तीन करोड़ से ज्यादा मध्यमवर्गीय लोगों को लाभ मिलेगा ।
बता दें कि इससे पहले टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। जबकि 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स लगता है। हालांकि सरकार आयकर छूट बढ़ाने का संकेत पहले ही दे दिए और उम्मीद के मुताबिक सरकार ने ये घोषणा भी कर दी। इसके साथ उन्होंने कहा, “2020 तक मकान लेने के लिए रजिस्टर कराने पर इनकम टैक्स में छूट मिलेगी, डेढ़ लाख निवेश पर टैक्स नहीं।” इसके अलावा उन्होंने कई घोषणाएं की।
पीयूष गोयल ने अपने भाषण में करदाताओं धन्यवाद करते हुए कहा, “देश की जनता का टैक्स महिलाओं की हालत सुधारने पर खर्च किया जा रहा है, लाखों-करोड़ों बच्चों के भविष्य पर खर्च किया जा रहा है, जवानों पर खर्च किया जा रहा है, थैंक्यू टैक्स पेयर्स।”
बता दें कि आज बजट सत्र में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हुई। इसमें छोटे सीमांत किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये भेजने की बात कही और ये रुपये उन किसानों के लिए है जिनके पास दो हेक्टेयर से कम की जमीन है। इस योजना पर केंद्र सरकार को कम से कम 75,600 करोड़ रुपये सालाना खर्च करने होंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत कर रहे है। किसानों को साल में 6 हजार रुपये, 2 हजार की तीन किश्तों में मिलेंगे। पहली बार 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत से ज्यादा तय किया गया।