सेना का कश्मीरी माओँ को संदेश: अपने अलगाववादी बेटों से कह दो सरेंडर कर दें वरना मारे जाएंगे

कश्मीर कंवल जीत सिंह ढिल्लन आतंकियों

PC: Prabhatkhabar

कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। मोदी सरकार ने भी सेना को आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी छूट दे दी है। सरकार की तरफ से आदेश मिलने के बाद से राज्य में सीआरपीएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों का सफाई अभियान भी शुरू कर दिया है। पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर ही सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के एक कमांडर सहित दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। पुलवामा हमले को लेकर मंगलवार को सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंवल जीत सिंह ढिल्लन, चिनार कॉर्प्स, भारतीय सेना के कोर कमांडर ने कश्मीर की मांओं से अपील की कि वो अपने को समझायें और सरेंडर करने के लिए कहें। अगर वो बंदूक उठाएंगे तो उन्हें मार गिराया जायेगा। सेना साफ़ शब्दों में कहा कि अब वो आतंकियों के साथ बिलकुल भी नरमी नहीं बरतेंगे।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना ने कहा, ‘पुलवामा आतंकवादी हमले के 100 घंटे के अंदर ही हमने घाटी में जैश के नेतृत्व को समाप्त कर दिया जो पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद द्वारा चलाया जा रहा था। इस मुठभेड़ में हमने जैश के टॉप कमांडर कामरान को मार गिराया और ये पुलवामा का मास्टरमाइंड भी था।’

लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लन ने कहा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर की माताओं से अपील करता हूं कि वो अपने बच्चों को समझायें और जो गलत रस्ते पर चले गये हैं उन्हें सरेंडर करने के लिए कहें। हम सरेंडर करने वालों के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाएंगे जो उनके हित में होगा लेकिन, अगर वो आतंकी वारदातों में शामिल रहेंगे तो उनके लिए कोई रहमदिली नहीं दिखायी जाएगी।’ लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लन ने आगे कहा, ‘पुलवामा हमले में पाकिस्तान और ISI का हाथ है।  हमने सोमवार को मुठभेड़ में जैश के तीन कमांडर ढेर कर दिए। इस हमले में और कौन शामिल थे और उनकी क्या योजना थी, ये हम शेयर नहीं कर सकते। जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान आर्मी का ही बच्चा है। इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका 100 प्रतिशत है और इसमें हमें कोई शक नहीं है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वो मुठभेड़ स्थल से दूर रहे। ये उनकी अपनी सुरक्षा के लिए है। सेना के ऑपरेशन में पूरी तरह से किसी स्थानीय को कोई चोट न पहुंचे इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।’

लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लन ने कहा, ‘गाजी जैसे कई आतंकवादी आए और गए, हम ऐसे सभी आतंकियों को खत्म कर देंगे। कश्मीर में घुसने वाले हर आतंकवादी को मार गिराया जाएगा।’ इसके अलावा देश के किसी कोने में कश्मीरियों के साथ कोई बुरा बर्ताव न करे इसका भी ध्यान रखे जाने की बात सेना ने कही। सीआरपीएफ के जुल्फिकार हसन ने कहा, ‘देश में कश्मीरियों की मदद के लिए सेना ने हेल्पलाइन- 14411 जारी कर दिया। इसके तहत देशभर में मुश्किल में फंसे कश्मीरियों की मदद की जाएगी।’ इस बयान से साफ़ है कि भले ही कश्मीर के कुछ स्थानीय लोग सुरक्षाबलों के खिलाफ हों लेकिन वो फिर भी अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। कश्मीरी बच्चों की सुरक्षा की परवाह भी है।

भारतीय सेना के इतने प्रयासों के बावजूद घाटी में कुछ युवा आतंक की राह को अपना रहे हैं। दुःख की बात तो ये है कि उनके अपने परिजन उन्हें इस रास्ते पर चलने से रोक नहीं रहे। सेना उनके घर जाकर अपील कर रही है लेकिन सेना को निराशा ही मिल रही है। हालांकि, अब सेना ने सख्त लहजे में कह दिया है कि अब आतंक का रास्ता छोड़ दो या सजा के लिए तैयार रहो।

स्थानीय आतंकियों को लेफ्ट लिबरल मीडिया और यहां तक कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री बचाने के लिए सामने आते रहे हैं। इन सभी की वजह से ही स्थानीय आतंकियों के मनोबल को बढ़ावा मिला है। जिन स्थानीय आतंकियों को महबूबा मुफ़्ती देश का बेटा कहती रही हैं वही अब देश की सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या इन सेक्युलर नेताओं और लिबरल गैंग को सेना के जवानों को देश का बेटा नहीं मानते? उन आतंकियों को बचाने का प्रयास करने वाले सिर्फ अपना एजेंडा साधते हैं भले ही इससे देश की सुरक्षा के साथ समझौता करना पड़े। इस तरह के हमलों का जवाब अगर सेना आज नहीं देगी तो कल को ये न सिर्फ सेना के लिए बल्कि देश के हर नागरिक के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। ऐसे में सेना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कार्रवाई होगी और पूरी तैयारी के साथ होगी।

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