दुश्मनों से बदला लेने के लिए शहीद हुए मेजर महादिक की पत्नी सेना में होंगी शामिल

गौरी महादिक सेना

PC: Jagran

“तू शक्ति का रूप है, नारी तेरा नाम। अब ना तुझको रुकना है, ना करना है आराम। दिल मे तेरे जो भी है, उसको दे अंजाम।“ ये पंक्तियां एक शहीद की पत्नी पर बिलकुल फिट बैठती हैं जिसने अपने पति के शहीद होने के बाद हिम्मत नहीं हारी बल्कि देश की रक्षा करने का फैसला किया। इस हिम्मती महिला का नाम गौरी महादिक है। गौरी महादिक मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी हैं जो साल 2017 में भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गये थे। अपने पति के शहीद होने के बाद गौरी ने अपने पति को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना में शामिल होने का फैसला किया। उनका ये फैसला उनकी हिम्मत और अपने पति के सपने को पूरा करने की कहानी बयां कर रहा है। वास्तव में ऐसा करके उन्होंने सशक्तिकरण और फेमिनिज्म के सही अर्थ को दुनिया के सामने रखा है।

बता दें कि दिसंबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश जे तवांग में भारत-चीन सीमा पर उनके पति और मेजर प्रसाद महादिक अस्थाई चौकी पर थे जहां फायरिंग में वो देश के लिए शहीद हो गये थे। पति के शहीद होने के बाद गौरी महादिक ने अपने आप को संभाला और सेना में भर्ती होने का फैसला किया। गौरी ने इसे अपने शहीद पति के लिए श्रद्धांजलि बताया। गौरी ने अपने बयान में कहा, ‘प्रसाद महादिक के जाने के 10 दिन बाद मैंने सोचा अब मुझे क्या क्या करना चाहिए। फिर मैंने फैसला किया कि मुझे उनके लिए कुछ करना चाहिए और मैंने ये सोच लिया कि मुझे सेना में शामिल होकर सितारे पहनने हैं।’

एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 32 वर्षीय गौरी चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी  में ट्रेनिंग ली और अगले साल 2020 में वो सेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं। गौरी ने बताया कि उन्हें वॉर विडोज के लिए गैर-तकनीकी श्रेणी में लेफ्टिनेंट नियुक्त किया जायेगा। अप्रैल 2019 से गौरी के 49 हफ़्तों की ट्रेनिंग शुरू होनी है और इसके बाद वो अगले साल सेना में शामिल हो जायेंगी। बता दें कि भोपाल में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा में 16 अभ्यर्थियों में टॉप किया था। ये परीक्षा पिछले साल नवंबर और दिसंबर माह के बीच हुई थी। इस परीक्षा को पास करने के बाद अब गुरु ट्रेनिंग लेंगी और सेना में शामिल होंगी। गौरी ने सेना में शामिल होने की बात पर कहा, “मैं अगले साल चेन्नई में ओटीए में कड़े प्रशिक्षण के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल हो जाउंगी।”

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इससे पहले स्वाति महादिक और नीता देशवाल ने भी अपने पति के शहीद होने के बाद सेना में शामिल होकर अपने देश की रक्षा करने का फैसला किया था। नीता देशवाल के पति ने मेजर अमित देशवाल ने बीते साल 12 अप्रैल को मणिपुर में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए बलिदान दिया था। अपने पति के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए नीता ने भी सेना में शमिल होने का फैसला लिया था। ट्रेनिंग के बाद वो जल्द ही सेना में शामिल होंगी। वहीं, स्वाति महादिक के पति 17 नवंबर 2015 को आतंकियों से लोहा लेते हुए वो कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए थे। पति के जाने के बाद स्वाति ने ट्रेनिंग ली और अब वो सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल भी हो चुकी हैं।

अपने पति के शहीद होने के बाद इन महिलाओं ने जिस तरह से खुद को संभाला और हिम्मत दिखाई वो सराहनीय है। वास्तव में ये महिलाएं देश में महिला सशक्तिकरण का एक नया उदाहरण स्थापित कर रही हैं। ये महिलाएं देश के अन्य महिलाओं के लिए मिसाल कायम कर रही हैं।

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