पाकिस्तान के जिहादी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के ठिकाने के बारे में पुख्ता सूचना मिली है। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद के खात्मे के बाद सुरक्षाबलों को अब यह जानकारी मिल रही है कि, आतंकी मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में है। सुत्रों के मुताबिक, वह यहां एक आर्मी अस्पताल में दुबकर बैठा है। अजहर की सुरक्षा में वहां पाकिस्तानी सेना के जवान पहरा दे रहे हैं। खबरों के अनुसार, डरपोक आतंकी अजहर इलाज के नाम पर वहां छुपा है और सख्त सुरक्षा के बीच अस्पताल से ही भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा है।
ऐसा बताया जा रहा है कि, मसूद अजहर ने इसी अस्पताल से पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर फिदायिन हमला करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि, इस टेरर अटैक से करीब आठ दिन पहले मसूद अजहर ने एक ऑडियो टेप जारी किया था। जैश सरगना ने इस टैप के जरिये गाजी राशिद को घाटी में युवाओं का ब्रेन वाश करने और उन्हें फिदायिन हमले करने के लिए तैयार करने को कहा था। इस टैप में जैश सरगना ने अपने साथियों से कहा था कि, ‘इस लड़ाई में मौत से बेहतर कुछ नहीं है। कोई इन्हें दहशतगर्द कहेगा, कोई निकम्मा, कोई पागल तो कोई इन्हें अमन के लिए खतरा कहेगा।’
पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर कायराना हमला करने के लिए जिम्मेदार संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर कितना डरपोक है, यह बात सिक्किम पुलिस के पूर्व महानिदेशक अविनाश मोहनाने के एक खुलासे के बाद पता चली है। पूर्वमहानिदेशक ने बताया है कि, आर्मी अफसर के सिर्फ एक थप्पड़ से जैश सरगना की सारी अकड़ ढीली पड़ गई थी।
भारत में भीषण आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार जैश सरगना को फरवरी 1994 में गिरफ्तार किया गया था। उसे दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पकड़ा गया था। अजहर पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसा था और फिर वह कश्मीर पहुंचा था। उस समय यह डरपोक अजहर आर्मी अफसर के एक थप्पड़ में ही हिल गया था और सारे राज उगलने लगा था। खबरों के अनुसार अविनाश मोहनाने ने बताया है कि कस्टडी के दौरान खुफिया एजेंसी को अजहर से पूछताछ करने के दौरान कोई महनत नहीं करनी पड़ी थी। अजहर ने पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी समूहों के कामकाज के बारे में खुफिया एजेंसियों को विस्तार से जानकारी दी थी।
अजहर ने पाकिस्तान में आतंकवादियों की भर्ती प्रक्रिया से लेकर आतंकवादी संगठनों के कामकाज तक की जानकारी खुफिया एजेंसियों को दी थी। अजहर द्वारा उगली गई इस जानकारी से भारतीय खुफिया एजेंसियां को पाकिस्तान की आईएसआई की तरफ से छेड़े गए छद्म युद्ध को समझने में काफी मदद मिली थी।
मोहनाने 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने उस समय एजेंसी में कश्मीर डेस्क का नेतृत्व किया था। मोहनाने ने बताया, “कई मौके आए जब मैंने अजहर से कोट बलवाल जेल में मुलाकात की और कई घंटे तक उससे पूछताछ की। हमें उस पर बल प्रयोग नहीं करना पड़ा क्योंकि वह खुद ही सारी सूचनाएं बताता चला गया।”
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान अजहर हर सवाल का विस्तार से जवाब देता था। उन्होंने बताया कि अजहर हमेशा दावा करता था कि पुलिस उसे ज्यादा दिन तक हिरासत में नहीं रख पाएगी क्योंकि वह पाकिस्तान और आईएसआई के लिए महत्वपूर्ण है। अजहर ने पुलिस अधिकारी से कहा था, “आप मेरी लोकप्रियता को कमतर करके देख रहे हैं। आईएसआई सुनिश्चित करेगी कि मैं पाकिस्तान लौटूं।”
बता दें कि, इंडियन एयरलाइंस के आईसी-814 विमान के हाईजैक होने के बाद यात्रियों के बदले में सरकार को अजहर को रिहा करना पड़ गया था। इसके बाद मसूद ने पाकिस्तान में जाकर साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद बनाया था। जैश के गठन के बाद अजहर ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया था। इसमें भारतीय संसद पर हमला, पठानकोट हमला, उरी में आर्मी कैंप पर हमला और हाल ही में पुलवामा में हुआ सीआरपीएफ के काफिले पर हमला शामिल है।
इस खुंखार आतंकी जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर को भारत अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाने में लगा है लेकिन चीन इसमें शुरू से ही अडंगा डाल रहा है। अब तो सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिला लिये हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावों के बीच सऊदी के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान का दौरा किया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पाक को ब्लैकलिस्ट किए जाने की प्रक्रिया से डरे पाकिस्तान ने सऊदी के शाहजादे की मेहमान नवाजी में पलक पावड़े बिछा दिये थे। पाक एयरफोर्स ने उनका फाइटर प्लेन के जरिए वेलकम किया था और पाक पीएम इमरान खान खुद सऊदी शाहजादे के ड्राइवर बन गए थे। इसके बाद संयुक्त बयान जारी हुआ जिसमें कहा गया, ‘उन्होंने (सलमान) संयुक्त राष्ट्र की ब्लैकलिस्ट करने की राजनीति को रोकने पर भी जोर दिया।’ उनका इशारा जैश के प्रमुख अजहर को दुनिया का आतंकी घोषित कराने के भारत की कोशिश की तरफ था। बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में वीटो शक्ति रखने वाला चीन अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कोशिशों को लगातार रोकता रहा है।सऊदी शाहजादे 19-20 फरवरी को भारत के दौरे हैं। हो सकता है इस दौरान उन पर से पाकिस्तान की मेहमाननवाजी का नशा उतर जाए और वे मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारत की मुहीम का समर्थन करें।
इस बीच जानकारी यह मिल रही है कि, पाकिस्तान भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई के डर से एलओसी के पास स्थित आतंकियों के लांच पैड हटा रहा है। पीओके में जैश ए मोहम्मद के करीब 60 से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं। ये आतंकी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। एलओसी पार पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को बचाने में जुटी हुई है। यहां मौजूद आतंकी ठिकानों को शिफ्ट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन शिविरों में आतंकियों की कोई हलचल देखने को नहीं मिल रही है। यही नहीं, पाकिस्तान ने भारतीय सेना की कार्रवाई के डर से अपने सैनिकों को शीतकालीन बंकरों में तैनात कर दिया है।
पाकिस्तान और जैश सरगना को भारतीय सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है। इस कारण वे पहले से ही बचाव की मुद्रा में हैं लेकिन जिस तरह से भारतीय सुरक्षाबलों ने कल पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद का खात्मा किया है उसी तरह वे जल्द ही पाक और जैश सरगना से भी पुलवामा का बदला जरूर लेंगे।