भारत लगातार अपनी सेनाओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में थल सेना, वायुसेना और नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण करार किये हैं। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और पाकिस्तान के नापाक इरादों को देखते हुए हमारे देश के लिए यह बहुत जरूरी भी हो गया था। यही कारण है कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी समय में देश के जंगी बेड़े को ताकतवर बनाने के हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने हाल के कुछ दिनों में ही 54 इजरायली हारोप ड्रोन, 72,400 असाल्ट राइफलें और 111 नेवल हेलीकॉप्टर के लिए करार किया है। आइए जानते हैं इन तीनों रक्षा डील से किस तरह मजबूत होगी भारतीय सेना-
किलर हैं 54 इजरायली हारोप ड्रोन
इजराइल अपनी ड्रोन क्षमता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है और ड्रोन एक ऐसा हथियार है जो एयरफोर्स की मानवरहित युद्द क्षमता को मजबूत करता है। यही कारण है कि, भारत के रक्षा मंत्रालय ने 54 इजरायली हारोप ड्रोन्स की खरीद को मंजूरी दे दी है।इजरायल से खरीदे जा रहे ये ड्रोन अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। इन्हें किलर ड्रोन इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए उनके पास जाकर क्रैश होते हैं। ये ड्रोन दुश्मन के हाई-वैल्यू मिलिट्री टारगेट को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखते हैं। खबरों के अनुसार, पिछले सप्ताह ही एक उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्रालय ने 54 किलर ड्रोन्स की खरीद को मंजूरी दे दी थी। सुत्रों के मुताबिक, ये ड्रोन चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किए जाने वाले हैं।
हारोप ड्रोन में आधुनिक इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर होता है। इस सेंसर के जरिये ये दुश्मन ठिकाने के बारे में बड़ा जल्दी पता लगा लेते है। विस्फोट कराने से पहले इन किलर ड्रोन्स से हाई वैल्यू वाले सैन्य ठिकानों जैसे निगरानी के ठिकानों और रडार स्टेशनों आदि पर निगरानी भी कराई जा सकती है।
चीनी सीमा पर तैनात जवानों के लिए 72,400 असाल्ट राइफलें
मोदी सरकार ने थल सेना की ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका की कंपनी से फास्ट्रैक प्रक्रिया के तहत एक सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें सरकार आर्मी के लिए 72400 सिग सॉर असाल्ट राइफल्स खरीदेगी। भारतीय फौज को आधुनिक एवं तेज हथियारों से लैस करने के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। सुत्रों के अनुसार, इस सौदे के तहत भारत को आज से एक साल के भीतर अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400 7.62एमएम राइफलें मिल जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया है कि ये नई राइफलें करीब 700 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदी जा रही हैं। गौरतलब है कि, भारतीय सशस्त्र बल अभी 5.56×45एमएम इंसास राइफलों से लैस हैं। इन राइफलों के स्थान पर 7.62×51 एमएम असाल्ट राइफलों को प्रयोग में लाने की शीघ्र आवश्यकता बताई जा रही थी। यही कारण है कि सरकार ने देशहित मे यह बड़ा फैसला किया है। ये असाल्ट राइफलें छोटी, ठोस और आधुनिक तकनीक वाली हैं जिन्हें युद्द की स्थिति में प्रयोग में लाना भी काफी आसान है।
बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी की शुरुआत में ही एसआईजी जॉर राइफलों की खरीद को मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि, इन राइफलों का इस्तेमाल चीन के साथ लगने वाली करीब 3,600 किलोमीटर की सीमा पर तैनात सेना करेगी। गौरतलब है कि, अक्टूबर 2017 में सेना ने सात लाख राइफलों, 44,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइनों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी।
नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे 111 नेवल हेलीकॉप्टर
मोदी सरकार ने नौसेना के लिए भी 111 नेवल हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया है। इन सभी हेलीकॉप्टर्स की खरीद रणनीतिगत साझेदारी (एसपी) मॉडल के तहत की जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए देशी और विदेशी कंपनियों को आग्रह पत्र जारी कर दिया है। ये हेलीकॉप्टर विदेशी और भारतीय कंपनियों की साझेदारी से बनाये जायेंगे। इन 111 हेलीकॉप्टर्स में से 95 हेलीकॉप्टर भारत में बनेंगे जबकि बाकी 16 का निर्माण विदेशी साझेदारी वाली कंपनी करेगी। ये नेवल हेलीकॉप्टर नौसेना के चेतक हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। ये नौसेना के पोतों पर तैनात किये जाएंगे। रक्षा मंत्रालय की ओर से भारतीय कंपनियों में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, लार्सन एंड टूब्रो, महिन्द्रा डिफेन्स, अदानी डिफेन्स, रिलायंस डिफेन्स और भारत फोर्ज को इस संबंध में आग्रह पत्र भेजे गए हैं। वहीं विदेशी कंपनियों में लॉकहीड मार्टिन, एयर बस हेलीकॉप्टर, बेल हेलीकॉप्टर आदि को आग्रह पत्र जारी किए गए हैं। सरकार के इस फैसले से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को भारी बढ़ावा मिलेगा।
ये तीनों करार मोदी सरकार ने कुछ ही दिनों के भीतर फाइनल किये हैं। यह बताता है कि सरकार भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए काफी सचेत है और इस दिशा में बड़े फैसले लेने में सक्षम है।