गधों के भरोसे है पाकिस्तान की जीडीपी, ये ही भुखमरी मिटाएंगे और ये ही दिलाएंगे गरीबी से निजात

गधे गरीबी पाकिस्तान

PC: navbharattimes

अगर हम आपसे कहें कि पाकिस्तान को गधे सम्हाले हुए हैं तो शायद आप विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन यह सच्चाई है। इस समय पाकिस्तान गधों के मामले में दुनिया को पछाड़ रहा है। गधों की संख्या के मामलों में पाक दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है। गधों के मालिकों का कहना है कि इनसे हमें अच्छी खासी कमाई हो जाती है जिससे हमारी गरीबी दूर हो रही है।

बता दें कि इमरान खान ने जब से पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से पाकिस्तान के बारे में एक से बढ़कर एक नई-नवेली बातें सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालते ही इमरान खान ने देश की गरीबी और कर्ज से राहत पाने के खातिर सबसे पहले खुद के पेट पर लात मारकर प्रधानमंत्री कार्यालय की सारी भैंसों को बेंच दिया था। लेकिन दुनिया के कर्ज तले दबे पाकिस्तान को इससे राहत नहीं मिली। पाकिस्तान को अमेरिका ने कर्ज देने से मना कर दिया। जिससे पाकिस्तान गरीबी से जूझने लगा।

इसके बाद इमरान खान ने पाकिस्तान के नीति नियंताओं के साथ मिलकर पाकिस्तान को गरीबी से बचाने के लिए बैठकें की। उस बैठक में निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान को अब मुर्गियां और चूजे ही बचा सकते हैं। इमरान खान ने पाकिस्तान में अंडे बंटवाने का निर्णय लिया। इमरान खान चाहते थे कि पाकिस्तानी औरते अब अंडे बेचकर कमाई करें। इसके लिए उन्होंने पूरे पाक में अंडे बंटवाने का निर्णय लिया। लेकिन वह तरकीब भी काम नहीं आई। इसी बीच पाकिस्तान को आईएमएफ ने भी कर्ज देने से मना कर दिया। अब पाक बुरी तरह से फंस गया।

ऐसे में इस बार पाक से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। नई खबर यह है कि पाकिस्तान गधों की संख्या के मामले में दुनिया में टॉप तीन देशों में शामिल है। छोटा सा देश पाकिस्तान गधों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है, यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है। ‘लाइफस्टॉक पंजाब’ ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि पाक गधों के मामले में दुनिया में नाम रोशन कर रहा है। सिर्फ लाहौर में ही कुल 41 हजार गधे हैं। 30-35 हजार रुपये की कीमत वाले गधे के मालिक खूब खुश हैं। उनका कहना है कि इनसे उन्हें खूब आमदनी हो रही है। ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि गधों के दम पर पाक में लोगों को रोजगार मिल रहा है। अब मन में सवाल उठता है कि दुनिया में अगर गधे न होते तो पाक का क्या होता।

दरअसल विदेशों में और खासकर चीन में गधों की खासा डिमांड है। ऐसा इसलिए क्योकि गधे की खाल से जिलेटिन बनता है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जाता है। अब पाक अपने गधों को चीन को निर्यात करने की सोच रहा है। चीन को गधे निर्यात कर वह अपने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी करना चाह रहा है। बता दें कि वर्तमान में पाक में गधों की संख्‍या 5.3 मिलियन के आंकड़े को पार कर चुकी है।

जानकारों की मानें तो पाकिस्तान में गधों की संख्या में बढ़ोत्तरी देश को गरीबी से मुक्ति दिलाने का बड़ा माध्यम बनेगा। जानकारों की मानें तो पाकिस्थान की जीडीपी इस समय गधों के भरोसे टिकी है। यानी अगर गधे गच्चा दे जाएं तो पाक भुखमरी का शिकार हो सकता है। ऐसे में पाक जानबूझकर गधों की संख्या में इजाफा कर रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्थान की जीडीपी का भारी भरकम हिस्सा गधों के भरोसे टिका है। यही कारण है कि पाकिस्तान में गधों की देखरेख के लिए एक गधा अस्पताल भी खोल दिया गया है। पाक सरकार नहीं चाहती है कि इन गधों को कुछ होने पाए। आखिर देश की रोज रोटी का जो सवाल है।

पाकिस्तान की मीडिया भी इन दिनों गधों में खूब दिलचस्पी ले रही है। यहां तक कि एक पत्रकार तो गधे पर बैठकर रिपोर्टिंग करते समय गिर पड़े। इसके बाद पाक के एक जाने मानें पत्रकार हामिर मीर ने ट्विट करते हुए लिखा, “गधों के व्यापार के मामले में लाहौर फलफूल रहा है। देखिए मेरा एक पुराना मित्र अमीन हफीज अपनी जान जोखिम में डालकर रिपोर्टिंग कर रहा है।” ट्वीट में उन्होंने वह वीडियो भी डाला जिसमें पाकिस्तानी पत्रकार गधे पर रिपोर्टिंग करते समय गिर रहे हैं।

अब ऐसे समय में, जब पाक कर्ज में डूब चुका है। अमेरिका और विश्वबैंक ने उसे पैसा देने से मना कर दिया है। चीन उसका दोस्त बनकर उसे अपने कर्ज के जाल में फंसा चुका हो, ऐसे में देखना यह होगा कि गधों के दम पर टिके पाक का क्या होगा। क्योंकि गधे तो गधे होते हैं। गधे कब बीच राह में बिदक जाएं, कोई नहीं जानता है। अब पाकिस्तान को गधे कब तक ढोते हैं, ये देखने वाली बात होगी।

Exit mobile version