कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ने जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ देश में गुस्सा है। माहौल ऐसा है कि बॉलीवुड हो या राजनीति या खेल जगत या हो आम जनता सभी पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट खड़े हो गये हैं और सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग कर रहे हैं। भारत सरकार भी पाकिस्तान को हर स्तर पर तोड़ने के पूरे प्रयास कर रहा है लेकिन पाक है कि वो न अपनी गलती मानने को तैयार है और ही आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई चाहता है। अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ और पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने खुद ही स्वीकार कर लिया है कि भारत में हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ही किया था लेकिन फिर भी वो सफाई दे रहे थे कि पाक सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं था। हालांकि, जानते तो वो भी हैं कि बिना पाक की मदद के आतंकी संगठन इतने बड़े हमले को अंजाम नहीं दे सकता।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ और पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, पुलवामा में आतंकी हमला जैश-ए-मोहम्मद ने ही किया है लेकिन इसमें पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है। मुशर्रफ ने कहा, “पुलवामा में जो हमला हुआ वो भयानक है, हमें खेद है और हम इसकी निंदा करते हैं और मेरी जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर से कोई सहानुभूति नहीं है। उसने मुझे भी मारने की कोशिश की थी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इस हमले में पाक सरकार की कोई भूमिका थी। मुझे नहीं लगता कि इमरान खान को जैश के साथ कोई सहानुभूति होगी।“ मुशर्रफ ने आगे कहा, ‘जैश ने ये हमला किया लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को दोष नहीं देना चाहिए। सारी जानकारी जुटाने के लिए एक संयुक्त जांच दल होना चाहिए। यदि इसमें सरकार शामिल है तो ये खेदजनक होगा।’
अब यहां ये समझ नहीं आ रहा कि जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमला किया और पाकिस्तान का इसमें हाथ कैसे नहीं नहीं है? वो देश जो इस संगठन को वित्त-पोषित करता है। इस आतंकी संगठन के निशाने पर हमेशा भारत का कश्मीर होता है। ये कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में रहता है। इस आतंकी संगठन के खिलाफ भारत ने कई बार पाक को सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा लेकिन, पाक ने सिर्फ इस संगठन को बढ़ावा दिया है। 3 नवंबर 2017 को अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत और अफगानिस्तान में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन समेत 20 आतंकी संगठनों के नामों की एक सूची भी दी थी। इस सूची में कई आतंकी सन्गठन ऐसे थे जो भारत के कश्मीर में हमले करते हैं। इसमें जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है। अब सवाल ये उठता है कि जब पाक को पता है कि ये आतंकी संगठन आतंकी हमले करता है फिर भी उसने इस संगठन के खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया?
जैश-ए-मोहम्मद का गठन आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने 31 जनवरी, 2000 को किया था और इसका मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में है। इस संगठन का मकसद ही कश्मीर को भारत से अलग करना है और पाकिस्तान में शामिल करवाना है। यही वजह है कि कश्मीर के सुरक्षाबलों और वहां के नागरिकों पर हमले करवाता है। यही नहीं ये संगठन आतंकी ट्रेनिंग कैंप भी चलाता है। पाक की धरती पर आतंकी कैंप चल रहा है और कश्मीर में लगातार हमले करवा रहा है। फिर भी, पाक कहता है कि उसका इसमें कोई हाथ ही नहीं है? जब पुलवामा में हमला हुआ तो उसके कुछ ही देर बाद इस आतंकी संगठन ने वीडियो जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन पाक सरकार और मीडिया इसे भी नकार रही थीं। पाक मीडिया ने तो ये तक कह दिया कि जिन्होंने पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हमला किया था वो ‘फ्रीडम फाइटर’ थे। वाह! एक तरफ मुशर्रफ कह रहे हैं कि जैश ने ही आतंकी हमला किया था और पाक मीडिया हमला करवाने वाले को ‘फ्रीडम फाइटर’ बता रही है और तो और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि ‘पाकिस्तान का इसमें कोई हाथ नहीं है, पहले सबूत लाओ।‘ पाक की तरफ से इर तरह की अलग अलग प्रतिक्रिया पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करता है। अब भारत ने भी पाक को बेनकाब करने के लिए आतंकी हमले के सभी सबूत पाक को न देकर इसे मित्र देशों को दिखाएगा। ऐसा इसलिए भी किया जायेगा क्योंकि जब भी भारत ने पाक को सबूत दिखाएं हैं उसने कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। ऐसे में अतीत के अनुभवों को देखते हुए भारत पुलवामा हमले के संबंध में पाकिस्तान के साथ कोई सबूत साझा नहीं करेगा।
पाकिस्तान ने ही पुलवामा में हमला करवाया और अब वो उल्टा गीदड़ भभकी दे रहा है कि अगर पाकिस्तान पर भारत हमला करेगा तो वो चुप नहीं बैठेगा। हालांकि, इस बार भारत पाक को आसानी से नहीं छोड़ेगा बल्कि हर स्तर पर पाक को आईना दिखाएगा।