जम्मू कश्मीर में हुए पुलवामा टेरर अटैक के बाद अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। अब सरकार कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए अर्धसैनिक बलों को हवाई मार्ग से भेजेगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और आईटीबीपी के जवानों को कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए हवाई मार्ग से ही श्रीनगर भेजा जाएगा। गृह मंत्रालय द्वारा सभी अर्धसैनिक बलों के लिए जारी किया गया यह आदेश आज (21 फरवरी) से ही प्रभावी हो गया है। सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अब आज से सभी अर्धसैनिक बलों के जवान और अफसर वायु मार्ग से ही श्रीनगर जाएंगे।
देश को हिलाकर रख देने वाले पुलवामा आंतकी हमले के बाद श्रीनगर में अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा को लेकर लिया गया गृह मंत्रालय का यह एक बड़ा फैसला है। इस फैसले के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पैरामिलिट्री बल के जवानों को ‘जर्नी ऑन ड्यूटी’ यानी ड्यूटी के लिए जाने पर या छुट्टी पर जाने और वापस आने पर हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी। अर्थात अब छुट्टी पर आने जाने के लिए भी अर्धसैनिक बलों के जवानों को हवाई जहाज की सुविधा मिलेगी। फैसले के मुताबिक जवानों को श्रीनगर से जम्मू, जम्मू से श्रीनगर, जम्मू से दिल्ली और दिल्ली से जम्मू के रूट पर हवाई सुविधा दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने आदेश की प्रति जारी कर व ट्विटर के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी है। सरकार के इस फैसले से करीब 7 लाख 80 हजार जवानों को फायदा होगा। सरकार के इस फैसले से कॉन्सटेबल, डेह कॉन्सटेबल और एएसआई को भी हवाई यात्रा की सुविधा मिल सकेगी। इससे पहले इस श्रेणि के सुरक्षाकर्मियों को यह सुविधा नहीं मिल पाती थी।
बता दें कि, अर्धसैनिक बलों द्वारा यह मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी। गृहमंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दिसबंर 2018 में फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाई गई थी लेकिन इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ेगी तो एयरफोर्स की मदद भी ली जाएगी।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिल पर हुए कायरतापूर्ण फिदायिन हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे। ये सभी छुट्टी बिताकर वापस ड्यूटी पर लौट रहे थे। इस घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया था। इस आतंकी हमले के बाद से सरकार लगातार एहतियाती कदम उठा रही है।
खबरों के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन के अलावा अन्य कईं अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की धर-पकड़ और सीमा पार से घुसपैठ को रोकने जैसे मुद्दों पर विमर्श किया गया था। इससे तय है कि आतंकवाद को रोकने और सुरक्षाबलों के हित में सरकार द्वारा आगे और भी ऐसे निर्णय लिये जा सकते हैं।
उधर पाक सेना को सता रहा सर्जिकल स्ट्राइक का डर
दूसरी ओर पाकिस्तान को पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक और सर्जिकल स्ट्राइक होने का डर सता रहा है। पाकिस्तानी सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोगों को रात के समय बंकरों में रहने का आदेश जारी किया है। पाकिस्तान सरकार की डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने पीओके के पास रहने वाले लोगों को कहा है कि वह एलओसी से दूर ही रहें। पाक सरकार ने इस आदेश में पीओके के लोगों को सुरक्षित जगह रहने के साथ-साथ यातायात के लिए भी सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल करने को कहा है। साथ ही इस आदेश में लोगों से रात के समय घूमने और समूह में निकलने की भी मनाही की गई है। पाकिस्तान का यह डर यूं ही नहीं है। सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए बड़ी तैयारी कर रही है। अपने सुरक्षाबलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही भारत सरकार पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देेने की भी तैयारी कर रही है।