‘द हिंदू’ की झूठी रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने फिर से अलापा राफेल घोटाले का राग, पूरा सच ये रहा

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शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे को लेकर कई दावे किये और इन दावों के जरिये एक बार फिर से झूठ का पुलिंदा खड़ा किया। यही नहीं इस दौरान उन्हों ‘द हिंदू’ की एक आधी अधूरी रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की लेकिन रक्षा मंत्री ने सभी झूठ और दावों पर पानी फेर दिया। अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “सर्दी खांसी न मलेरिया हुआ, ये गया यारों इसको रॉफेलेरिया हुआ।”

उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। यहां तक कि एक यूजर ने तो इसपर एक शानदार वीडियो भी बना दिया है जो सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

https://twitter.com/Spoof_Junkey/status/1094070467802120193

शुक्रवार को राफेल डील पर ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के हवाले से राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ‘फ्रांस सरकार के साथ राफेल डील को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से किये जा रहे डील के दैरान पीएमओ ने दखल दिया था जिसका फायदा फ्रांस को हुआ’ जबकि इस हस्तक्षेप का रक्षा मंत्रालय ने विरोध किया था। दरअसल, राफेल डील को लेकर एक डॉक्यूमेंट वायरल हुआ जिसमें तीन लोगों के नोट हैं। ये नोट 24 नवंबर 2015 है। पहला नोट रक्षा विभाग के तत्कालीन उपसचिव एस.के.शर्मा का है, दूसरा नोट तत्कालीन रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार का है और तीसरा नोट तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का है।

यही नोट द हिंदू ने प्रकाशित किया जिसके पांचवे नंबर पर लिखा है कि, “फ्रांस की टीम ने पीएमओ द्वारा की जा रही समांतर बातचीत का लाभ उठाया है जिसकी वजह से डील में भारत की स्थिति कमजोर हुई है। उस समय भारत और फ्रांस की सरकार राफेल विमानों के डील को लेकर बातचीत कर रही थी। दोनों देशों की तरफ से संबंधित डील के लिए एक टीम का गठन हुआ था।”

इसके बाद वाला हिस्सा इस अखबार ने प्रकाशित नहीं किया जब इसे लेकर द हिंदू से सवाल किया गया तो वो इसका जवाब नहीं दे पाया। इस अखबार को लगा कि सच जनता के सामने नहीं आएगा और जो ये दिखाएंगे वही जनता भरोसा करेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस अख़बार का झूठ जल्द ही सभी के सामने आ गया। इस अख़बार ने आधा सच ही जनता को दिखाया था जबकि पूरा सच कुछ और है। पूर्व रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार ने पीएमओ को क्लीनचिट देते हुए कहा कि ये डील साफ़ थी और इसमें पीएमओ की कोई भूमिका नहीं थी। बता दें कि मोहन कुमार के कार्यकाल में ही राफेल डील को अंतिम रूप दिया गया था। उन्होंने आगे कहा, ‘दो देशों के बीच जब इस तरह की कोई डील होती है तो संबंधित देशों के प्रधानमंत्री भी यदि इसमें शामिल होते भी हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है।‘ पूरा सच जानते हुए भी राहुल गांधी ने इस खबर को अपना हथियार बनाया और राफेल को घोटाले के रूप में एक बार फिर से पेश करने का काम शुरू कर दिया।

राहुल गांधी के इस झूठ पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी खुद सामने से जवाब दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल को लेकर पर झूठ बोल रहे हैं। द हिंदू ने भी डील को लेकर पूरा सच नहीं दिखाया।’ रक्षा मंत्री ने इस अखबार की पत्रकारिता पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या एक पत्रकार की जिम्मेदारी नहीं है कि कुछ भी प्रकाशित करने से पहले उसपर थोड़ा रिसर्च कर लें? या ये ही कह दें कि हमने मंत्रालय से जवाब पाने की कोशिश की, लेकिन मंत्रालय ने जवाब नहीं दिया और इसलिए सिर्फ इतनी रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं। वास्तव में उन्होंने आधा सच ही प्रकाशित किया है।” उन्होंने पीएमओ के हस्तक्षेप को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा, “अगर पीएमओ किसी मामले पर पूछ रहा है कि क्या प्रोग्रेस है? मामला कहां तक पहुंचा? क्या आप सभी अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं? तो इसे दखलअंदाजी नहीं कहते हैं, इसे मॉनिटरिंग कहते हैं।” रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि पीएमओ की ओर से काम को लेकर समय-समय पर जानकारी लेना हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है। इसके बाद रक्षा मंत्री ने उल्टा कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “मैं कांग्रेस से पूछना चाहूंगी कि उनके समय में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल क्‍या थी? ये सोनिया गांधी के नेतृत्व में काम करती थी, ये संवैधानिक संस्‍था नहीं थी। ये एक पीएमओ का रिमोट कंट्रोल था। क्या वो हस्तक्षेप था?”

वास्तव में इस पुरानी पार्टी ने बड़े ही शर्मनाक तरीके से जनता को गुमराह किया और चिल्ला-चिल्लाकर झूठे दावे किये लेकिन हर बार उनके ये दावे झूठ और निराधार साबित हुए हैं। फिर भी ये पार्टी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही। कांग्रेस के इस झूठ का दावा खुद बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक करके दिया लेकिन वो कहते हैं सत्ता पाने की हताशा इस पार्टी को इस तरह से परेशान कर रही है कि ये बार-बार एक रट लगा रही है।

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