विकिलीक्स ने किया था खुलासा, राहुल गांधी पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं

राहुल गांधी पर्सनालिटी

PC: (pc: catchnews)

राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की राह में बड़ी कठनाइयां हैं। वह प्रधानमंत्री बनने के तमाम पैमानों पर बहुत बौने साबित हो रहे हैं। कभी जानकारियों के अभाव के कारण तो कभी संसद में आंख मारने के कारण, कभी जनता के बीच किसी अन्य कारण से मजाक के पात्र बनने के कारण तो कभी किसी अन्य कारण से वह अपनी छवि को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। अब विकिलीक्स नाम की एक खोजी वेबसाइट   का एक बड़ा खुलासा सामने आया है।  

ऐसी ही एक रिपोर्ट एक बार फिर से आई है। इस बार विकिलीक्स नाम की एक खोजी वेबसाइट ने इस बात का खुलासा किया था कि राहुल भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर ‘पर्सनैलिटी’ की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। वेबसाइट ने इस बात का दावा किया है कि मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक अपरिपक्वता जैसी तमाम कारणों से कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे।

वेबसाइट ने गांधी वंशज को मनोवैज्ञानिक स्तर और पर्सनालिटी की दिक्कतों से जूझता बताया था। खोजी वेबसाइट विकिलीक्स की मानें तो ये बातें वरिष्ठ पत्रकार और लेखक सईद नकवी ने साल 2014 में कहीं थीं। ऐसा लगता है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सही कहा था कि राहुल गांधी ‘पर्सनैलिटी’ डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं। वो दर्जनों बार झूठ बोलते हैं और फिर स्व-विभ्रम में उसे सच मानते हैं।

दरअसल, विकिलीक्स नाम के इस खोजी वेबसाइट ने ट्विटर पर सईद नकवी और एक अमेरिकी राजनीतिक शख्स से बीच हुई बातचीत वाले का एक हिस्सा साझा किया था। इस बातचीत के मुताबिक, सईद नकवी ने राहुल गांधी  की पर्सनालिटी के बारे में कई खुलासे किए थे। इसके मुताबिक, “नकवी ने खुद को राहुल के पिता राजीव गांधी का निजी मित्र और गांधी परिवार का शुभचिंतक बताया है।”

खबरों की मानें तो केबल्स में बताया गया था, “सोनिया ने जब राहुल गांधी को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आगे बढ़ाना शुरू किया तो शुरुआत में नकवी इससे खुश थे, लेकिन बाद में उनका राहुल में भरोसा नहीं रहा। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों और सोनिया के कुछ बेहद करीबी लोगों में भी ये चर्चा है कि राहुल कई वजहों से कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे।”

विकिलीक्स 2014 के मुताबिक, “नकवी ने कहा कि तेजी से यह मान्यता बन रही है कि राहुल भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर कई पर्सनालिटी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। ये दिक्कतें उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर कभी काम नहीं करने देंगी।”

नकवी ने ये भी कहा था कि, “गांधी परिवार ने हमेशा ही राहुल की बहन को सक्रिय राजनीति में लाने के बारे में सोचा क्योंकि वो बुद्धिमान और समझदार हैं लेकिन सोनिया गांधी ने ऐसा नहीं किया। सोनिया गांधी एक इटालियन माँ है और एक भारतीय माँ की तरह हैं जो हमेशा अपने बेटे के प्रति सुरक्षात्मक भावना रखती हैं। नकवी के अनुमान के अनुरूप सोनिया गांधी ने राहुल की बहन की जगह राहुल को पार्टी की कमान के लिए चुना।” इससे के बात तो साफ़ है कि सोनिया गांधी भी जानती हैं कि प्रियंका से बेहतर हैं लेकिन उन्होंने फिर भी राहुल को चुना।

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद ये पर्सनालिटी की दिक्कत राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी झूठ का सहारा लेते हैं और अपने समान्य ज्ञान का परिचय देते हैं, उससे उनकी छवि मात्र एक गांधी वंशज के रूप में ही रह गयी है। राहुल की अक्षमता को जानते हुए भी कांग्रेस पार्टी में देश से ऊपर एक परिवार के वंश को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं पीएम मोदी ने अतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मजबूत किया है। ऐसे में जनता भी राहुल गांधी को समय-समय पर आईना दिखाती रही है।

कई बार तो आम जनता द्वारा भी ऐसी आवाजें उठती रही हैं कि राहुल न तो कांग्रेस पद के योग्य हैं और न ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार के योग्य हैं। ऐसे में अब जबकि आम चुनाव सिर पर है, इस समय राहुल का भंडाफोड़ हो जाने से राहुल गांधी के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

 

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