अब राजदीप सरदेसाई कर रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे रॉबर्ट वाड्रा का बचाव

राजदीप रॉबर्ट वाड्रा बेनामी संपत्ति

(PC: Opindia)

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की जा रही है। यह आरोप लगाया गया है कि वाड्रा ने लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर में 1.9 मिलियन पाउंड की बेनामी संपत्ति खरीदी है।

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, उपरोक्त संपत्ति को हथियार डीलर संजय भंडारी ने 1.9 मिलियन पाउंड में खरीदा था और फिर 2010 में उसी राशि में बेच दिया था। संपत्ति के नवीनीकरण पर 65,900 पाउंड के अतिरिक्त खर्च के बावजूद संपत्ति को उसी कीमत पर बेचा गया था। ईडी के वकील ने कहा, “यह इस बात का सूचक है कि, भंडारी संपत्ति के वास्तविक मालिक नहीं थे, लेकिन वह वाड्रा के स्वामित्व में थी, जो इस संपत्ति के नवीनीकरण पर खर्च कर रहे थे।”

जैसे ही प्रियंका गांधी वाड्रा के पति से ईडी ने पूछताछ की, कांग्रेस पार्टी उनके बचाव में कूद पड़ी। जो मामले में संदिग्ध था, उसने भी दावा किया कि वाड्रा निर्दोष हैं और अपने दावों का समर्थन करने के लिए उसने बेतुके तर्क भी पेश किए।

इससे बाद लेफ्ट-लिबरल गैंग के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इंडिया टुडे पर एक शो किया, जिसमें दावा किया गया कि लंदन में उपरोक्त संपत्तियां रॉबर्ट वाड्रा के नाम पर पंजीकृत नहीं हैं।

वैसे, किसी व्यक्ति द्वारा खरीदी गई संपत्ति, जो उसके नाम पर नहीं हो, बेनामी संपत्ति कहलाती है। ऐसी संपत्तियां हमेशा किसी और के नाम पर पंजीकृत होती हैं। इसलिए, दर्शकों को बरगलाने के लिए राजदीप ने जानबूझकर इस तथ्य को छुपाकर ट्विस्ट के साथ बात की। उन्होंने कहा कि, वाड्रा का नाम पॉप अप नहीं हुपआ है इसलिए वे निर्दोष हैं और ईडी बिना कारण उन्हें निशाना बना रही है।

ऐसा लगता है कि या तो राजदीप सरदेसाई अपने दर्शकों को बिल्कुल मूर्ख मानते हैं या वे खुद बेहद अज्ञानी हैं। माना कि लेफ्ट लिबरल पत्रकार राजनीतिक और वैचारिक रूप से पक्षपात करते हैं, लेकिन वे इतनी बेवकूफी भी नहीं करते जितनी राजदीप ने की है।

कुछ ही देर बाद, राजदीप अपनी अज्ञानता के लिए सोशल मीडिया पर भी ट्रोल होने लगे। इसके बीच बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने राजदीप को निशाने पर लिया। उन्होंने यह कहकर उनका उपहास किया, “बेनामी का मतलब … पूरी संपत्ति उसके मालिक के नाम पर होनी चाहिए। बहुत बढ़िया…मिस्टर बेनामी प्रवक्ता।”

यह पहली बार नहीं है कि राजदीप सरदेसाई को अपनी पक्षपाती पत्रकारिता के लिए शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा हो। पत्रकारिता में अपने 30 साल के लंबे करियर में, उन्हें अपनी घटिया पत्रकारिता के लिए कई बार ट्रोल होना पड़ा है। राजदीप सरदेसाई भारतीय पत्रकारिता की कईं कुख्यात खबरों में लिप्त रहे हैं। वे देश के लोगों में एक पक्षपाती और पाखंडी पत्रकार के रूप में जाने जाते है।

वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला कांग्रेस के लिए बहुत बुरे समय में आया है। नजदीक आते 2019 के लोकसभा चुनाव और प्रियंका वाड्रा के सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के बीच रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ  मनी लांन्ड्रिंग के आरोप कांग्रेस को बैचेन कर रहे हैं।

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