बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की बड़ी फजीहत हो गई है और यह फजीहत किसी विपक्षी पार्टी के नेता द्वारा नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव खूब ट्रोल हो रहे हैं।
दरअसल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने बंगला विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बड़ा झटका मिला। तेजस्वी की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने उन पर उल्टे पचास हजार का जुर्माना लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव इस तरह की याचिका दायर कर कोर्ट का कीमती समय ख़राब कर रहे हैं और तेजस्वी को अब अपना बंगला खाली करना ही होगा।
बता दें कि तेजस्वी के बंगला विवाद की याचिका को पटना हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, अब सुप्रीम कोर्ट ने आज उनकी याचिका को खारिज करके और ऊपर से अदालत का समय खराब करने का आरोप लगाकर उनकी फजीहत भी कर दी।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने तेजस्वी से कहा, “पहले आप उपमुख्यमंत्री थे, फिर इस पद पर नहीं रहे। अब आप नेता विपक्ष के तौर पर वैसा ही बंगला पा चुके हैं तो फिर उपमुख्यमंत्री वाले बंगले में क्यों रह रहे हैं?”
बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार की ओर से पुलिस अधिकारी तेजस्वी यादव का बंगला खाली कराने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वहां तेजस्वी ने बंगले के गेट पर एक नोटिस चिपकाया हुआ था। इसमें सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात लिखी गई थी। यह देखकर अधिकारियों ने वरिष्ठ अफसरों से बात की। इतनी देर में ही मामला बढ़ गया और राजद नेता गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे जिस कारण बंगला खाली नहीं कराया जा सका था।
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री रहते हुए तेजस्वी यादव को पटना के 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगला आवंटित किया गया था। वर्तमान में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी हैं, लेकिन तेजस्वी अभी तक भी उसी बंगले में रह रहे हैं। इसीलिए सरकार ने तेजस्वी से बंगला खाली करने के लिए कहा था। सरकार ने इस समय तेजस्वी यादव के लिए पोलो रोड स्थित वह बंगला आवंटित कर रखा है जिसमें पहले सुशील मोदी रहते थे। तेजस्वी के लिए बंगला आवंटित होने के बाद सुशील मोदी ने इसे तेजस्वी के लिए खाली कर दिया था पर डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी तेजस्वी उप मुख्यमंत्री का बंगला खाली करने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
चोरी और उस पर सीनाजोरी करते हुए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपना बंगला बचाने के लिए पटना हाई कोर्ट चले गए जहां डेढ़ साल तक लंबी लड़ाई के बाद भी उन्हें कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली और उनकी बंगला ना खाली करने की याचिका खारिज हो गई।
हाईकोर्ट से याचिका खारिज हुई तो तेजस्वी यादव सरकारी आवास खाली करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट चले गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी आज तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज कर दिया है और उन्हें विपक्ष के नेता के लिए बने आवास में जाकर रहने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की 3 सदस्यीय पीठ ने सरकार के फैसले को चुनौती देने और कोर्ट का समय खराब करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेता पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया।
आशा है कि, शायद अब तेजस्वी यादव सुप्रीम कोर्ट का आदेश मान लें और सुशील मोदी के लिेए बंगला खाली कर दें, वरना बेइज्जती और फजीहत तो उनकी हो ही रही है।