भारत अब पुलवामा आतंकी हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने के करीब पहुंच गया है। बुधवार को दुनिया के तीन बड़े शक्तिशाली देशों अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव पर अमल होने के बाद पाकिस्तान मसूद अजहर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय दबाव में आ जाएगा। साथ ही अजहर की वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध लग जाएगा और उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। इस प्रस्ताव में पुलवामा हमले का भी जिक्र किया गया है। तीन देशों द्वारा पेश किये गए इस नए प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को 10 कामकाजी दिनों के भीतर विचार करना होगा। तीन बड़े देशों द्वारा यह प्रस्ताव रखना भारत की बड़ी कूटनीतिक कामयाबी बतायी जा रही है।
इस बार मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगने के आसार इसलिए भी बन रहे हैं क्योंकि, जिन तीन देशों द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है, उसमें से एक फ्रांस 1 मार्च को सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बन जाएगा। फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और उसके पास वीटो पॉवर भी है। गौरतलब है कि, सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने में बदल जाता है। अब 1 मार्च को सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी। कल अध्यक्षता लेते ही फ्रांस मसूद अजहर पर प्रतिबंध के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की अनुमती देगा। बता दें कि, फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल से भी इस संबंध में बातचीत की है।
इससे पहले 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए हमले के लिए भारत ने मसूद अजहर और जैश ए मोहम्मद को दोषी ठहराया था। भारत ने इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के सामने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन चीन ने पहले मार्च 2016 और फिर अक्टूबर 2016 में भारत की इन कोशिशों को रोक दिया था। इसके बाद दिसंबर 2016 में चीन ने भारत के इस प्रस्ताव के विरोध में वीटो का इस्तेमाल किया था। गौर करने वाली बात यह है कि, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा लाए गए अभी के प्रस्ताव पर चीन ने फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है।
अमेरिका ने किया भारत की एयर स्ट्राइक का समर्थन
इस बीच अमेरिका ने पुलवामा हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की गई भारतीय वायुसेना की कार्रवाई का समर्थन किया है। बुधवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की गई भारत की कार्रवाई का समर्थन किया। इस बातचीत में माइक पॉम्पियो ने डोभाल से कहा कि, पाकिस्तानी जमीन पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर भारत की कार्रवाई का अमेरिका समर्थन करता है।
पुलवामा हमले के बाद से ही दुनिया के बड़े देशों का भारत को सीधा-सीधा समर्थन मिल रहा है। इससे पाकिस्तान पर एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय दबाव बन रहा है। अब जैसे ही मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगेगा तो यह पाकिस्तान और जैश ए मोहम्मद के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।