आम बजट के कुछ दिनों बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना तीसरा बजट पेश कर दिया है। योगी सरकार की कोशिश है कि इस बजट में किसानों, युवाओं, छात्रों और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लाभ मिले। ये बजट 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख का है जोकि प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा है और पिछले बजट से 12 प्रतिशत ज्यादा है। या यूं कहें भारत के सभी राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश का बजट अभी तक सबसे ज्यादा है। यही नहीं हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जो बजट प्रस्तावित किया गया था उसकी तुलना में यूपी का बजट 20 प्रतिशत है। एक खास बात यहां ये है कि महाराष्ट्र की जीडीपी उत्तर प्रदेश से लगभग दोगुनी लेकिन फिर भी उनका कुल बजट उत्तर प्रदेश के बजट का दो-चौथाई है। उत्तर प्रदेश के ये बजट 2019 इसलिए भी ख़ास है क्योंकि ये पाकिस्तान कुल बजट से लगभग दोगुना है। साल 2018-19 के लिए पाकिस्तान का कुल बजट 4.75 लाख करोड़ है। अगर इसे हम भारतीय रुपये में बदलें तो ये 2.41 करोड़ रुपये होता है। जबकि उत्तर प्रदेश का कुल बजट 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख का है इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान का कुल बजट ही यूपी के बजट का का आधा है।
योगी सरकार के इस बजट का उद्देश्य प्रदेश की विकास गति को बढ़ावा देना और आम जनता की जरूरतों को पूरा करना है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने इस बजट को पेश किया। इस बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नयी योजनायें सम्मिलित की गयी हैं।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। जैसी की उम्मीद थी इस बजट में शिक्षा, नगर विकास और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सभी के लिए योगी सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा मिला है। बजट में कन्या सुमंगला योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये, आयुष्मान भारत के लिए 1298 करोड़ रुपये, पुष्टाहार के लिए 404 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 111 करोड़ रुपये दिया गया है।
यही नहीं इस बजट में संस्कृति विभाग का खास ध्यान रखा गया है। मथुरा वृंदावन के मध्य आडोटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये, सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये और वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी।
नगर विकास के लिए योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 5156 करोड़ रुपए और अमृत योजना के लिए 22 सौ करोड़ का ऐलान किया है। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन योजना के लिए दो हजार करोड़ रुपये,
स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना के लिए 15 00 करोड़ रुपए की सौगात, मुख्यमंत्री नगरी अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास के लिए 426 करोड़ रुपए और पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास संबंधी कार्य के लिए 300 करोड़ रुपए और स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की घोषणा की गयी।
एयरपोर्ट, मेट्रो और एक्सप्रेस-वे के लिए भी बजट में ख़ास ऐलान हुए। पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा लखनऊ एक्प्रेस वे 6 लेन के लिए 100 करोड़ रुपये। जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 800 करोड़ रुपये, अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 200 करोड़ रुपये, रीजनल विमान सेवा कनेक्टिविटी के लिए 150 करोड़ रुपये की घोषणा हुई। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना तथा आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 175-175 करोड़ रुपये दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 400 करोड़ की घोषणा की है।
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए भी योगी सरकार ने कई घोषणाएं की। इसमें अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकरण के लिए 459 करोड़ की व्यवस्था, अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 942 करोड़ रुपए का तोहफा दिया गया।
उत्तर प्रदेश ब्रिज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की घोषणा की गयी। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए, गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़ रुपये, पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड रुपए तथा प्रो पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए बजट ख़ास रहा। आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोजेक्ट मिशन के लिए 1298 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 111 करोड़ रुपए और प्रदेश के जनपदों में 100 सैंया युक्त चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 47 करोड़ 59 की घोषणा की गयी।
यही नहीं प्रदेश में शिक्षा स्तर को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों में उच्चीकृत किए जाने की योजना के लिए 908 करोड़ रुपये की घोषणा की। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ को मिला 907 करोड रुपये, जनपद बलरामपुर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ की सेटेलाइट सेंटर की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये, पीजीआई लखनऊ को मिला 854 करोड़ रुपये, राम मनोहर लोहिया संस्थान को मिला 396 करोड़ रुपये, ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई को मिला 357 करोड़ रूपए, कैंसर संस्थान लखनऊ के विस्तार के लिए 248 करोड रुपये, माननीय अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये ला बजट प्रस्तावित किया गया। वहीं, बेसिक शिक्षा के लिए 18 हजार 485 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया।
माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र के लिए बजट में जो घोषणाएं हुईं हैं वो हैं:
-सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए 26 करोड़ 57 लाख रुपये
-राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये
-संस्कृत पाठशाला ओं को सहायक अनुदान उपलब्ध कराए जाने के लिए 242 करोड रुपए
-सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान के लिए 30 करोड़ रुपये
उच्च शिक्षा के लिए प्रस्तावित बजट है:
-सभी कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा योजना के लिए 50 करोड़ रुपये
-राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के लिए 160 करोड़ रुपये
-दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की अवस्थापना मद के लिए 6300000 रुपये
-लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में अटल सुशासन पीठ स्थापना के लिए 2 करोड़ रुपये
-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए 21 करोड़ 51 लाख रुपये
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी को कम करने के लिए ओडीओपी योजना के लिए 25 करोड़ प्रस्तावित किया गया। इस योजना का उद्देश्य एक साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार के लिये 100 करोड़ रुपये की घोषणा की।
इसके साथ ही गायों की सुरक्षा और उनकी बेहतरी के लिए भी योगी सरकार की तरफ से अहम घोषणाएं की गयीं। ग्रामीण क्षेत्रो में गौ शाला निर्माण केलिए 247 करोड़ 60 लाख रुपये, शहरी क्षेत्रों में कान्हा गौ शाला बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित हुआ। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय डेरी योजना के लिए 64 करोड़ , 10 हजार नई इकाइयां स्थापित होंगी। मथुरा में डेरी के लिए 56 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति के लिए 5 करोड़ रुपये और दुग्ध संघों और समितियों के पुंर्गगठन के लिए 93 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया।
इसके अलावा सहकारी क्षेत्र की बंद चीनी मिलों के लिए 50 करोड़ रुपये और पीपीपी मोड पर चलाने के लिए 25 करोड़ रुपये। पुलिस कर्मियों के बैरक के लिए 700 करोड़ रुपये, टाइप ए, बी के लिए 700 करोड़ रुपये, पुलिस की 7 लाइनों के लिए 400 करोड़, 57 फायर स्टेशन पर भवनों केलिए 200 करोड़, आधुनिकीकरण के लिए 204 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया।
कुल मिलाकर इस बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ था। किसान, छात्र, युवाओं समेत धार्मिक स्थलों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा है। वास्तव में ये बजट आम जनता के हित के लिए है और उम्मीद करते हैं प्रदेश में विकास की गति को इसके बाद एक नये आयाम मिले।इसके साथ ही योगी सरकार ने हिंदू धर्मस्थलों का खास ध्यान रखा है और इस बजट के प्रस्ताव में भी ये साफ़ दिखाई दे रहा है। सूबे के प्रमुख हिंदू धर्मस्थलों के लिए भी बजट ख़ास रहा. मथुरा वृंदावन के मध्य आडोटोरियम के निर्माण के लिए ,रामलीला स्थलों में चहारदीवारी निर्माण के लिए , ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए बजट प्रस्तावित किया गया। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण योजना के क्रियान्वयन के लिए श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट विकास परिषद का गठन करना। इसके अलावा और भी कई अहम घोषणाएं हुईं जो ये दर्शाती हैं कि योगी ने पिछली सरकारों की तरह हिंदुओं को अनदेखा नहीं किया बल्कि खास ध्यान रखा है।
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