ममता बनाम सीबीआई पर कांग्रेस के दो सुर, सांसद ने कहा, राज्य में लागू हो राष्ट्रपति शासन

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PC: Prabhasakshi

पश्चिम बंगाल में रविवार रात चिटफंड घोटालों के सिलसिले में सीबीआई की टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पहुंची जहां एक नया विवाद खड़ा हो गया। अब ये विवाद सियासी रंग ले चुका है। ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच टकराव इतना बढ़ा कि ममता देर रात धरने पर बैठ गयीं उनके साथ मंच पर पुलिस आयुक्त राजीव कुमार भी मौजूद रहे। वहीं, पश्चिम बंगाल में चल रहे सियासी हंगामे पर विपक्ष को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया और सभी एकजुट नजर आये। इस मामले को गरमाता देख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से लेकर तमाम विपक्षी नेताओं ने ममता बनर्जी से बात कर अपना समर्थन देने की बात कही। हालांकि, इस मामले में कांग्रेस पार्टी बंटती हुई नजर आई। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ममता बनर्जी के समर्थन में हैं तो दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीररंजन चौधरी ममता के खिलाफ नजर आये। अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में सीबीआई पर कार्रवाई को संविधान के खिलाफ बताया है और सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात कही।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, पश्चिम बंगाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने कार्रवाई की है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मंच पर क्यों मौजूद हैं? कांग्रेस सांसद चौधरी ने आगे ये भी कहा कि “सीबीआई के अधिकारियों को हिरासत में लिए जाने से राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। चौधरी ने ये भी कहा कि रविवार को शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाले में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पहुंचे सीबीआई अधिकारियों को ममता सरकार के आदेश के बाद ही गिरफ्तार किया गया था।

वहीं इस घटना पर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के विपरीत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता को फ़ोन कर उन्हें पूरा समर्थन देने की बात कही। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, “मोदी सरकार के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट है और इन फासीवादी ताकतों को हराएगा। पश्चिम बंगाल की घटना भारत की संस्थाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के निरंतर हमलों का हिस्सा है। हम ममता बनर्जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।” राहुल गांधी ने खुलेआम ममता को समर्थन देने की बात कही है और पश्चिम बंगाल कांग्रेस ममता के खिलाफ नजर आई। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब कांग्रेस पार्टी के हाई कमाना ने स्पष्ट शब्दों में ममता को अपना समर्थन दिया है लेकिन पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीरंजन चौधरी केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। इससे साफ़ है कि कांग्रेस कहीं न कहीं ममता बनाम सीबीआइ के मुद्दे पर एक नहीं हैं।

वास्तव में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता ममता के तानाशाही रवैये से खूब वाकिफ हैं यही वजह है कि वो ममता के खिलाफ नजर आये लेकिन राहुल गांधी इस अवसर का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहे हैं।  कभी ममता बनर्जी पर अपने भ्रष्ट लोगों को बचाने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी ममता को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि, जिस तरह से पश्चिम बंगाल कांग्रेस नेता और हाई कमान की प्रतिक्रिया में अंतर नजर आ रहा है। ये दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भले ही ममता का समर्थन करें लेकिन राज्य स्तर पर इस पार्टी के नेताओं को ममता एक आंख नहीं सुहाती हैं। इसका मतलब साफ़ है कि अब पश्चिम बंगाल भी कांग्रेस पार्टी के बीच आंतरिक मतभेद की स्थिति उत्पन्न होने वाली है।  

 

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