लगता है ममता बनर्जी को अपने गढ़ में बीजेपी की पताखा लहराने का अंदाजा हो चुका है, तभी तो वह बीजेपी नेताओं से इनती डरी-सहमी और घबराई हुई हैं कि वह बीजेपी के किसी भी नेता को पश्चिम बंगाल में उतरने की अनुमति नहीं दे रही हैं। पहले बीजेपी की रथ यात्रा को रोकना फिर भाजपा अध्यक्ष शाह के चॉपर को न उतरने देना और उसके बाद अब ममता ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को पश्चिम बंगाल में रैली करने की अनुमति ही नहीं दी। लेकिन योगी कहां मानने वाले थे। उन्होंने ममता बनर्जी को करारा जवाब देते हुए कुछ ऐसा कर दिया कि ममता सरकार भौचक्की रह गई। अब ममता बनर्जी पर सवाल उठते हैं कि वह किस मुंह से लोकतंत्र की हत्या का आरोप दूसरों पर लगाती हैं।
UP CM: Mamata Banerjee has opposed BJP’s 'save democracy' movement from beginning, Amit Shah was to go there to start this initiative,WB govt stopped it. I had rallies in Balurghat&Raiganj today but they didn’t permit chopper landing. That's why had to address rally via telephone pic.twitter.com/pieQjEqAI2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 3, 2019
बता दें कि अमित शाह को पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों से रथयात्रा निकालने की अनुमति देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद शाह को अपनी रथयात्रा का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था। उसके बाद अमित शाह एक रैली को संबोधित करने वाले थे, उस बार भी ममता सरकार द्वारा उनके चापर को उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली को भी ममता सरकार ने रोक दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बिना किसी नोटिस के ही योगी की इस रैली की इजाजत खारिज कर दी। मजबूरी में योगी आदित्यनाथ ने दूसरा रास्ता निकाल लिया। दोनों ही जनसभा में भारी भीड़ आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोबाइल फोन से ही रैली को संबोधित किया।
West Bengal BJP leader Mukul Roy: Ultimately, BJP will get permission at Balurghat. There is a regular airport at Balurghat. What is the harm of giving permission to land helicopter on that regular helipad? So, it is absolutely undemocratic attitude of the govt of West Bengal. pic.twitter.com/H1Kl1FoNRt
— ANI (@ANI) February 3, 2019
इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि बंगाल में जनविरोधी तृणमूल कांग्रेस सरकार के दिन गिने-चुने रह गए हैं। उन्होंने मुझे रैली में शामिल नहीं होने दिया लेकिन वे मेरी आवाज नहीं दबा सकते। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली रद्द किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं समेत आम जनता में गुस्सा है। पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ताओं समेत आम जनता ने ममता सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में 100 से अधिक रैली करने की तैयारी में है। इस के मद्देनजर रविवार को योगी बांकुरा और पुरुलिया में दो रैलियां करने वाले थे। इसके अलावा 5 फरवरी को भी उनका रायगंज और दिनाजपुर जिले के बालूरघाट में रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम तय किया गया है। लेकिन हिंदुओं के साथ सौतेला व्यवहार करके राज्य में अपना आधार बुरी तरह खो चुकी ममता बनर्जी बुरी तरह से डरी हुई हैं। यही कारण है कि हिंदुत्व की छवि रखने वाले योगी और अमित शाह की रैलियां उनकी रातों की नींद हराम कर चुकी हैं। इसी वजह से वह बार-बार बीजेपी नेताओं की रैलियों को रोकने की जद्दोजहद में लगी हैं।
योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार का कहना है कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का असर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत तक नहीं दी। जबकि पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता मुकुल रॉय का कहना है कि आखिरकार भाजपा को इजाजत मिलेगी। बालुरघाट में नियमित एयरपोर्ट है। नियमित हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत देने से क्या समस्या होगी? बंगाल सरकार का यह फैसला पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।
इससे पहले झारग्राम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हेलिकॉप्टर को उतारने की इजाजत नहीं दी गई थी। ये लगातार दूसरी बार था जब अमित शाह के हेलिकॉप्टर को बंगाल में लैंडिंग की इजाजत नहीं मिली थी। इससे पहले मालदा में भी ऐसा ही हुआ था।
बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भी राज्य में दो रैलियों को संबोधित किया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री 8 फरवरी को दार्जिलिंग या जलपाईगुड़ी में रैली को संबोधित करेंगे। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी का मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम आयोजित करने का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। ऐसे में विपक्षी नेताओं की रैलियों को अनुमति न देने का ममता बनर्जी का यह अलोकतांत्रिक रवैया बताता है कि पश्चिम बंगाल में किस हद तक लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की हत्या की जा चुकी है।