सरकार के पास हैं एयर स्ट्राइक के सबूत, रडार की तस्वीरों में दिख रहा हैै कि जैश के 4 मदरसे हो गए थे तबाह

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(PC: Indian Express)

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायिन हमले के 12 दिनों बाद 26 फरवरी के दिन तड़के भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक में वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया था। इस एयर स्ट्राइक से जुड़ा अब एक और खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार रडार के माध्यम से आई तस्वीरों में साफ-साफ दिख रहा है कि वायुसेना की कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद के चार मदरसे बुरी तरह तबाह हो गये थे।

उच्चपदस्त सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी है कि, खुफिया एजेंसियों के पास सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) की तस्वीरों के रूप में एयर स्ट्राइक के सबूत मौजूद है। इन तस्वीरों में साफ दिख रहा है भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू जेट्स ने चार इमारतों को पांच एस-2000 प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन के जरिए ध्वस्त किया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारी ने कहा है कि, इस एयर स्ट्राइक में मदरसा तालीम-उल-कुरान के परिसर की 4 इमारतों को नुकसान हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तकनीकी इंटेलिजेंस की सीमाओं और ग्राउंड इंटेलिजेंस की कमी के कारण अभी तक हमले में मारे गए आतंकियों का आंकलन करना काल्पनिक ही होगा।

अधिकारी ने बताया है कि, वहां जैश के चार मदरसे थे। इसमें से एक में मसूद अजहर का भाई रहता था। दुसरे में आतंकी ट्रेनर रहते थे। तीसरे में रंगरूट रहते थे जिनकी ट्रेनिंग आखिरी दौर में होती थी और चौथी इमारत में ट्रेनिंग किये हुए आतंकियों को रखा जाता था। इन चारों ही इमारतों को भारतीय वायुसेना ने बम से उड़ा दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस अधिकारी ने कहा, ”एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने मदरसे को क्यों सील किया? मदरसे का मुआयना करने पत्रकारों को तुरंत जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? हमारे पास रडार से ली गई तस्वीर है, जिससे पता चलता है कि मदरसे को गेस्ट हाउस की तरह भी इस्तेमाल किया जाता था और यहां मौलाना मसूद अजहर (जैश चीफ) का भाई रहता था। एक L शेप के मकान में आतंकी ट्रेनर रहते थे। एक दो मंजिला मकान में रंगरूटों को रखा जाता था। अन्य मकान में ट्रेनिंग पाए आतंकियों को रखा जाता था। जिसे बम से उड़ा दिया गया।”

जब अधिकारी से रडार की इन तस्वीरों को जारी करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि तस्वीरें जारी करने का फैसला पूरी तरह सरकार का ही होगा। उन्होंने यह भी बताया कि ये तस्वीरें सैटेलाइट तस्वीरों की तरह साफ नहीं हैं, क्योंकि उस दिन घने बादल थे।

अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, वायुसेना को अपने लक्ष्य के बारे में एकदम सटीक जानकारी थी। उन्होंने बताया कि, वायुसेना ने इन इमारतों को इजरायली एस-2000 पीजीएम बमों से निशाना बनाया था। ये बम पहले इमारत में घुसते हैं उसके बाद फटते हैं। ये बेहद सटीक और जैमर-प्रूफ बम होते हैं। अधिकारी ने बताया कि, ये बम कमांड और कंट्रोल सेंटर उड़ाने के लिए है और इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाता। पहले सॉफ्टवेयर में छत किस प्रकार की है, उसकी मोटाई, मैटेरियल क्या है, यह फीड करना होता है। इसी के हिसाब से पीजीएम कितनी देर बाद फटेगा, यह तय किया जाता है।

अधिकारी ने बताया कि, जैश की ये इमारतें नालीदार जस्ती लोहे (सीजीआई) के सरियों से बनी थीं। उन्होंने बताया कि, एसएआर की तस्वीरों से पता चलता है कि, हमले के अगले दिन इन इमारतों की छतें गायब हो गई थीं लेकिन दो दिन बाद ही बड़ी चालाकी से पाक ने इन सीजीआई छतों को रिपेयर कर दिया, जिससे तकनीकी इंटेलिजेंस को नुकसान का पूरा आंकलन करने में परेशानी हो रही है।

अधिकारी ने बताया कि हमले की पूरी जगह को पाकिस्तानी सेना ने सील कर दिया है। पाकिस्तानी आर्मी बड़ी मुस्तैदी से उस जगह की सुरक्षा कर रही है। इस वजह से वहां से कोई विश्वसनिय खुफिया इनपुट्स नहीं मिल पा रहे हैं। यही कारण है कि, एयर स्ट्राइक में हताहत आतंकियों की संख्या का आंकड़ा अभी कोई नहीं बता सकता।

सेना के सूत्रों ने पाकिस्तान के उस दावे से भी इंकार किया जिसमें बताया गया था कि वायुसेना के बम जाबा गांव की उस पहाड़ी पर जाकर लगे जहां पाक सेना कुछ पत्रकारों को गड्ढ़े और गिरे हुए पेड़ दिखाने ले गई थी। सैन्य अधिकारी ने कहा, “अगर केवल एस-2000 पीजीएम फायर किए गए तो गड्ढ़ों या टूटे पेड़ों की कोई संभावना नहीं है। पीजीएम धरती के अंदर जाकर फटता है, जिससे एक टीला जरूर बन जाएगा।”

दूसरी ओर यह भी खबरें है कि, एयर स्ट्राइक के समय पाकिस्तानी वायुसेना, भारतीय वायुसेना के जाल में फंस गई थी। दरअसल, भारतीय वायुसेना ने ऐसे संकेत दिये थे कि, वह दक्षिणी पंजाब के एक शहर की ओर हमला करने जा रही है। पाक एयरफोर्स ने इस खतरे से निपटने के लिए उस तरफ अपने एयरक्राफ्ट उडा दिये और एलओसी को हमले के लिए खुला छोड़ दिया। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने यह भी बताया कि, एयर स्ट्राइक के समय नागरिक उड़ानों को बंद नहीं किया गया था। ऐसी स्थिति में वायुसेना को एयर स्ट्राइक के लिए डार्क कॉरिडोर तैयार करना पड़ा था ताकी वायुसेना के इनते बड़े बेड़े को ले जाया जा सके। इस कारण भारतीय जेट्स को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड़ानों की निगरानी और संदेह से बचने के लिए लंबा रूट लेना पड़ा।

इस एयर स्ट्राइक के बाद विदेश सचिव विजय. के. गोखले ने मंगलवार को कहा था, “इस अभियान में बड़ी संख्या में जेईएम आतंकी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और फिदायीन हमले के लिए प्रशिक्षण ले रहे जिहादी समूह मारे गए हैं।”

पाकिस्तान ने भी भारत की कार्रवाई की पुष्टि तो की है लेकिन साथ ही वह एक बड़ा झूठ बोल रहा है। वह लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि बालाकोट में कोई आतंकी कैंप था और वहां नुकसान पहुंचा है। अब सरकारी सूत्रों से साफ हो गया है एयर स्ट्राइक में जैश के चार मदसरे तबाह हो गए थे।  अगर सरकार रडार की तस्वीरों को पब्लिक करती है तो यह पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में बैठे उन चंद लोगों के लिए भी बड़ा झटका होगा जो सरकार से एयर स्ट्राइक का सबूत मांग रहे हैं।

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