बिग बॉस 11 में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाली कंटेस्टेंट अर्शी खान कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गयी हैं। इससे पहले बिग बॉस 11 की विजेता शिल्पा शिंदे भी कांग्रेस में शामिल हुईं थीं। मुंबई में आयोजित एक ओपचारिक कार्यक्रम में अर्शी खान पार्टी में शामिल हुईं। उन्हें कांग्रेस पार्टी में मुंबई प्रदेश माइनॉरिटी वेलफेयर कमेटी का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया है।
इससे पहले अर्शी खान ने कहा था, “ हां, मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रही हूं। मैं महाराष्ट्र कांग्रेस की उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी जॉइन करूंगी। उन्होंने मुझे ये पद दिया इसी वजह से मैंने हां कहा। पार्टी को युवा नेताओं की जरूरत है जो कि बिंदास और बेधड़ बोल सके।”
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बता दें कि अर्शी को विवादों का दूसरा नाम भी कहते हैं। वो जहां जाती है वहां कोई विवाद न हो ऐसा हो नहीं सकता। खबरों में बने रहने के लिए अर्शी ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के साथ अफेयर की खबर फैलाई थीं। अर्शी ने ये तक कहा था कि शाहिद अफरीदी के बच्चे की मां बनने वाली हैं। हालांकि, उनका ये झूठ जल्द ही पकड़ा भी गया। पाकिस्तान के प्रति अर्शी खान का प्यार तब भी सामने आया था जब उन्होंने पाकिस्तानी झंडे के साथ न्यूड फोटोशूट करवाया था। यही नहीं अर्शी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के फोटो और डोनाल्ड ट्रम्प के फोटो भी अपने अंत:वस्त्रों पर चिपका कर भी फोटोशूट करवा चुकी हैं।
यही नहीं ‘अर्शी खान फैन पेज’से संचालित पेज ने अपना नाम बदलकर इंडिया स्कूप्स रख लिया। इस पेज ने राफेल डील को लेकर फेक न्यूज़ फैलाया था। इंडिया स्कूप्स ने दावा किया था कि पीएम मोदी के योगा वाले फिटनेस वीडियो पर 35 लाख रुपये खर्च किये गया है लेकिन बाद में आरटीआई के जवाब ने इस फेक न्यूज़ की पोल खोलकर रख दी थी। हालांकि, थोड़े से ही रिसर्च के बाद इस पेज का झूठ सामने आ गया था। वास्तव में ये कांग्रेस के अंदर की हताशा को दर्शाता है।
अर्शी खान जैसी विवादित चेहरे को कांग्रेस ने शामिल कर सिर्फ मनोरंजन को बढ़ावा दिया है जबकि बीजेपी ने जयाप्रदा, क्रिकेटर गौतम गंभीर, सेना के विशेष बल के पूर्व जवान मेजर सुरेंद्र पूनिया जैसे चेहरों को अपनी पार्टी में जगह दी है।
वहीं कांग्रेस उर्मिला मातोंडकर, हार्दिक पटेल, शिल्पा शिंदे और अर्शी खान जैसे विवादित चेहरों को अपनी पार्टी में जगह दी है। जिस तरह के चेहरों को कांग्रेस टिकट दे रही है उससे तो यही लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस पार्टी को और नुकसान होने वाला है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के नतीजे इसे साबित भी कर देंगे।