भाजपा ने लम्बी बैठकों के दौर के बाद आखिर होली की शाम को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मदीवारों की पहली सूची जारी कर ही दी। इस सूची में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी व नितिन गड़करी समेत कईं बड़े नाम शामिल रहे। सूची में यूपी, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, तमिल नाडु, तेलंगाना,कर्नाटक,ओडिशा, पश्चिम बंगाल,असम, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के 184 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। इसके अलावा बिहार की 17 सीटों के उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल हो गए हैं, हालांकि अभी उन नामों को सार्वजानिक नहीं किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले लोकसभा चुनावों में वाराणसी एवं वडोदरा से चुनाव लड़ा था, दोनों सीटों पर वे विजयी हुए थे। वाराणसी सीट पर उन्होंने अरविन्द केजरीवाल को 3 लाख 37 हजार वोटों के बड़े फासले से हराया था। जिस तरह के काम वाराणसी में हुए हैं उससे अब एक बार फिर से वाराणसी से उनका चुना जाना तय माना जा रहा है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इन चुनावों में पहली बार अपने लिए वोट मांगते नज़र आएंगे। वे गुजरात के गांधीनगर से उम्मीदवार बनाए गए हैं। भाजपा उनको काफी समय से संसद में लाना चाहती थी। जुलाई 2017 में उनको गुजरात से राजयसभा सांसद के तौर पर मनोनीत भी किया गया था। अब उनको लोकसभा में लाने के लिए भाजपा ने उन्हें गुजरात के चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके कई मायने निकाले जा सकते हैं। पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसके बाद यह माना जा रहा था कि अब की बार भाजपा द्वारा राज्य में क्लीन स्वीप करना शायद मुश्किल रहेगा, लेकिन पार्टी अध्यक्ष के गुजरात में उतरने से पार्टी का मनोबल ऊंचा होना स्वाभाविक है। एक बड़े चेहरे के गुजरात राजनीति में कदम रखने से पार्टी का जनाधार भी मज़बूत होगा।
आपको बता दें की गांधीनगर सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का संसदीय क्षेत्र रहा है, लेकिन अब की बार उन्हें पार्टी द्वारा चुनावी मैदान में नहीं उतारा गया है। 91 वर्षीय नेता वर्ष 1998 से यह सीट जीतते आ रहे हैं, लेकिन अब उनकी जगह एक अन्य बड़े चेहरे अमित शाह को उतारकर भाजपा ने एक सन्देश देने के कोशिश की है। अपने सांसदों की औसत उम्र को कम रखकर भाजपा अपने आप को एक ‘युवाओं की पार्टी’ के तौर पर प्रदर्शित करना चाहती है , जिससे की उसे देश के युवाओं से भरपूर समर्थन मिल सके। भाजपा, सरकार में मंत्रियो की 75 वर्ष की उम्र को पहले ही मापदंड बना चुकी है जिसके तहत मुरली मनोहर जोशी एवं आडवाणी जैसे नामों को 2014 में निर्मित कैबिनेट से बाहर रखा गया था।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का टिकेट अमेठी से ही तय किया गया है, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से होगा। यह मुकाबला वर्ष 2019 के चुनावों में सबसे दिलचस्प माना जा रहा है। एक तरफ पिछले 5 वर्षों में ईरानी द्वारा किया गया जोरदार चुनाव प्रचार रहेगा तो दूसरी तरफ कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में राहुल की साख रहेगी।
इनके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ को लखनऊ, मंत्री नितिन गडकरी को नागपुर, किरन रिजिजू को अरुणाचल वेस्ट एवं बाबुल सुप्रियो को आसनसोल से टिकेट दिया गया है। इस सूची में अधिकतर वे सीट शामिल हैं जहां पर चुनाव 11 अप्रैल को पहले चरण में होने हैं।