कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी फ़ज़ीहत कराई है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान कांग्रेस के एक कार्यक्रम में ‘मोदी-मोदी’ और ‘अबकी बार-फिर मोदी सरकार’ के नारे लगे। यह घटना तब घटित हुई जब किसान सम्मान यात्रा के कार्यक्रम में किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर एक किसान सभा को सम्बोधित कर रहे थे। मोदी के समर्थन में नारे लगाने के बाद सभा में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसानों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने उनका बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। नारे लगाने वाले किसानों ने कांग्रेस पर किसानों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। किसानों का कहना था कि क़र्ज़ माफ़ी को लेकर कांग्रेस ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। इस पुरानी पार्टी ने किसी का क़र्ज़ माफ़ नहीं किया है बल्कि किसानों को बेवकूफ बनाने का काम किया है। किसानों ने यह भी कहा कि जब कांग्रेसी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ असभ्य भाषा का उपयोग किया तो वे उससे क्रोधित हो गए और नारे लगाकर उन्होंने अपने गुस्से को जाहिर किया। किसानों का मोदी सरकार के समर्थन करने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश रातड़िया ने उनको भाजपा का कार्यकर्ता घोषित कर दिया। साथ ही उन्होंने भाजपा पर अन्य राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों को बिगाड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने अपने बयान में कहा ”बीजेपी वालों को राजनीतिक शिष्टाचार का पालन करना चाहिए कि जब किसी एक दल का कार्यक्रम चल रहा हो तो उसे बिगाड़ना नहीं चाहिए”।
दरअसल, मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले किसानों का कर्जा दस दिनों में माफ़ी करने की बात कही थी लेकिन अभी तक किसान परेशान है। ये कांग्रेस पार्टी के खोखले वादों की पोल खोलने के लिए काफी है जो सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करती रही है और आम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करती आई है। अगर सच में इस पार्टी को अपने राज्य के लोगों की चिंता होती तो शायद किसान सम्मान यात्रा में इस पुरानी पार्टी को किसनों के गुस्से का सामना अन्हीं करना पड़ता।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब किसी कांग्रेस की रैली या जनसभा में भाजपा के समर्थन में नारे लगे हों। इससे पहले ऊना में नोटबंदी के खिलाफ बुलाई गई रोष रैली में भी कांग्रेस ने अपनी किरकिरी कराई थी। इस रैली में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गलती से ‘मोदी ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए थे जिसके बाद रैली में एक अजीब-सा सन्नाटा पसर गया था। इससे पहले वर्ष 2017 में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पटना स्थित दफ्तर में भी तब हलचल मच गई थी जब वहाँ ‘नरेंद्र मोदी ज़िंदाबाद’ के नारे लगने शुरू हुए।
हालांकि कांग्रेस हर बार ऐसी घटनाओं में भाजपा का हाथ शामिल होने का आरोप लगाकर पल्ला झाड़ने का काम करती आई है लेकिन उसने आज तक आत्मचिंतन करने का साहस एक बार भी नहीं दिखाया। दरअसल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हमेशा इस बात से शिकायत रहती है कि पार्टी में उन्हें कभी भी सम्मान नहीं दिया जाता। वहीं आम जनता भी कांग्रेस के झूठे दावे सुन-सुनकर पक गई है। कांग्रेस द्वारा किया गए किसी भी वादे को अब जनता अपने गले से नीचे नहीं उतार पाती, और इसी का उदाहरण हमको मंदसौर में देखने को मिला है। एक तरफ कांग्रेस द्वारा किये गए कर्जमाफी के खोखले वादे हैं तो दूसरी तरफ मोदी सरकार द्वारा शुरू हुई सालाना 6 हज़ार की आर्थिक सहायता देने की योजना, देश के किसान भली भांति अपने नेता को चुनने का फैसला ले चुके हैं ।