दिल्ली सरकार के मुखिया शुरू से ही धर्म आधारित राजनीति करते आये हैं। इस बात को कोई नहीं भूला है कि कैसे अरविंद केजरीवाल ने अवैध रूप से दिल्ली के मुसलमानों से आम आदमी पार्टी के लिए वोट करने की अपील की थी। अब दिल्ली सरकार ने अपनी इसी सोच को दिल्ली के मासूमों पर थोप कर अपनी घटिया राजनीति का एक और सबूत देश के सामने रखा है। दरअसल, दिल्ली के एक स्कूल के 9वी कक्षा के सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र में पूछे गए कुछ सवालों पर बवाल मच गया है। ऐसा लगता है मानों इन सवालों को हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच घृणा पैदा करने की मंशा से प्रकाशित किया गया हो!
दरअसल, इस प्रश्न पत्र में कुछ बहुवैकल्पिक प्रश्नों के आपत्तिजनक विकल्प दिए गए थे। जैसे एक विकल्प में लिखा गया ‘रहीम जी का संगठन सरकार की नीतियों के विरोध में जंतर-मंतर पर शांतिपूर्वक धरना देना चाहता था परन्तु, इसकी इज़ाज़त नहीं दी गई’, इसी प्रश्न के एक अन्य विकल्प में लिखा गया ‘सीता जी को गिरफ्तार हुए दो वर्ष हो गए हैं परन्तु आज तक उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया’।
इसी तरह एक अन्य प्रश्न के विकल्प में लिखा गया ‘राम के देश में सभी फैसले राजा के द्वारा लिए जाते हैं जो लोगों के द्वारा चुना हुआ नहीं है’, जबकि उसी प्रश्न के एक अन्य विकल्प में लिखा गया ‘रहीम के देश में प्रत्येक व्यक्ति को समान मत का अधिकार है’।
विकल्पों से साफ़ ज़ाहिर है कि ये सवाल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखा गया है जो स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में हिंदुओं के प्रति घृणा पैदा करना चाहता हो! विकल्पों में हिंदुओं के पूज्य भगवान राम और सीता को अपराधों में जोड़कर दिखाना तथा भगवान ‘राम’ को एक दमनकारी राजा के तौर पर दिखाने की कोशिश करना बेहद निंदनीय है। इसी को लेकर दिल्ली से आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया ”हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों?, ये हैं दिल्ली में 9वीं क्लास का सोशल साइंस का पेपर? राम के देश में अत्याचार, रहीम के देश मे सब खुशहाल, सीता जेल में, रहीम को धरना देने की इजाजत नहीं। हिंदू धर्म के खिलाफ जहर इतना बच्चों के दिमाग घोला जा रहा हैं, शर्म करो @msisodia”।
https://twitter.com/KapilMishra_IND/status/1103848587828449280
पिछले साल दिसंबर में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि खट्टर सरकार लोगों को धर्म के आधार पर बांटकर गंदी राजनीति कर रही है लेकिन वही केजरीवाल अपने राज्य में प्रश्नपत्रों द्वारा बच्चों का ब्रेनवॉश किये जाने पर एकदम शांत बैठे हुए हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हैं जब केजरीवाल सरकार के राज में ऐसे ‘आपत्तिजनक’ प्रश्न पूछे गए हों! पिछले दिसंबर में दिल्ली सरकार के अधीन गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के लॉ के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में विवादित प्रश्न पूछे जा चुके हैं जिसमें यह सवाल पूछा गया था कि ”अहमद एक मुस्लिम है और रोहित, तुषार, मानव और राहुल की उपस्थिति में एक गाय को मारता है, जो हिंदू हैं। क्या अहमद ने कोई अपराध किया है?” ऐसे धार्मिक भेदभाव पैदा करने वाले प्रश्न पूछने वालो के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठाने की जरूरत थी लेकिन उस वक्त ऐसे उचित कदम नहीं उठाए गए जिसकी वजह से हमें एक बार फिर वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।